जनता से रिश्ता वेबडेस्क | माइग्रेन, सामान्य सिरदर्द से अलग और कहीं अधिक समस्याकारक होता है। इसमें होने वाले दर्द की समस्या आपको व्याकुल कर सकती है। सिरदर्द के साथ उल्टी-मितली का एहसास और ध्वनि-प्रकाश से होने वाली संवेदनशीलता दिक्कतों को बढ़ाने वाली हो सकती है। हालांकि ज्यादातर मामलों में माइग्रेन का अटैक कुछ घंटों में ठीक भी हो जाता है। पर जिन लोगों को सीवियर माइग्रेन की समस्या होती है, उनमें यह गंभीर जटिलताओं का भी कारण हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, माइग्रेन एक प्रकार का साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर भी है, जिसका मतलब है कि संभव है कि ये आपके मानसिक स्वास्थ्य में होने वाली किसी समस्या के कारण हो रहा हो। इसलिए अगर आपको अक्सर माइग्रेन होता रहता है तो इस बारे में गंभीरता से ध्यान देना और उपचार आवश्यक है।
कुछ गंभीर स्थितियों में माइग्रेन अटैक जानलेवा समस्याओं का भी कारण हो सकती है। माइग्रेनस इंफार्क्शन को माइग्रेन स्ट्रोक भी कहा जाता है, यह एक दुर्लभ जटिलता है जो ज्यादातर महिलाओं में देखी जाती है। जब आपको माइग्रेन सिरदर्द के साथ इस्केमिक स्ट्रोक हो जाता है तो इसे माइग्रेनस स्ट्रोक कहा जाता है। इस्केमिक स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है।
माइग्रेनस स्ट्रोक अचानक आ सकता है और यह एक आपात स्थिति है। इसलिए अगर आपको अक्सर माइग्रेन की समस्या बनी रहती है तो अपने स्ट्रोक के जोखिमों को कम करने के उपाय करें। स्ट्रोक को जानलेवा समस्या माना जाता है।माइग्रेन के कारण मिर्गी की समस्या भी हो सकती है, हालांकि ये दुर्लभ है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि माइग्रेन की गंभीर स्थिति मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे यह मिर्गी का जोखिम बन सकता है। एक और संभावना यह है कि माइग्रेन, मिर्गी के दौरे को ट्रिगर करता है, इसके कारण भी जोखिम हो सकता है। जिन लोगों को मिर्गी जैसी समस्या है उन्हें माइग्रेन से बचाव करना बहुत आवश्यक है।
जिन लोगों को माइग्रेन होता है उनमें दूसरों की तुलना में स्ट्रेस और डिप्रेशन होने की आशंका अधिक होती है। कई बार अवसाद या चिंता के कारण भी माइग्रेन हो सकता है। इसके अलावा माइग्रेन का दर्द और बेचैनी आपकी नींद से संबंधित समस्याओं को भी बढ़ा देती है। अनिद्रा का खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जिन्हें गंभीर माइग्रेन और बार-बार इसका अटैक होता रहता है।