जानिए वाइन से जुड़ी कुछ बेसिक बातें
इस तरह की वाइन में प्राकृतिक रूप से मिठास पाई जाती है
क्या आप वाइन के इन टर्म्स, जैसे-स्वीट वाइन, क्रॉर्क्ड, बुके या फ़िनिश को लेकर कन्फ़्यूज़ रहती हैं, तो हम आपको इससे जुड़ी कुछ बेसिक बातें बता रहे हैं, जो आपको वाइन को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे.
ड्राय वाइन
इस तरह की वाइन में प्राकृतिक रूप से मिठास पाई जाती है. यह ना के बराबर मीठी होती, जिस वजह से इसे ड्राय वाइन कहा जाता है.
स्वीट वाइन
इसमें अधिक मात्रा में शक्कर होती है. इसे आमतौर पर डिज़र्ट वाइन या पुडिंग वाइन भी कहा जाता है.
एसिडिक वाइन
जिन सामग्रियों से वाइन तैयार की जाती है, उनमें प्राकृतिक रूप से एसिड होता है, जबकि कुछ एसिड्स फ़र्मेंटेशन के दौरान भी उत्पन्न होकर वाइन में मिल जाते हैं. इन वाइन्स का स्वाद नींबू या फिर वेनेगर जैसा होता है.
टैनिन्स
फ़िनॉलिक नामक कम्पाउंड वाइन को कड़वा स्वाद देता है. वहीं टैनिन, वाइन की इस कड़वाहट बरक़रार रखता है. यह वही स्वाद है, जो आपको चाय से मिलता है. टैनिन, एक नैचुरल प्रिज़र्वेटिव भी है, जो वाइन को लंबे समय तक प्रिज़र्व करने की प्रक्रिया में इस्तेमाल किया जाता है.
बुके
इसे पुरानी वाइन की ख़ुशबू के रूप में जाना जाता है. जब आप वाइन की क्वॉलिटी चेक करते हैं, तो बुके पहला मापदंड होता है. वाइन में फल, मसालों के अलावा कई तरह की सुगंध हो सकती है. हालांकि यह अंगूर की वरायटी, उसकी स्थिति और कहां से आ रही है उसके ऊपर निर्भर करता है.
क्रॉर्क्ड
जो वाइन ख़राब हो जाती है उसे क्रॉक्ड वाइन कहा जाता है.
फ़िनिश
फ़िनिश एक तरह का फ़्लेवर है, जो वाइन पीने के बाद भी आपके मुंह में रहता है. आमतौर पर इसे वाइन का आफ़्टर टेस्ट कहा जाता है.