वाकिंग : जैसा कि नाम से जाहिर है कि वॉकिंग मेडिटेशन चलने से जुड़ी है। मतलब यह हुआ कि चलते-चलते भी मेडिटेट किया जा सकता है। आपको पढ़कर हैरानी हो रही होगी क्योंकि आमतौर पर मेडिटेशन किसी एकांत जगह पर बैठ कर किया जाता है। हालांकि, एक मेडिटेशन ऐसा भी है, जिसे चलते हुए किया जाता है। इस मेडिटेशन को वॉकिंग मेडिटेशन कहते हैं। मेडिटेशन यानी ध्यान करना भी व्यायाम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चाहे फिर शांत मन से एकांत में किया जाए या धीमी-धीमी गति से चलते हुए। हमने हमेशा ध्यान करते हुए लोगों को एक स्थान पर आंखे बंद कर शांत बैठे हुए देखा है। आपने शायद ही किसी को कभी चलते हुए ध्यान करते देखा होगा। क्या आपको लगता है कि आप चलते हुए ध्यान लगा सकते हैं? जवाब है "जी हां", चलते-चलते ध्यान लगाया जा सकता है। आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि इस प्रकार के ध्यान का वैज्ञानिक आधार भी है।चलते-चलते भी मेडिटेट किया जा सकता है। आपको पढ़कर हैरानी हो रही होगी क्योंकि आमतौर पर मेडिटेशन किसी एकांत जगह पर बैठ कर किया जाता है। हालांकि, एक मेडिटेशन ऐसा भी है, जिसे चलते हुए किया जाता है। इस मेडिटेशन को वॉकिंग मेडिटेशन कहते हैं। मेडिटेशन यानी ध्यान करना भी व्यायाम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चाहे फिर शांत मन से एकांत में किया जाए या धीमी-धीमी गति से चलते हुए। हमने हमेशा ध्यान करते हुए लोगों को एक स्थान पर आंखे बंद कर शांत बैठे हुए देखा है। आपने शायद ही किसी को कभी चलते हुए ध्यान करते देखा होगा। क्या आपको लगता है कि आप चलते हुए ध्यान लगा सकते हैं? जवाब है "जी हां", चलते-चलते ध्यान लगाया जा सकता है। आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि इस प्रकार के ध्यान का वैज्ञानिक आधार भी है।