1. रिफाइंड अनाज (Refined grains)
रिफाइंड / परिष्कृत अनाज, जैसे कि प्रोसेस्ड फूड (Processed Foods), पैकेज्ड फूड (Packaged Foods), व्हाइट ब्रेड (White Bread), पास्ता (Pasta) और चावल (Rice) का सेवन वजन कम करने के प्रोसेस को स्लो कर देता है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (New England Journal of Medicine) में जून 2011 में पब्लिश एक आर्टिकल के मुताबिक रिफाइंड / परिष्कृत अनाज से वजन बढ़ता (weight gain) है। (1)
रिफाइंड / परिष्कृत अनाज में खाली कैलोरी होती है। उसमें न कोई न्यूट्रिशन (Nutrition) होता है और न ही विटामिन (Vitamin)। फाइबर (lack fiber) की भी कमी होती है जिससे ब्लड शुगर (blood sugar) बढ़ सकती है।
इसलिए इनके सेवन से कैलोरी इंटेक अधिक हो जाता है। जिससे आपको वजन बढ़ने की समस्या के साथ मेटाबॉलिज्म स्लो होने, थकान होने और सुस्ती (tired and sluggish) की समस्या हो सकती है।
2. शुगर ड्रिंक्स (Sugar Beverages)
मीठे ड्रिंक्स का सेवन मेटाबॉलिज्म / चयापचय को धीमा कर सकती हैं। BMC Nutrition में जुलाई 2017 में पब्लिश स्टडी के मुताबिक चीनी-मीठी ड्रिंक के साथ हाई प्रोटीन युक्त भोजन (high-protein meal) खाने से एनर्जी बैलेंस (energy balance) पर निगेटिव असर पड़ता है। इससे आपका फैट मेटाबॉलिज्म (fat metabolism) स्लो हो जाता है, जो शरीर में अधिक वसा जमा होने का कारण बन सकता है। (2)
फलों के रस में एक्स्ट्रा शुगर नहीं होती है, फिर भी यह कैलोरी में हाई होते हैं। लेकिन फलों में फाइबर की मात्रा अच्छी होती है। चूंकि यह चीनी का एक केंद्रित रूप (Concentrated Form of Sugar) है। इसलिए फलों का जूस भूख बढ़ाने के साथ ब्लड शुगर को भी बढ़ा सकता है।
3. शराब (Alcohol)
शराब में काफी मात्रा में ब्लेंक कैलोरी होती हैं। इसका सेवन करने वाले को अधिक मात्रा में कैलोरी मिलती हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है।
शराब का सेवन ब्लड शुगर को भी निगेटिव रूप से इफेक्ट करता है। इसलिए कुछ गिलास वाइन के बाद शुगर वाले फूड खाने का मन करता है और आप अगले दिन वर्कआउट करने में असमर्थ रहते हैं।
जर्नल करंट मोटापा रिपोर्ट (Journal Current Obesity Reports) में मार्च 2015 में पब्लिश हुए रिव्यू के मुताबिक अधिक मात्रा में शराब पीने से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। (3)
4. सोयाबीन का तेल (Soybean oil)
सोयाबीन का तेल कैलोरी और ओमेगा -6 फैटी एसिड (Omega-6 Fatty Acids) में हाई होता है। इसका सेवन सूजन (inflammation) बढ़ा सकता है और वजन बढ़ने का भी कारण होता है।
2017 में नेचर में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक सोयाबीन का तेल अमेरिकी डाइट का मुख्य घटक है, जिसने पिछले कुछ सालों में मोटापे को बढ़ाया है। (4)
जर्नल न्यूट्रिएंट्स (journal Nutrients) में मार्च 2016 में पब्लिश रिव्यू के मुताबिक ओमेगा -6 फैटी एसिड और ओमेगा -3 फैटी एसिड वजन बढ़ाने और वजन घटाने दोनों में ही मदद कर सकता है। (5)
इसलिए सोयाबीन के तेल के मुकाबले ऑलिव ऑय (Olive Oil) या अलसी के तेल (flaxseed oil) का सेवन करें।
5. फ्रोजन फूड (Frozen Foods)
फ्रोजन फूड्स, ऐसे फूड जिन्हें फ्रिज में स्टोर करके लंबे समय तक रख सकते हैं। ऐसे फूड मेटाबॉलिज्म को धीमा करने वाले तत्वों में अधिक होते हैं। साथ ही स्वाद बढ़ाने के लिए इनमें फ्लेवर, चीनी, नमक और हाइड्रोजेनेटेड ऑयल जोड़ा जाता है।
इनकी पैकेजिंग BPA से भरी होती है, जो कि प्लास्टिक के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाला एक केमिकल है। इसे भी मेटाबॉलिज्म संबंधी गड़बड़ी और वजन बढ़ने से जोड़ा गया है।