स्वस्थ भोजन शरीर और दिमाग दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। जब हम अच्छा खाते हैं, तो हम अच्छा महसूस करते हैं। और जब हम अच्छा महसूस करते हैं, तो हम ज्यादा खुश रहते हैं। इसलिए समझदारी इसी में है, कि आप स्वस्थ चीजें खाएं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे हेल्दी फूड आइटम्स की लिस्ट लेकर आए है जिनका सेवन आपको स्वस्थ रख सकते है...
एवोकाडो
- एवोकाडो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
- यदि रोज इस फल का सेवन करा जाए तो पाचन तंत्र, दिल के रोग, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है साथ ही साथ हड्डियों के विकास के लिए भी फायदेमंद है।
- एवाकाडो में मैग्नेशियम पाया जाता है जो कब्ज जैसे बीमारियों से निजात दिलाता है। यदि आपको पेट की कोई भी समस्या जैसे कब्ज,अपच, पेट में दर्द या भारीपन रहता हो तो आप इस फल का सेवन कर सकते है।
- सप्ताह में एक या दो एवोकाडो के सेवन से आपको हेल्दी मोनोसैचुरेटेड फैट, पोटेशियम, फोलेट्र विटसमिन के, सी, बी-5, बी-6 और विटामिन ई मिलेगा।
- पौष्टिकता से भरपूर होने के नाते इसका काम कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड लेवल को कम करना है। इसके अलावा यह न केवल आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाता है, बल्कि गठिया के लक्षणों से राहत देने और कैंसर की रोकथाम के लिए भी स्वस्थवर्धक माना गया है।
- पेट के लिए एवाकोडो का फल बहुत अच्छा और हेल्दी माना जाता है। क्योंकि इसमें फाइबर होता है जो हमारे हाजमे को दुरुस्त करता है। और डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखने में भी फायदेमंद होता है।
मसूर की दाल
- मसूर दाल भारतीय व्यंजनों का मुख्य हिस्सा है। मसूर दाल पोषण और औषधीय गुणों का भंडार है।
- मसूर दाल को कैलोरी और प्रोटीन का अनोखा मेल माना जा सकता है, जो स्वस्थ और सही पोषण देने में कारगर हो सकती है।
- मसूर में फाइबर, प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होने के चलते यह हार्ट, वजन घटाने और ब्लड शुगर लेवल में हो रहे उतार-चढ़ाव से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।
- मसूर की दाल मधुमेह, मोटापा, कैंसर और हृदय रोग आदि के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
- मसूर दाल न सिर्फ लोकप्रिय पौष्टिक भोजन है, बल्कि यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत भी है।
- मसूर दाल माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (सूक्ष्म पोषक तत्व) पाए जाते हैं और साथ में प्रीबायोटिक कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं। प्रीबायोटिक कार्बोहाइड्रेट वो होते हैं, जिन्हें पचाना आसान होता है।
- मसूर की दाल में फाइबर और प्रोटीन की अधिक मात्रा पाई जाती है। ये भूख को तुरंत शांत कर सकते हैं और वजन बढ़ने की समस्या को रोक सकते हैं।
- मसूर दाल के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। मसूर दाल में एंटी कोलेस्टेरोलेमिक प्रभाव भी होता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि मसूर की दाल कोलेस्ट्रॉल को कम कर हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकती है।
- मसूर की दाल रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है, जो हृदय रोग के जोखिम कारकों में से एक है।
- मसूर दाल में डायबिटिक पेशेंट और स्वस्थ मनुष्यों में ब्लड शुगर, लिपिड व लिपोप्रोटीन मेटाबॉलिज्म में सुधार करने की क्षमता होती है। इसमें पाई जाने वाली उच्च फ्लेवोनोइड और फाइबर सामग्री ब्लड शुगर की मात्रा को बढ़ने से रोक सकती है।
- मसूर दाल में ऐसे पेप्टाइड्स पाए जाते हैं, जो शरीर में एंटीमाइक्रोबियल यानी जीवाणु रोधी गतिविधि को बढ़ा सकते हैं। इससे शरीर में किसी भी तरह के संक्रमण (इन्फेक्शन) का जोखिम कम हो सकता है।
- मसूर की दाल में पाए जाने वाले लेक्टिन (एक प्रकार का प्रोटीन) में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो मसूर की दाल में मौजूद फेनोलिक यौगिकों के साथ मिलकर ट्यूमर के बढ़ने की प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं।
- मसूर की दाल में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस होता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में सहायता कर सकते हैं।
- मसूर की दाल दिमाग से जुड़ी समस्याओं से बचाने में भी सहायक हो सकती है।
- मसूर की दाल में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। प्रोटीन मासंपेशियों के विकास और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- मसूर की दाल से बने फेस मास्क त्वचा को कई लाभ दे सकते हैं। इसके इस्तेमाल से त्वचा की अशुद्धियां दूर हो सकती हैं।
डार्क चॉकलेट
डार्क चॉकलेट में 50 से 90 प्रतिशत अधिक कोका सॉलिड, कोको बटर और चीनी मौजूद होती है। इसमें आयरन, कॉपर, फ्लैवनॉल्स, जिंक व फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माने जाते हैं।
- चॉकलेट में ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसके सेवन से कैंसर, ह्दय से जुड़ी बीमारियां दूर हो जाती हैं।
- डार्क चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ-साथ कई तरह के ऐसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं। जो आपके दिमाग से लेकर दिल तक को हेल्दी रखने का काम कर सकते हैं।
- चॉकलेट में पाए जाने वाला को फ्लैवनॉल एक बेहतरीन एंटी एजर के रूप में काम करता है। ये हमारी बढ़ती उम्र के लक्षणों को जल्दी नहीं आने देता है।
- चॉकलेट में पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट हमारी त्वचा को तरोताजा रखने में मदद करता है। यदि आप चॉकलेट का सेवन करें, तो जल्दी रिंकल्स की टेंशन से फ्री हो सकते हैं।
- जो वयस्क नियमित रूप से चॉकलेट खाते हैं, उनका बॉडी मास इंडेक्स चॉकलेट न खाने वालों की तुलना में कम रहता है। इससे वजन को घटाने में मदद मिल सकती है।
- डॉर्क चॉकलेट खाने से पुरुषों की सेक्सुअल हेल्थ बेहतर होती है। वह बेडरूम में बेहतर परफॉर्म कर सकते हैं।
- डार्क चॉकलेट खाने से डिप्रेशन दूर होता है। इसमें पाए जाने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करने वाले हार्मोन को नियंत्रित करते हैं जिससे तनाव कम होता है।
- चॉकलेट खाने से कॉलस्ट्रोल की मात्रा कम होती है। यह शरीर में मौजूद खराब कॉलस्ट्रोल को कम करने के साथ-साथ अच्छे कॉलस्ट्रोल को बनाने में मदद करती है।
- चॉकलेट खांसी में भी बहुत फायदेमंद होती है। इसके साथ ही दस्त लगने पर भी चॉकलेट का सेवन करना लाभकारी रहता है।
- चॉकलेट खाने से हमारा ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है जिसके कारण हमें दिल की बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है।
- सर्दी-जुकाम से बचाव के लिए डार्क चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है।
- चॉकलेट के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण की बात की जाए, तो फ्लेवनॉल युक्त कोको के सेवन से सूजन कम हो सकती है। यह वैस्कुलर सूजन को रोक सकती है या कम कर सकती है।
- डार्क चॉकलेट का सेवन आंखों को भी स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है।
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लहसुन
बेशक लहसुन की गंध हर किसी को बर्दाश्त नहीं होती, लेकिन आपके स्वास्थ्य के लिए यह बहुत अच्छा है। लहसुन का उपयोग वर्षों से बीमारियों से लडऩे के लिए किया जाता रहा है।
- लहसुन का सेवन करना उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जिनका खून गाढ़ा होता है। लहसुन ब्लड क्लॉटिंग को रोकता है इसलिए सुबह के समय खाली पेट 1 कली लहसुन का सेवन करना चाहिए।
- रोज खाली पेट लहसुन की कच्ची कली का सेवन कील-मुंहासे की समस्या से निजात दिलाता है।
- लहसुन अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के चलते कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है। यदि आप लहसुन का नियमित सेवन करते हैं, तो आपका ब्लडप्रेशर व ब्लड शुगर दोनों ही नियंत्रण में रहेंगे।
- इंफेक्शन को दूर भगाने में भी लहसुन काफी महत्वपूर्ण है।
- प्रतिदिन खाली पेट लहसुन का सेवन करें, यह आपके बढ़ते वजन को कम करने में मदद करेगा।
- पेट की समस्या से निजात दिलाने में भी लहसून कारगर है इसके सेवन से पेट की समस्या से निजात मिलता है।
- गठिया के दर्द में भी लहसून का इस्तेमाल किया जाता हैं।
- फंगल इंफेक्शन को दूर करने में भी लहसून का इस्तेमाल किया जाता है।
- लहसुन पेट संबंधी विकारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके सेवन से कब्ज, गैस, एसिडिटी, बदहजमी में बहुत जल्द आराम मिलता है। इसके लिए जब कभी पेट संबंधी विकार उतपन्न हो, तो लहसुन का सेवन कर सकते हैं।
चुकंदर
- चुकंदर आयरन का अच्छा सोर्स हैं। चुकंदर में सोडियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, सल्फर, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन, विटामिन बी1, बी2 और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है।
- चुकंदर के जूस से शरीर की सहनशीलता को बढ़ाने में काफी मदद मिलती है।
- चुकंदर के सेवन से हड्डियों को मजबूत बनाया जा सकता है। दरअसल चुकंदर में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं।
- चुकंदर में हाई न्यूट्रिशन वेल्यू, पानी और जीरो फैट जैसी खूबियां हैं इसके सेवन से पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है।
- जिन महिलाओं को एनीमिया की परेशानी है चुकंदर उनके लिए वरदान है। चुकंदर के पत्ते भी खून की कमी को दूर करने में बहुत ही उपयोगी होते हैं। इसमें आयरन की बहुत ज्यादा मात्र पायी जाती है और आयरन लाल रक्त कणों की बढ़ोत्तरी करने में सहायक होता है।
- डायबिटीज के रोगियों के लिए चुकंदर बहुत लाभदायक होता है। इसके सेवन से ना केवल मीठा खाने की तलब को शांत किया जा सकता है
- पुरुष चुकंदर का इस्तेमाल यौन स्वास्थ्य के लिए करते थे। चुकन्दर नाइट्रिक ऑक्साइड से भरपूर होता है जिससे रक्त वाहिनियों का विस्तार होता है और निजी अंगों में खून का दौरा बढ़ता है।
- चुकन्दर का जूस पीने से व्यक्ति का स्टैमिना 16 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। शरीर में ऑक्सीजन बढ़ने से दिमाग भी ठीक प्रकार से अपना काम कर पाता है।
- मोटापे की समस्या से परेशान हैं तो चुकंदर का फायदेमंद हो सकता है। चुकंदर में बहुत कम कैलोरी पाई जाती है जो वजन घटाने में मददगार हो सकता है।
- चुकंदर में बीटा-कार्टेन पाया जाता है जो विटामिन 'ए' का एक रूप होता है। विटामिन 'ए' हमारी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।
- चुकंदर का जूस रेगुलर पीने से कार्डियोवस्क्यूलर डिसीज यानी दिल से जुड़े रोगों का खतरा कम होता है।
- चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट ब्लड फ्लो को सपोर्ट करके एजिंग पर पड़ने वाले प्राकृतिक प्रभाव और ब्रेन फंक्शन को भी दुरुस्त करने में मदद कर सकता है।
नींबू
- हेल्थ इंडस्ट्री में नींबू को दुनिया के सबसे स्वस्थ भोजन में से एक माना गया है।
- यह खट्टा फल मजबूत एंटीइंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर है।
- नींबू विटामिन सी का बेहतर स्रेत है। साथ ही इसमें विभिन्न विटामिन्स जैसे थियामिन, रिबोफ्लोविन, नियासिन, विटामिन बी- 6, फोलेट और विटामिन-ई की थोड़ी मात्रा मौजूद रहती है।
- नींबू के सेवन से खराब गले, कब्ज, किडनी और मसूड़ों की समस्याओं में राहत मिलती है।
- नींबू के सेवन से ब्लड प्रेशर और तनाव को कम करता है। त्वचा को स्वस्थ बनाने के साथ ही लिवर के लिए भी यह बेहतर होता है।
- पाचन क्रिया, वजन संतुलित करने और कई तरह के कैंसर से बचाव करने में नींबू पानी मददगार होता है।
- नींबू पानी में कई तरह के मिनरल्स जैसे आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, पोटैशियम और जिंक पाए जाते हैं।
- नींबू पानी का सेवन किडनी स्टोन से राहत पहुंचाता है। नींबू पानी पीने से शरीर को रिहाइड्रेट होने में मदद मिलती है और यह यूरीन को पतला रखने में मदद करता है। साथ ही यह किडनी स्टोन बनने के किसी भी तरह के खतरे को कम करता है।
- नींबू शरीर से फैट को कम करने में मदद कर सकता है। नींबू को विटामिन-सी का भी अच्छा स्रोत माना गया है और वजन घटाने के लिए विटामिन-सी सबसे खास तत्व माना जाता है
- वजन घटाने के लिए कई लोग नींबू पानी में शहद का सेवन भी करते हैं, जो वजन घटाने के लिए एक सुरक्षित घरेलू उपाय हो सकता है
- नींबू का सेवन कैंसर से बचाता है। नींबू में मौजूद फ्लेवोनोइड्स एंटीकैंसर के रूप में काम कर सकते हैं।
- नींबू विटामिन-सी से समृद्ध होता है और इससे बैक्टीरिया व वायरस के कारण होने वाले संक्रमण से बचाव करने में मदद मिल सकती है।
- नींबू का रस हृदय को स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभा सकता है।
- नींबू जैसे सिट्रिक फल फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होते हैं, जो एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक जमना) के उपचार में मदद कर सकते हैं।
- नींबू या नींबू रस लिवर के लिए भी काफी फायदेमंद हो सकता है। नींबू जूस लिवर की सूजन और चोट में सुधार करने में सहायक हो सकता है।
- हासों से प्रभावित त्वचा पर नींबू का जूस या नींबू का तेल लगाया जा सकता है।
- झुर्रियों को कम करने के लिए नींबू कारगर हो सकता है। नींबू में मौजूद विटामिन-सी झुर्रियों को हटाकर एजिंग के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।