यदि आप चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान व्रत रख रहे हैं, तो सिंघाड़ा करी एक फल नाश्ते के रूप में एक अच्छा विकल्प हो सकता है। पारंपरिक फलाहार से ऊबकर मुंह का जायका बदलने के लिये सिंघाड़ा करी बना कर खा सकते हैं. सिंघाड़े की सब्जी के साथ राजगिरे की पूरी बहुत ही स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतमंद भी है. नवरात्रि के दौरान कई लोग नौ दिनों तक केवल फल खाते हैं। ऐसे में एक ही फ्रूट डाइट इतने लंबे समय तक काफी बोरिंग हो सकती है। ऐसे में अलग-अलग फलों को आजमाकर मुंह के स्वाद को बरकरार रखा जा सकता है।अगर आपने भी इस चैत्र नवरात्रि का व्रत रखा है तो आप सिंघाड़े के आटे की कढ़ी बना सकते हैं. सिंघाड़ा करी बनाने की विधि बहुत ही आसान है और इसे बनाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है. आइए जानते हैं सिंघाड़ा करी बनाने की रेसिपी।
सिंघाड़ा करी बनाने की सामग्री
सिंघाड़े का आटा - 1 कप
आलू उबले हुए- 2
जीरा - 3/4 छोटा चम्मच
हरी मिर्च - 2
काली मिर्च पाउडर - 1/2 छोटा चम्मच
धनिया पत्ती - 2 बड़े चम्मच
नींबू - 1/2
देसी घी - 2 बड़े चम्मच
सेंधा नमक - स्वादानुसार
सिंघाड़ा करी रेसिपी
अगर आप व्रत के लिये सिंघाड़े के आटे की सब्जी बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आलू को उबाल लीजिये और आलू को छील कर मोटा मोटा काट लीजिये. - इसके बाद हरी मिर्च और हरा धनिया बारीक काट लें. अब एक बर्तन में सिंघाड़े का आटा डालिये और इसमें लगभग 1 कप पानी डालकर घोल तैयार कर लीजिये. एक पैन में 2 टेबल स्पून देसी घी डालकर मध्यम आंच पर गरम होने के लिए रख दीजिए. घी के पिघलने पर जीरा और कटी हुई हरी मिर्च डाल कर भून लीजिए.
- कुछ सेकेंड बाद जब जीरा चटकने लगे तो इसमें उबले हुए आलू के टुकड़े डालकर चमचे की मदद से मिक्स करके फ्राई कर लें. 2 मिनिट आलू भूनने के बाद तैयार सिंघाड़े का घोल कढ़ाई में डालिये और चमचे से अच्छी तरह मिला दीजिये. - अब कढ़ी को 2-3 मिनिट तक पकने दें. - इसके बाद तरी में स्वादानुसार काली मिर्च पाउडर और सेंधा नमक मिलाकर पैन को ढक दें और सब्जी को पकने दें.सिंघाड़े की सब्जी को करीब 5 मिनिट ढककर रख दीजिये, इसमें बारीक कटा हरा धनिया और नीबू का रस डाल कर चमचे से चलाते हुये 1 मिनिट और पका लीजिये. इसके बाद गैस बंद कर दें। स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर सिंघाड़े के आटे की सब्जी बनकर तैयार है. इसे राजगिरा की पूरी के साथ परोसा जा सकता है।