सोने से ठीक पहले फोन देखने के नुकसान से अनजान
रात में सोने से पहले फोन देखने की लत में तेजी से इजाफा
रात में सोने से पहले फोन देखने की लत में तेजी से इजाफा हो रहा है. लेकिन ऐसा करने वाले लोग इसके नुकसान से बेहद अनजान हैं. अगर आप जान लेंगे तो शायद आज ही रात में फोन देखना छोड़ दें.
फोन इस्तेमाल करने की आदत इस जनरेशन के लगभग सभी लोगों को हो गई है. साथ ही इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता है सोने से पहले फोन देखना या अपने पास रखना तो आम बात है, और ऐसा यकीनन 100 में से 100 लोग करते होंगे. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा करने पर कितना खतरनाक अंजाम हो सकता है. बात अगर सेहथ की तो हमें हर तरह से ध्यान रखना चाहिए. अगर आप भी सोने से पहले फोन देख कर सोते हैं तो आइए आज हम आपको बता रहे हैं इससे जुड़े नुकसान के बारे में.
पूरा समय दिमाग रहता है एक्टिव: जब लाइट बंद करके और सोने का समय होता है, तो हमारे मस्तिष्क को आराम चाहिए होता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि फोन को चेक करते रहने से आपका दिमाग उत्तेजित हो जाता है, और आप ज़्यादा एक्टिव और जागे हुए रहते हैं.
यहां तक कि फोन को एक क्विक चेक भी किया जाता है, तो यूज़र का दिमाग व्यस्त हो सकता है और इससे नींद में देरी हो सकती है. सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करने या कुछ काम के ईमेल का जवाब देने के बाद भी आपका दिमाग एक्टिव और व्यस्त रह सकता है.
Screen का प्रभाव है घातक: आपके फोन की नीली रोशनी एक आर्टिफिशियल कलर है जो दिन के उजाले की तरह हो सकता है. ये दिन के दौरान बहुत अच्छा हो सकता है, क्योंकि यह आपको ज़्यादा एक्टिव महसूस करवा सकता है, लेकिन रात में यह ठीक इसके विपरीत है, क्योंकि आपको रात में इसकी ज़रूरत नहीं होती है.
अध्ययनों से पता चला है कि आपके स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली रोशनी आपकी दृष्टि के लिए खराब है. साथ ही आपके नींद के लिए भी ये हानिकारक हो सकती है.
ईमोशन को खत्म करता है: बिस्तर पर जाना और सो जाना एक सुकून, खुश और आराम का एक्सपीरिएंस होना चाहिए. सोने के ठीक पहले अपने फोन के साथ समय बिताना आपके फीलिंग्स पर नेगेटिव इफेक्ट्स डाल सकता है.