होली को खास बनाने के लिए कोटा कचौरी ट्राई करे
होली पर गुझिया, मिठाइयां और मीठे पकवान खाकर कई बार लोग मीठास से ऊब जाते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | होली पर गुझिया, मिठाइयां और मीठे पकवान खाकर कई बार लोग मीठास से ऊब जाते हैं. फिर दिल करता है कि कुछ नमकीन या चटपटा हो जाए. ऐसे में कोटा में बनने वाले कड़के आपको जरूर ट्राई करने चाहिए. कड़के का कड़क स्वाद आपको झूमने पर मजबूर कर देगा. कोटा के लोग कहते हैं कि यदि कोटा की कचोरी यहां की रानी है तो कड़के राजा हैं.
कोटा में कोटा कचौरी और बेसन के कड़के दिवाली से लेकर होली तक हर त्यौहार को खास बनाते हैं और लोग कचौरी और कड़के चटखारे लेकर बड़े चाव से खाते हैं. आठये देखते है कोचिंग वाले शहर में कैसे स्वाद के राजा-रानी बन बैठे हैं कड़के और कचौरी?
दिन सामान्य हो या त्यौहारी, लेकिन कोटा में कचौरी को लेकर दीवानगी का यही आलम रहता हैं. लोग भले ही पिज्जा और बर्गर के दीवाने हों और त्यौहारी सीजन में भले ही प्रदेश की एक से बढ़कर एक रसभरी और स्वादिष्ट मिठाइयों के जायके की ख्याति सुनी हो, बट कोटा ऑलवेज कॉलिंग कचौरी.
वैसे दुकानदार बताते हैं कि त्यौहारी सीजन में कोटा कचौरी की डिमांड भी बढ़ जाती है. उदड़ की दाल से बनने वाली इस खास कचौरी के जायके का सफर रियासतकाल में शुरू हुआ जो आधुनिकता की निशानी समझे जाने वाले खान-पान पर भी भारी पड़ गया.
इसका अंदाज इसी बात से लगा सकते हैं कि कोटा में 350 से ज्यादा दुकानों और करीब इतने ही ठेलों पर हर रोज चार लाख से ज्यादा कचौरियां बनती और बिकती हैं, जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं. कचौरी का यही स्वाद रंगों के त्यौंहार होली तक में अपनी अलग सी नमकीन मौजूदगी दर्ज करवाता है. इसके मुरीद कभी चम्बल के खास पानी से घुले अलहदा स्वाद को वाह-वाह करते हैं तो कभी हिंग के तड़के में इसके डिफ्रेंट टेस्ट का मिजाज ढूंढते हैं.
स्वाद से लेकर स्वभाव तक में तीखेपन की बानगी माने जाने वाले कोटा में रानी-कचौरी के अलावा स्वाद की दुनिया का एक और राजा है जिसका नाम है-कड़के. बेसन से बनने वाले ये कड़के त्यौहारों को खास बनाते हैं. कोटा के कड़के देश के उन चुनिंदा नमकीनों में आते हैं जो अलसी के तेल में तैयार किये जाते हैं. कोटा के भीतरी शहर रामपुरा में एक पूरा बाजार केवल कड़कों की दुकानों का है.यहां बड़े-बड़े और लम्बे-लम्बे कड़के अपनी बनावट की तरह ही स्वाद में भी तीखापन और जुदा टेस्ट लिये रहते हैं.
ऐसे बनते हैं कड़के:
लौंग, लाल मिर्च और अजवाइन, हल्दी, नमक और आधा चम्मच हींग और लाल मिर्च का दरदरा. बनाने के हिसाब से मोटा बेसन लेकर और इन सबको तेल और पानी के साथ आटा गूंथने टाइप का पेस्ट बना लें. नमकीन निकलने वाली मशीन में ये पेस्ट डालकर अलसी के तेल में तल लेते हैं.