डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए शक्कर के ये 8 विकल्प

Update: 2023-05-04 12:56 GMT
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एक अनुमान के अनुसार भारत में 77 मिलियन यानी सात करोड़ सत्तर लाख से अधिक लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं. डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है, जो अपने साथ-साथ कई और बीमारियों को साथ लाती है. कोरोना वायरस के आने के बाद डायबिटीज़ की पहचान अधिक जोख़िम वाली बीमारियों में की गई और हम सबने यह नोटिस भी किया कि कोरोना उन लोगों के लिए प्राणघातक साबित हो रहा है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी है. ऐसे में हमें अपने खानपान को लेकर पहले से अधिक सतर्क रहने की ज़रूर है. डायबिटीज़ पीड़ितों को और भी अधिक.
डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए सबसे अधिक परेशानी का सबब मीठा होता है. डायबिटीज़ के बढ़ने की वजह शक्कर होती है ऐसे में उस पर लगाम लगाना ज़रूरी हो जाता है. अगर समय रहते परहेज़ ना करें, तो डायबिटीज़ का लेवल बढ़ता जाता है, जिससे जान का ख़तरा भी होता है. हालांकि पूरी तरह से मीठे से मुंह मोड़ पाना बहुत मुश्क़िल होता है, इसलिए हम यहां पर शक्कर की जगह 8 सेहतमंद विकल्पों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप अपने डॉक्टर की सलाह पर अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं.
आर्टिफ़िशियल स्वीटनर
स्नैक्स और ड्रिंक्स में इस्तेमाल किया जाना वाला इस समय का सबसे पसंदीदा शुगर विकल्प है. आर्टिफ़िशियल स्वीटनर रोज़ाना इस्तेमाल की जानेवाली शक्कर के मुक़ाबले बहुत मीठा होता है, लेकिन इसमें कैलोरी ना के बराबर होती है और यही कारण है कि आजकल यह चर्चा में है. वज़न घटाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. डायबिटीज़ के मरीज़ मीठे की क्रेविंग कम करने के लिए इसे अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं. हालांकि ऐसा डॉक्टर की सलाह लिए बिना ना करें.
प्राकृतिक शहद
रॉ या जंगल से मिलने वाला शहद दुनिया के पसंदीदा मिठास में से एक है. यह ना केवल एक स्वीटनर है, बल्कि इसमें मौजूद विटामिन बी 6, एंज़ाइम, ज़िंक, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स, फ़ॉस्फोरस, नियासिन, और राइबोफ़्लेविन की अच्छी मात्रा इसे एक हेल्दी फ़ूड बनाती है. ये सभी पोषक तत्व गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को उत्तेजित करने में भी सक्षम होते हैं. हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि शहद पूरी तरह से अनप्रॉसेस्ड होना चाहिए. आप इसे सीधे मधुमक्खी पालाकों से प्राप्त कर सकते हैं, जो अनपाश्चराइज़्ड फ़ॉरेस्ट शहद बेचते हैं. प्रॉसेस्ड शहद पाश्चराइज़ेशन प्रक्रिया के दौरान अपने अधिकांश पोषक तत्व खो देता है और आपको पूरा पोषण नहीं मिल पाता है.
खजूर
प्राचीन काल से ही खजूर और उससे बना मीठा लोगों का पसंदीदा रहा है. इसमें बहुत सारे पोषक तत्व, जैसे मैग्नीशियम, विटामिन बी 6, पोटैशियम, कॉपर, मैंगनीज़ और आयरन होता है. खजूर, शरीर में कॉलेस्टेरॉल लेवल को नियंत्रित करता है, साथ ही कार्बोहाइड्रेट, फ़ैट और प्रोटीन के अवशोषण में मदद करता है. खजूर स्ट्रोक के जोख़िम को कम करता है. इसे पचाना भी आसान होता है.
स्टेविया
पेय पदार्थों में मिठास जोड़ने के लिए इस पौधे का इस्तेमाल सदियों से एक प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में होता आ रहा है. मिठास पौधे की पत्तियों में होती है. इसे वज़न कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. रोज़ाना प्रयोग होनेवाली शक्कर की तुलना में यह लगभग 200 गुना अधिक मीठा होता है. इसका उपयोग लिक्विड फ़ॉम, बेकिंग मिक्स, पाउच और डिसॉल्वेबल टैबलेट के रूप में किया जा सकता है. इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है. इसमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट भी नहीं होता है.
कोकोनट शुगर
नारियल को उसके अलग-अलग फ़ायदों व उपयोग के लिए जाना जाता है, जिसमें काकोनट शुगर भी शामिल है. इस स्वादिष्ट प्राकृतिक स्वीटनर ने अपने कम ग्लूकोज़ कॉन्टेंट और मिनिरल्स जैसे आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, ज़िंक और ऐंटी-ऑक्सिडेंट आदि की प्रचुरता के कारण लोकप्रियता हासिल की है. दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में नारियल प्रचुर मात्रा में उगाया जाता है, जो इसे और भी बेहतर विकल्प बनाता है.
बनाना पेस्ट
केले में फ़ाइबर और पोटैशियम के साथ-साथ विटामिन बी 6 और विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है. अपनी मिठास के कारण केले व उसके पेस्ट को पारंपरिक खाद्य पदार्थों और मीठे व्यंजनों में एक लोकप्रिय प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में उपयोग किया जाता है.
मेपल सिरप
हाल के दिनों में मेपल सिरप का दुनियाभर में फ़ेमस नैचुरल स्वीटनर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इस सिरप में अधिक मात्रा में पोषक तत्व होते है, जिसमें मैंगनीज़, ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स, ज़िंक, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम शामिल है. इसे लाल या काले मेपल के पेड़ों की जड़ों से निकाला जाता है.
मॉन्क फ्रूट
आकार में छोटा और रंग में हरा यह फल आमतौर पर दक्षिण-पूर्व एशिया में उगाया जाता है. यह प्राकृतिक स्वीटनर बेहद फ़ायदेमंद है और इसी वजह से इसे विभिन्न खाद्य और पेय पदार्थों में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें अधिक मात्रा में इंफ़्लेमेटरी गुण और ज़ीरो कैलोरी होती है, जो इसे वज़न घटाने और डायबिटीज़ को नियंत्रित करने के लिए समर्थ बनाती है.
तो अगली बार जब आप इस दुविधा में पड़ते हैं, जहां पर आपको डायबिटीज़ भी नियंत्रित रखना है और मीठा भी खाना है, तो इन सारे विकल्पों में से किसी एक को अपने डॉक्टर की सलाह लेकर इस्तेमाल कर सकते हैं. हमारा सुझाव है कि डॉक्टर से सलाह लेने के बाद भी इनका इस्तेमाल कम मात्रा में ही करें.
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