वर्तमान समय के खानपान के कारण अक्सर पेट संबंधी बीमारियां होना आम बात हैं। पानी में बदलाव होने या भोजन की क्वालिटी बिगड़ने की वजह से पेट संबंधी समस्याएं ज्यादा पनप रही हैं। पेट बिगड़ने पर किसी भी काम में मन नहीं लग पाता हैं। ऐसे में दादी-नान के नुखें आपके बहुत काम आ सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको पेट से जुड़ी कई परेशानियों के घरेलू नुस्खों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी मदद से आपको इन समस्याओं से राहत मिलेगी। तो आइये जानते है इन नुस्खों के बारे में।
पेटदर्द के घरेलू नुस्ख़े
- आधा टीस्पून सेंधा नमक और एक टीस्पून अजमोद का चूर्ण खाने से पेट की पीड़ा तुरंत शांत हो जाती है।
- एक टीस्पून इमली की कोमल पत्तियों को पीसकर उसमें आधा टीस्पून सेंधा नमक मिलाकर पीने से पेटदर्द से छुटकारा मिलता है।
- हींग या काला नमक डालकर गर्म किया हुआ तेल पेट पर मलने या सेंक करने से पेटदर्द ठीक हो जाता है।
- मूली के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से भोजन के बाद पेट में होनेवाले दर्द से छुटकारा मिलता है।
पेट में मरोड़ होने पर
- गाय का दूध और पानी समभाग में लेकर उबालिए। जब पानी जल जाए और केवल दूध रह जाए, तो उसे उतारकर पीने से पेट के मरोड़ से छुटकारा मिलता है। यह नुस्ख़ा पेचिश में भी लाभदायक है।
- ताज़ा छाछ में बेल का पल्प मिलाकर पीने से मरोड़ से राहत मिलती है।
- मेथी का चूर्ण दही में मिलाकर खाने से पेट की मरोड़ का शमन होता है।
- मेथी की सब्ज़ी के रस में काली किशमिश मिलाकर पीने से भी मरोड़ दूर हो जाता है।
पेट में भारीपन होने पर
- चने का रस 5 से 10 बूंद दो से तीन बार दो-दो घंटे पर लेने से पेट का भारीपन मिटता है।
- 1-1 टेबलस्पून किशमिश और सौंफ को आधा लीटर पानी में भिगोकर रख दीजिए। सुबह उसे मसल व छानकर उसमें 3 टीस्पून शक्कर मिलाकर कुछ दिनों तक पीने से पेट का भारीपन दूर हो जाता है।
जी मिचलाने पर
- जी मिचलाने का संबंध पेट की ख़राबी से होता है। 50 ग्राम चावल को एक ग्लास पानी में एक घंटे तक भिगोकर रखिए। उसके बाद पानी को निथारकर पीने से जी मिचलाना बंद हो जाता है।
- इलायची के दानों का आधा टीस्पून चूर्ण अनार के शर्बत में मिलाकर पीने से मिचली का शमन होता है।
- जायफल को चावल के धोवन में घिसकर पीने से जी मितलाने के विकार का शमन होता है।
- नींबू को काटकर उसके फांकों पर शक्कर छिड़ककर चूसने से मितली से छुटकारा मिलता है।
पेट में जलन होने पर
- अजवायन और नमक पीसकर उसकी फंकी लेने से पेट की जलन का शमन होता है।
- 10-10 ग्राम धनिया और जीरा लेकर उन्हें अधकुटा कर लीजिए और उसे पाव लीटर पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए। सुबह उसे मसल-छानकर व उसमें शक्कर डालकर चार-छह दिन तक पीने से पेट की जलन शांत होती है।
- अजवायन को तवे पर भूनकर उसमें समभाग में सेंधा नमक मिलाकर चूर्ण बना लें। एक टीस्पून यह चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से पेट की जलन मिटती है।
- धनिया और शक्कर का शर्बत बनाकर पीने से भी पेट की जलन दूर हो जाती है।