बार बार होता है यूरिन इन्‍फेक्‍शन, करें ये 9 असरदार उपाय

Update: 2023-08-16 14:58 GMT
लाइफस्टाइल: यूं तो महिलाओं को कई बीमारियां परेशान करती हैं, लेकिन यूरिनरी ट्रैक्‍ट इंफेक्‍शन सबसे आम है। इसे यूटीआई के नाम से भी जानते हैं। इससे महिलाएं बहुत ज्‍यादा परेशान रहती हैं। कुछ महिलाओं को यह समस्‍या बार-बार परेशान करती है। इससे यूरिन में जलन से लेकर पेट दर्द और बुखार तक कई परेशानियां होती हैं।
अगर आपको भी यह समस्‍या बार-बार होती है, तो इस आर्टिकल में बताए 9 उपायों को आजमाकर राहत पाई जा सकती है। इनके बारे में हमें मैटरनल और चाइल्‍ड न्‍यूट्रिशनिस्‍ट डॉक्‍टर रमिता कौर बता रही हैं।
एक्‍सपर्ट का कहना है, ''महिलाओं के शरीर में मूत्रमार्ग यानी यूरेथ्रा काफी छोटा होता है। यह एक ऐसी नली है, जिसके माध्‍यम से यूरिन शरीर से बाहर निकलता है। महिलाओं के शरीर में यूरेथ्रा ब्लैडर से सीधा वेजाइना में खुलता है। ऐसे में इन्फेक्टेड टॉयलेट सीट का इस्‍तेमाल करने या हाइजीन की कमी से महिलाओं को यूटीआई हो जाता है। इन्‍फेक्‍शन फैलाने वाले बैक्टीरिया आसानी से ब्लैडर तक पहुंच जाते हैं। अगर यूटीआई का सही समय पर इलाज नहीं होता है, तो इन्‍फेक्शन ब्लैडर से किडनी में फैल सकता है। इससे किडनी पर भी असर पड़ता है।''
यूटीआई के लक्षण
यूटीआई होने पर ब्लैडर में इन्‍फेक्शन हो जाता है। साथ ही, यूटीआई होने पर ये लक्षण दिखाई देते हैं-
यूरिन में जलन
बार-बार टॉयलेट जाना
यूरिन में स्‍मैल आना
उल्टी आना
पेट और कमर के निचले हिस्से में दर्द
बुखार आना
ठंड लगना
यूरिन का रंग बदलना
इन बातों का रखें खास ख्‍याल
अगर आप उन महिलाओं में से एक हैं, जिन्हें बार-बार यूटीआई की समस्‍या परेशान करती है, तो आपको इन बातों से बचना चाहिए-
बहुत देर तक यूरिन रोकना
कम पानी पीना
कब्ज
खराब पर्सनल हाइजीन
टाइट कपड़े पहनना
यूटीआई से बचाव के आसान टिप्स
लहसुन खाएं
garlic for uti
खाली पेट लहसुन की 1 कली मैश करके खाएं। यह यूटीआई से लड़ता है और किडनी की सेहत में सुधार करता है। ताजा लहसुन के रस में ई कोली बैक्टीरिया के विकास को कम करने की क्षमता होती है, जो यूटीआई का कारण बनते हैं। इसके अलावा, लहसुन में एलिसिन, माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो यूटीआई समस्या को कम करते हैं।
आंवला खाएं
खाली पेट आंवले का 1 छोटा टुकड़ा खाएं। आंवला विटामिन-सी से भरपूर होता है और यह बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। इससे शरीर में मौजूद सारे विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। इससे पेट और किडनी साफ होती है और यूरीन इन्‍फेक्शन की समस्या नहीं होती है।
नारियल पानी
लिक्विड जैसे नारियल पानी, जौ का पानी आदि ज्‍यादा मात्रा में पिएं। नारियल पानी एंटी-बैक्‍टीरियल होता है, जो ब्लैडर के बैक्टीरिया को साफ करने में मददगार है। नारियल पानी पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और यूरिन इंफेक्शन से भी बचाव होता है।
इसके अलावा, जब वेजाइना में पीएच असंतुलित हो जाता है, तब इन्‍फेक्‍शन बढ़ने लगता है। ऐसे में नारियल पानी के इलेक्‍ट्रालाइट वेजाइना के पीएच लेवल को बैलेंस करते हैं।
व्‍हीटग्रास जूस
व्‍हीटग्रास में मिनरल्स, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और अमीनो एसिड मौजूद होते हैं। ये न सिर्फ शरीर के सभी जरूरी तत्‍वों की कमी को पूरा किया जा सकता है, बल्कि इससे तुरंत एनर्जी भी मिलती है। क्‍या आप जानते हैं कि यह यूटीआई की समस्‍या से बचाने में भी मदद करता है। सुबह खाली पेट व्हीटग्रास जूस पिएं।
क्रैनबेरी जूस
बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस पिएं। इसमें एंटी-बैक्‍टीरियल गुण होते हैं, जो यूरिन इन्‍फेक्‍शन से राहत पाने और बैक्‍टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं।
प्रोबायोटिक्स
गट में गुड बैक्‍टीरिया को बढ़ाने के लिए दही, छाछ, फर्मेंटेड फूड्स, अचार किमची आदि जैसे प्रोबायोटिक्स शामिल करें।
सेब का सिरका
लंच या डिनर से पहले 1 गिलास पानी में 1 चम्मच सेब का सिरका डालकर पिएं। इसमें पोटैशियम और अन्‍य कई मिनरल्‍स होते हैं जो बैक्‍टीरिया से बचाते हैं, जिसकी वजह से यूटीआई इन्‍फेक्‍शन होता है।
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