शारीरिक एकाग्रता बनाए रखने के लिए करें ये ट्री-पोज का योगसन

शरीर को सीधा रखने, अनावश्यक झुकाव से बचने आदि के लिए शारीरिक संतुलन का ठीक बने रहना आवश्यक माना जाता है।

Update: 2022-06-05 06:42 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शरीर को सीधा रखने, अनावश्यक झुकाव से बचने आदि के लिए शारीरिक संतुलन का ठीक बने रहना आवश्यक माना जाता है। हालांकि जीवनशैली की गड़बड़ी के कारण लोगों में संतुलन और शारीरिक मुद्रा बिगड़ने की समस्या काफी बढ़ गई है। शारीरिक संतुलन बिगड़ने के कारण चोट लगने का खतरा भी बढ़ सकता है, इन परेशानियों से बचे रहने के लिए विशेषज्ञ सभी लोगों को दैनिक रूप से योगासनों के अभ्यास की सलाह देते हैं।

योगासन, शारीरिक मुद्रा, संतुलन, स्थिरता में सुधार करने के साथ आपके कोर को मजबूती देने में भी सहायक होते हैं। जिन लोगों को शारीरिक समन्वय या संतुलन बनाने में दिक्कत होती रहती है, ऐसे लोगों के रोजाना ट्री-पोज योग के अभ्यास से लाभ मिलता है।
ट्री पोज या वृक्षासन के अभ्यास में शरीर की स्थिति पेड़ नुमा बनानी होती है। इस अभ्यास में पैरों से लेकर हाथों की सभी बड़ी मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग हो जाती है। शारीरिक एकाग्रता और समन्वय को व्यवस्थित बनाए रखने के लिए भी ट्री-पोज योग का नियमित अभ्यास किया जा सकता है। आइए इस योग के करने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ट्री-पोज योग का अभ्यास कैसे किया जाता है?
ट्री-पोज योग का अभ्यास आसान है और इसे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, सभी आयु के लोग आसानी से कर सकते हैं। शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत के लिए इस योग के अभ्यास की आदत आपके लिए फायदेमंद मानी जाती है। इस योग को करने के लिए सीधे सीधे खड़े होकर अपने दाहिने घुटने को मोड़कर दाएं पैर को बाईं जांघ पर रखें। बाएं पैर को सीधा रखते हुए शरीर का संतुलन बनाएं। अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं और अपनी हथेलियों को एक साथ मिलाकर 'नमस्ते' मुद्रा में लाएं। कुछ समय तक इसी अवस्था में रहें और फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
ट्री-पोज योग से क्या लाभ होता है?
योग विशेषज्ञ बताते हैं, वृक्षासन योग शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को फिट बनाए रखने में आपके लिए सहायक है। ट्री-पोज, आपकी शारीरिक मुद्रा, संतुलन और शरीर की जागरूकता को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए वृक्षासन योग को लाभदायक माना जाता है, यह तनाव और चिंता कम करने में भी सहायक है।
पैरों से लेकर पीठ और बाहों को स्ट्रेच करके, आपको स्फूर्ति प्रदान करने में इसे सहायक माना जाता है।
साइटिका की समस्या में राहत दिलाने वाला योगासन।
पैरों को मजबूत बनाने और जोड़ों को स्वस्थ रखने वाला योग।
ऐसे लोगों को बरतनी चाहिए सावधानी
वैसे तो वृक्षासन योग का अभ्यास हर किसी के लिए फायदेमंद है, पर कुछ स्थितियों में इसे करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। गर्भावस्था में इसके अभ्यास से पहले योग विशेषज्ञ से बात करें, क्योंकि इसमें शारीरिक संतुलन के बिगड़ने का जोखिम हो सकता है। जिन लोगों को घुटने मोड़ने में दिक्कत होती है उनके लिए भी यह अभ्यास कठिन हो सकता है।
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