यूं पाएं मुक्ति कब्ज़ के कब्ज़े से!

Update: 2023-05-12 14:25 GMT
भारत में हर पांच में से एक व्यक्ति कब्ज़ से परेशान है. इसकी कई वजहें हैं, जैसे-जंक फ़ूड, शराब, धूम्रपान, तनाव, ग़लत आहार, ग़लत दवाएं, अनियमित सुस्त जीवनशैली. हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार भारत की 14% शहरी आबादी कब्ज़ से पीड़ित है. कब्ज़ के कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है, उसका मन काम में नहीं लगता, तनाव बढ़ जाता है और ख़राब पेट अक्सर शर्मिंदगी का कारण भी बन जाता है.
कब्ज़ एक ऐसी समस्या है जिससे आज भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में करोड़ों लोग परेशान हैं. आपको यह बता दें कि 70 से 80 फ़ीसदी बीमारियों की शुरुआत पेट या पाचन क्रिया में असंतुलन से होती है. अक्सर कब्ज़ को हम हल्के में लेते हैं और इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं. जिसकी वजह से एसिडिटी, सिर में दर्द, बवासीर, आंखों की समस्याएं, जी घबराना, अनिंद्रा, आंतों और पेट में दर्द आदि होता है. कब्ज़ से हमें कई ख़तरनाक बीमारियां हो सकती हैं. यहां हम आपको बताएंगे कि इससे कैसे बचा जा सकता है.
ईसबगोल
ईसबगोल को संस्कृत में ‘स्निग्धबीजम्’ भी कहा जाता है. इसमें लैक्सटिव गुण पाया जाता है और यह फ़ाइबर से भरपूर होता है. यह कब्ज़ और दस्त दोनों में लाभकारी होता है. रात को दो छोटे चम्मच ईसबगोल पानी या दूध में भिगोएं और सुबह इसमें गुड़ या शक्कर डालकर पीने से कब्ज़ की समस्या दूर होती है.
अलसी
अलसी में प्रचुर मात्रा में ओमेगा फ़ैटी एसिड होता है, जो औषधीय रूप से गुणकारी माना जाता है. अलसी को पीसकर पाउडर बना लें और इस पाउडर को एक गिलास पानी में पूरी रात डाल कर कुछ घंटों के लिए छोड़ दें. सुबह इसे छानकर ख़ाली पेट पिएं. यह कब्ज़ में राहत पहुंचाने का काम करेगी.
त्रिफला चूर्ण
कब्ज़ को दूर करने के लिए त्रिफला चूर्ण सबसे उत्तम माना जाता है. यह एक आयुर्वेदिक चूर्ण है जो आंवला, हरड़ और बहेड़ा से बना है. इसलिए इसे त्रिफला यानी तीन फलों से बना कहा जाता है. इसमें ग्लाइकोसाइड नामक तत्व होता है, जो पाचन में मदद करता है. तांबे के बरतन में रातभर रखे पानी में छोटा चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर पीने से कब्ज़ में जल्द राहत मिलती है.
मुनक्का
मुनक्का पेट के लिए लाभकारी माना जाता है. अंगूर को विशेष रूप से सुखाया जाता है तब वो मुनक्का बनता है. मुनक्का दो प्रकार के होते हैं-लाल मुनक्का और काला मुनक्का. इसे खाने से शरीर में ख़ून बढ़ता है और वात, पित्त, कफ़ दोष भी दूर होता है. बीज निकले हुए मुनक्के को रात में पानी या दूध में भिगोकर रखें और सुबह उसे खा लें और साथ में उसका पानी भी पी लें. यह तरीक़ा कब्ज़ में कारगर साबित होता है.
अजवायन
अजवायन में कार्बोहाइड्रेट, आयोडीन, सोडियम, सेपोनिन, पोटैशियम, थायमिन, थाइमोल, टेनिन, फ़ास्फ़ोरस और रिबोफ़्लेविन जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर से जुड़ी बहुत-सी समस्याओं में राहत पहुंचाते हैं. जैसे-सिर दर्द, मुंह की दुर्गंध, गठिया, पीरियड्स में अनियमितता, अनिद्रा, भूख में कमी. इतना ही नहीं, पेट से जुड़ी बहुत-सी समस्याओं को दूर करने का बेहतरीन विकल्प है अजवायन. इसमें मौजूद थिम्बोल केमिकल पाचन क्रिया को सुचारु रूप से चलाने में सहयोग करता है और गैस की समस्या को भी दूर करता है. एक ग्लास पानी में एक चौथाई अजवायन पाउडर और एक चुटकी नमक मिलाएं. अब उसमें आधा नींबू का रस मिला लें. इसे हर दिन सुबह पिएं. इसे पीने के कुछ ही मिनटों में आपका पेट साफ़ हो जाएगा.
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