बच्चे के पैदा होने से पहले ही पेरेंट्स उसकी सेहत की चिंता करने लग जाते हैं। डिलीवरी के बाद जब बच्चा इस दुनिया में कदम रखता हैं तो उसे एक नया वातावरण मिलता हैं जिसमें ढ़लने में उसे समय लगता हैं। ऐसे में बच्चों में आम बीमारियां देखने को मिलती हैं जिनका सही उपचार करना जरूरी हैं अन्यथा बच्चे परेशान हो जाते हैं। बच्चों की आम बिमारियों को लेकर बरती गई लापरवाही चिंता का कारण बन सकती हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों की जानकारी लेकर आए हैं जिनकी मदद से छोटे बच्चों के आम रोगों का इलाज किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में।
गैस-कब्ज़
- आधा टीस्पून लहसुन के रस में आधा चम्मच घी मिलाकर पिलाएं। तुरंत गैस से राहत मिलेगी।
- चुटकीभर सेंकी हुई हींग का चूर्ण घी में मिलाकर चटाने से शिशु को गैस से आराम मिलता है।
- जीरा या अजवायन को पीसकर पेट पर लेप करने से वायु का अवरोध दूर होता है और बच्चा राहत महसूस करता है।
- हींग को भूनकर उसे पानी में घिसकर नाभि के चारों ओर लेप करें। गैस का शमन होगा और बच्चा चैन की सांस लेगा।
- रात को बीज निकाला हुआ छुहारा पानी में भिगो दें। सुबह उसे हाथ से मसलकर निचोड़ लें और छुहारे के गूदे को फेंक दें। छुहारे के इस पानी को बच्चे को आवश्यकतानुसार 3-4 बार पिलाएं। इससे कब्ज़ की शिकायत दूर होगी।
- बड़ी हरड़ को पानी के साथ घिसकर उसमें चुटकीभर काला नमक मिलाएं। इसे गुनगुना करके आवश्यकतानुसार दिन में 2-3 बार बच्चे को दें। अवश्य लाभ होगा।
खांसी-ज़ुकाम
- शिशु को खांसी-ज़ुकाम हो, तो थोड़ा-सा सरसों का तेल प्रतिदिन उसकी छाती पर मलें। शीघ्र ही आराम होगा।
- थोड़ा-सा सोंठ का चूर्ण गुड़ व घी के साथ मिलाकर चटाने से बच्चे की खांसी-ज़ुकाम ठीक होती है।
- आधा इंच अदरक व 2 तेजपत्ता को एक कप पानी में भिगोकर काढ़ा बनाएं। इसमें एक चम्मच मिश्री मिलाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में दिनभर में तीन बार पिलाएं। खांसी-ज़ुकाम दो दिन में ठीक हो जाएगा।
- बच्चे की छाती पर कफ़ जम जाए, तो उसकी छाती पर थोड़ा गाय का घी मलें। इससे कफ़ पिघलकर बाहर आ जाएगा और बच्चे को आराम मिलेगा।
बुख़ार
- कालीमिर्च के चूर्ण में 125 मि।ग्रा। तुलसी का रस व शहद मिलाकर दिन में तीन बार दें।
- बुख़ार तेज़ हो, तो प्याज़ को बारीक़ काटकर पेट व सिर पर रखें। बुख़ार कम होने लगेगा।
- बुख़ार में सिरदर्द हो, तो गर्म पानी या दूध में सोंठ का चूर्ण मिलाकर सिर पर लेप करें या जायफल पानी में पीसकर लगाएं।
- बुख़ार में पसीना अधिक हो, हाथ-पैरों में ठंड लगे, तो सोंठ के चूर्ण को हल्के हाथों से लगाएं। लाभ होगा।
मतली
- 1-1 टीस्पून अदरक का रस, नींबू का रस और शहद को मिलाकर चटाएं।
- आधा-आधा टीस्पून अदरक व प्याज़ का रस मिलाकर पिलाएं।
- चुटकीभर अजवायन और लौंग का चूर्ण लेकर शहद के साथ चटाएं।
- छोटी इलायची को भूनकर उसका कपड़छान चूर्ण बनाएं। चुटकीभर चूर्ण आधा चम्मच नींबू के रस में मिलाकर खिलाएं।
- इलायची के छिलकों को जलाकर उसकी भस्म चटाने से भी मतली में लाभ होता है।
नींद में डरना
- सर्दी के मौसम में एक से दो ग्राम सौंफ पानी में उबालकर उसे छान लें। इसे रात को सोने से पहले बच्चे को पिला दें। इससे नींद में डरने की शिकायत दूर होगी।
- गर्मी के मौसम में छोटी इलायची का एक ग्राम अर्क सौंफ के उबले हुए पानी के साथ पिलाएं। नींद में डरने की आदत छूट जाएगी।