स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी हैं कि शरीर में सभी पोषक तत्वों की पूर्ती हो। प्रोटीन एक ऐसा ही पोषक तत्व हैं जो शरीर को मजबूती प्रदान करता हैं और त्वचा, मांसपेशियों और हार्मोन के विकास में जरूरी होता हैं। शरीर में प्रोटीन की कमी बीमारियों को शरीर में प्रवेश करने का मौका देती हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि समय रहते जाना जाए कि आपके शरीर में प्रोटीन की कमी हो रही हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्रोटीन की कमी की ओर इशारा करते हैं। इन संकेतों को नजरअंदाज करना सेहत पर भारी पड़ सकता हैं। तो आइये जानते हैं प्रोटीन की कमी को दर्शाने वाले लक्षणों के बारे में।
मांसपेशियों में दर्द
मांसपेशियों के निर्माण में प्रोटीन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भोजन में प्रोटीन की कमी होने पर मांसपेशियों में दर्द और खिंचाव महसूस होने लगता है। साथ ही मांसपेशियां अपनी ज़रूरत को पूरा करने के लिए हड्डियों से प्रोटीन सोखने लगती हैं, जिसके कारण हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं।
फैटी लिवर/ लिवर में फैट जमा होना
बॉडी में प्रोटीन की कमी होने पर फैटी लिवर की समस्या होने लगती है, जिससे लिवर में सूजन, लिवर में घाव या लिवर फेलियर का रिस्क बढ़ जाता है। मोटापे से परेशान लोग और अधिक अल्कोहल का सेवन करने वाले लोगों में फैटी लिवर की समस्या होने की आशंका अधिक होती है।
शरीर में सूजन
शरीर में सूजन आने का एक कारण प्रोटीन की कमी हो सकता है। चिकित्सीय भाषा में इसे एडिमा कहते हैं। जब भी शरीर के किसी भी भाग में सूजन महसूस हो तो, तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।
बाल टूटना
हेल्दी बालों की ग्रोथ के लिए प्रोटीन बहुत ज़रूरी होता है, लेकिन शरीर में प्रोटीन की कमी होने पर बालों की प्राकृतिक चमक फीकी पड़ने लगती है, उनमें रूखापन बढ़ने लगता है और बाल टूटने लगते हैं।
बार-बार भूख लगना
भोजन में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न लेने पर जल्दी-जल्दी भूख लगती है। बार-बार खाने की क्रेविंग होती है, जिससे वज़न बढ़ता है। बार-बार लगनेवाली भूख से बचने के लिए ज़रूरी है कि खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं।
नाखून कमज़ोर होना
प्रोटीन की कमी के कारण नाखूनों की प्राकृतिक सुंदरता कम होने लगती है। नाखून बार-बार टूटते रहते हैं। उनमें अंदरूनी संक्रमण पनपने लगता है, जिसके कारण वे काले और कमज़ोर दिखाई देने लगते हैं।
हड्डी टूटना
भोजन में सही और पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न लेने पर केवल मांसपेशियों में दर्द नहीं होता, बल्कि हड्डियों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। प्रोटीन की कमी से जोड़ों में मौजूद तरल पदार्थ का निर्माण कम हो जाता है। इससे शरीर का लचीलापन घट जाता है, इसके अतिरिक्त हड्डियां कमज़ोर पड़ने लगती हैं और उनके टूटने का खतरा काफी बढ़ जाता है।