एक प्रकार का फंगल संक्रमण है दाद, निजात पाने के लिए आजमाएं ये घरेलू उपचार

Update: 2023-05-22 12:18 GMT
स्किन से जुड़ी विभिन्न बीमारियों में से एक हैं दाद जो कि एक प्रकार का फंगल संक्रमण है। मौसम के बदलाव के साथ ही व्यक्ति के सिर, पैर, गर्दन या शरीर के अन्य अंदरुनी अंगों मे दाद की समस्या होने लगती हैं। इस रोग में एक परतदार स्किन पर गोल और लाल चकत्ते पड़ जाते है। इस समस्या में स्किन पर खुजली के साथ-साथ जलन भी होती है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक शीघ्र पहुंचता है। ऐसे में आपको उसकी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। जरूरी हैं कि समय रहते दाद की इस समस्या से निजात पाई जाए। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपको दाद से निजात पाने के कुछ घरेलू उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं। जानते हैं इनके बारे में...
नीम के पत्ते और दही
दाद से छुटकारा पाने के लिए आप नीम के पत्ते और दही का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे खुजली से भी आराम मिलता है। इसके लिए नीम के पत्तों को भिगोकर दही से साथ पीस लें। कुछ दिन प्रभावित हिस्से पर इस लेप को लगाने से आपको फर्क महसूस हो सकता है।
गेंदे के फूल
गेंदे के फूल में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते है। गेंदे के फूल के पत्तों को पानी में उबालकर उसका लेप बना लें। इस लेप को दिन में 2 से 3 बार प्रयोग करे। आपको कुछ दिनों में फर्क नजर आएगा।
नारियल का तेल
नारियल के तेल में माइक्रोबियल और एंटीफंगल तत्व पाए जाते हैं। वर्षों से नारियल के तेल का इस्तेमाल स्किन से जुड़ी समस्याओं के लिए ही नहीं बल्कि दाद के इलाज के लिए भी किया जाता रहा है। इसे इस्तेमाल करने से पहले इसे हल्का सा गर्म कर लें और फिर दाद वाली जगह पर लगाएं। दिन में दो से तीन बार इसे इस्तेमाल करें।
हल्दी और अजवाइन
हल्दी का लेप दाद खाज पर लगाने से भी इससे छुटकारा पाने में मदद मिलती है। एक बार दिन में और रात को सोने से पहले इस उपाय को करे। अजवाइन गर्म पानी में पीस कर इसका लेप दाद पर लगाने से दाद ठीक होता है, इसके इलावा दाद को अजवाइन के पानी से धोने से भी फायदा मिलता है।
सेब का सिरका
सेब के सिरके में मजबूत एंटिफंगल गुण होते हैं जो दाद का इलाज करने में बेहद फायदेमंद होते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए सेब के सिरके में सबसे पहले रूई डुबोएं और उसे फिर अपनी त्वचा पर लगाएं। इसका इस्तेमाल पूरे दिन में तीन बार ज़रूर करें।
त्रिफला
त्रिफला को भूनकर इसे पीस ले और चूर्ण बना ले, इस चूर्ण में सरसों का तेल, देसी घी, थोड़ी सी फिटकरी, सरसो का तेल और पानी मिलाकर मरहम बना ले। ये मरहम पकने वाले दाद के लिए रामबाण दवा है।
टमाटर और नींबू
खूबसूरती बढ़ाने के अलावा दाद से छुटकारा दिलाने में भी टमाटर और नींबू का रस बेहद कारगर है। ऐसा इसलिए क्योंकि टमाटर और नींबू में विटामिन सी पाया जाता है, जो कि स्किन से जुड़ी समस्याओं को खत्म करता है और उससे बचाता भी है। इसके लिए टमाटर के जूस का सेवन करें और नींबू के रस के साथ इमली के बीज को पीस कर दाद वाली जगह पर लगाएं। असर जरूर दिखाई देगा।
लहसुन
लहसुन में अजोइना नामक नैचुरल एंटी फंगल एजेंट पाया जाता है। जिसका इस्तेमाल करके आप आसानी से दाद खाज की समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके लिए लहसुन को स्लाइस में काटकर प्रभावित जगह पर रखें और ऊपर से पट्टी बांध लें। रात भर ऐसे ही बांधा रहने दें।
एलोवेरा
एलोवेरा का अर्क हर तरह के फंगल संक्रमण को ठीक कर देता हैं। इसे तोड़कर सीधे दाद पर लगा लीजिये ठंडक मिलेगी। हो सके तो रात भर लगा कर रखें। एलोवेरा का नियमित सेवन करने और प्रभावित स्थान पर लगाने से दाद और खुजली में बहुत आराम मिलता हैं।
टी ट्री ऑइल
टी ट्री तेल का इस्तेमाल उसके एंटिफंगल और जीवाणुरोधी गुणों की वजह से किया जाता है और इसे आज भी इन्ही गुणों की वजह से इस्तेमाल किया जाता है। यह फंगल त्वचा संक्रमण के इलाज के लिए बेहद प्रभावी है। टी ट्री तेल को रूई से प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो आप टी ट्री तेल को नारियल के तेल के साथ मिला सकते हैं। नारियल के तेल भी स्वयं के एंटिफंगल गुण होते हैं।
आंवला और हरड़
आंवले का छिलका हटाकर उसकी गुठली को जलाने के बाद उसके भस्म में नारियल तेल मिश्रित करके बने मलहम को खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली की समस्या दूर होती है। शरीर के जिन स्थानों पर दाद हों, वहां बड़ी हरड़ को सिरके में घिसकर लगाएं।
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