Plastic Risk: हर हफ्ते शरीर में जा रहा है करीब 5 ग्राम तक प्लास्टिक
इससे लगभग सभी प्रकार के कैंसर का जोखिम
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | तमाम अध्ययनों के माध्यम से शोधकर्ता प्लास्टिक के कारण इंसानी सेहत को होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर अलर्ट करते आ रहे हैं। यही कारण है कि पॉलिथीन और प्लास्टिक की बोतलों के इस्तेमाल को कम करने के लिए अभियान चलाए जाते रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि भोजन के साथ प्लास्टिक के सूक्ष्मकण हमारे शरीर में प्रवेश कर रहे हैं जिसके कारण कैंसर जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है।
अध्ययनकर्ताओं ने पाया है कि प्लास्टिक की बोतलों, कंटेनर्स, टिफिन में रखे भोजन के माध्यम से इसके कण शरीर में पहुंच रहे हैं। बच्चों में मानसिक विकास को बाधित करने से लेकर यह वयस्कों-बुजुर्गों में प्रोस्टेट कैंसर जैसे जोखिमों तक को बढ़ाने वाला हो सकता है। विशेषकर यदि इसमें गर्म चीजें रखी गई हों तो इससे सेहत को और भी जोखिम हो सकता है।
आइए जानते हैं कि प्लास्टिक क्यों इतना खतरनाक है और इससे किस प्रकार से बचाव किया जा सकता है?वैज्ञानिकों का कहना है कि रोजाना कई माध्यमों जैसे सांस लेने, भोजन के माध्यम से या फिर सीधे त्वचा के संपर्क से प्लास्टिक के सूक्ष्मअंश जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक्स कहा जाता है, वह हमारे संपर्क में पहुंच रहा है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि एक व्यक्ति के शरीर में किसी न किसी माध्यम से प्रति सप्ताह लगभग 5 ग्राम तक प्लास्टिक के सूक्ष्मअंश प्रवेश कर रहे हैं। जबकि अध्ययनों के परिणाम इंगित करते हैं कि प्लास्टिक मानव शरीर के अनुकूल नहीं है और जीवन चक्र में तमाम बीमारियों, अक्षमता और समयपूर्व मृत्यु का कारण बन सकता है।