उदयपुर के बारे में कुछ रोचक तथ्य जो हर यात्री को जिनके बारे में आपको जानना चाहिए
राजस्थान के उदयपुर को "The City of Lakes" भी कहा जाता है. उदयपुर घूमने का प्लान बनाते हैं तो ऐसे बहुत सारे तथ्य हैं जिनके बारे में आपको जानना चाहिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान के उदयपुर को द सिटी ऑफ लेक्स भी कहा जाता है. बड़ी संख्या में पर्यटक यहां घूमने जाते है. ये ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों को खुब लुभाता है. अगर आप उदयपुर घूमने का प्लान बनाते हैं तो ऐसे बहुत सारे तथ्य हैं जिनके बारे में आपको जानना चाहिए. उदाहरण के लिए जग मंदिर पैलेस जिसने शाहजहां को प्रसिद्ध ताजमहल बनाने के लिए प्रेरित किया. जानिए उदयपुर के बारे में ऐसे ही और भी कई आश्चर्यजनक तथ्य है जो आपको जरूर जानने चाहिए.
जग मंदिर से प्रेरणा लेकर बनाया गया था ताजमहल
जग मंदिर पिछोला झील पर एक द्वीप पर बना एक महल है. इसके अलावा इसे लेक गार्डन पैलेस के रूप में जाना जाता है, ये हवेली राजकुमार खुर्रम उर्फ शाहजहां और उनके परिवार की शरणस्थली थी. मुगल बादशाह, गुल महल में रुके थे और भविष्य में प्रसिद्ध ताजमहल के निर्माण के लिए जग मंदिर से डिजाइन प्रेरणा ली थी.
एशिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्टिफिशियल मीठे पानी की झील है
उदयपुर से 48 किमी दूर स्थित जयसमंद झील या ढेबर झील, एशिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्टिफिशियल मीठे पानी की झील है. इसका निर्माण महाराणा जय सिंह ने 1685 में गोमती नदी पर बांध बनाकर करवाया था. झील 14 किमी चौड़ी है, लगभग 102 फीट गहरी है, और इसकी परिधि 48 किमी है. भील मानस जनजाति झील पर तीन द्वीपों में निवास करती है. जबकि दो बड़े द्वीपों को बाबा का मगरा कहा जाता है. छोटे द्वीप को पियारी के नाम से जाना जाता है.
विश्व की दूसरी सबसे लंबी दीवार उदयपुर में है
दुनिया की सबसे लंबी दीवार द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना है. हालांकि, उदयपुर के पास स्थित कुंभलगढ़ किले की दीवार दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार है. दीवार 36 किमी तक फैली हुई है. किले को खुद इस तरह से डिजाइन किया गया था कि ये आक्रमणकारियों को दिखाई नहीं देता था, और किले को दुश्मन के हमलों से बचाने के लिए दीवार भी बनाई गई थी.
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में ट्री हाउस
उदयपुर में एक पुराने आम के पेड़ पर ट्री हाउस बनाया गया है. ये केपी सिंह नामक एक व्यवसायी के दिमाग की उपज थी जो पेड़ को नुकसान पहुंचाए बिना एक ट्री हाउस बनाना चाहता था. सूरत के एक छोटे से कारीगर ने पेड़ की किसी भी शाखा को हटाए बिना ट्री हाउस बनाकर उनके सपने को साकार करने में मदद की. इसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है.