डाइट का अर्थ है, जो भोजन हम खाते हैं। लेकिन, आजकल लोग फिट रहने के लिए अपनी डाइट में कई तरह के बदलाव करते हैं, जिसे स्पेशल डाइट या विशेष आहार कहा जाता है। वजन कम करने या किसी समस्या या रोग के कारण भी डॉक्टर आपको स्पेशल डाइट का पालन करने के लिए कह सकते हैं। स्पेशल डाइट को चिकित्सकीय आहार भी कहा जाता है। यह वो मील प्लान है, जिसमें कुछ खास खाद्य पदार्थों और न्यूट्रिएंटस को न खाने की सलाह दी जाती है।
जबकि, कुछ खास न्यूट्रिएंट्स को इसमें शामिल किया जाता है। यह डाइट किसी बीमारी के उपचार का हिस्सा हो सकती है। इस स्पेशल डाइट की सलाह आम तौर पर डॉक्टर देते हैं और किसी एक्सपर्ट डायटीशियन द्वारा इसे प्लान किया जाता है। स्पष्ट रूप से कहा जाए तो स्पेशल डाइट नियमित आहार का एक संशोधन है। यह संशोधन किसी खास न्यूट्रिएंट के रूप में हो सकता है। इसमें डायबिटिक डाइट लौ कैलोरी डाइट, वेगन डाइट आदि शामिल हैं।
पैलियो डाइट
यह खाने का एक प्राकृतिक तरीका है, जिसमें चीनी का सेवन नहीं किया जाता। पैलियो आहार में चीनी फलों से मिलती है। हालांकि चीनी का सेवन न करना ही इस डाइट का हिस्सा नहीं है। बल्कि प्रोसेस्ड आहार और अनाज भी इस स्पेशल डाइट में नहीं लिए जाते। पैलियो आहार से डेयरी भी निकाल दी जाती है। अब सवाल है कि इस डाइट में क्या खाया जा सकता है? एक पैलियो डाइट में मछली, सब्जियां, फल, नट्स, तेल, शकरकंदी, अंडे और मांस को खाने की सलाह दी जाती है।
ब्लड टाइप डाइट
डॉक्टर ब्लड टाइप के अनुसार डाइट पर अभी और रिसर्च कर रहे हैं। इस डाइट की खास बात यह है कि ब्लड टाइप के अनुसार डाइट लेने से सामान्य डाइटरी जरूरतें पूरी होती हैं। जैसे अगर किसी का ब्लड टाइप ओ है, तो उन्हें ऐसे आहार के सेवन की सलाह दी जाती है, जिसमें प्रोटीन अधिक हो। इसके साथ ही वजन कम करने के लिए पालक, ब्रोकली आदि की सलाह दी जाती है और डेयरी पदार्थों का सेवन नहीं करने दिया जाता।
वीगन डाइट
वीगन डाइट में केवल शाकाहारी चीजों को ही खाया जा सकता है। इसमें मीट और एनिमल प्रोडक्ट्स को बिलकुल भी नहीं रखा जाता। इस डाइट का प्रभाव यह होता है कि इसे खाने से कोलस्ट्रोल और सैचुरेटेड फैट बहुत कम हो जाता है। इसके लिए प्लानिंग करनी बेहद जरूरी है। अगर इस डाइट का अच्छे से पालन किया जाए, तो परिणाम बहुत अच्छे आते हैं।
द मेडिटरेनीयन डाइट
यह भी वेजिटेबल हैवी डाइट है, जिसमें मीट के सेवन को नजरअंदाज किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्पेशल डाइट से डिप्रेशन में लाभ होता है। ब्लड प्रेशर और वजन कम करने में भी यह लाभदायक है। इसके फायदे यहीं कम नहीं होते। इस डाइट को फॉलो करने से तनाव, ब्लड शुगर भी नियंत्रित रहते हैं।
रॉ फूड डाइट
इस डाइट में बिना पकाए और अनप्रोसेस्ड आहार का प्रयोग किया जाता है। इस आहार में ऐसे किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं किया जाता जिसे सिंथेटिक्स या ऐडिटिवस के साथ पास्चुरीकृत या उत्पादित किया गया हो। इस डाइट का उद्देश्य एनर्जी बढ़ाना, सूजन कम करने के साथ ही कासीनजन की संख्या को कम करना है।
केटोजेनिक डाइट
केटोजेनिक आहार का उपयोग लम्बे समय से मिर्गी के इलाज के रूप में किया जा रहा है और इसके अन्य उपयोगों के लिए भी पता लगाया जा रहा है। इस स्पेशल डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करना और वसा की मात्रा को बढ़ाना शामिल है। इस डाइट में एवोकाडो, सीड्स या जैतून का तेल को हेल्दी वसा के रूप में रखा जाता है। वजन कम करने में यह डाइट बहुत ही लाभदायक मानी जाती है।