जानिए इस तरह करें सेल्फ केयर
सेल्फ केयर यानी खुद के लिए क्वालिटी टाइम निकालना. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास इतना वक्त नहीं होता कि वे अपने लिए समय निकालें और खुद की जरूरतों को पूरा करें. ऐसे में लोग सेल्फ केयर के महत्व की बात करते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सेल्फ केयर यानी खुद के लिए क्वालिटी टाइम निकालना. भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास इतना वक्त नहीं होता कि वे अपने लिए समय निकालें और खुद की जरूरतों को पूरा करें. ऐसे में लोग सेल्फ केयर के महत्व की बात करते हैं. दरअसल, जब बात सेल्फ केयर की आती है तो लोगों को लगता है कि बबल बाथ, मेनीक्योर, पेडीक्योर, देर तक सोना, भरपूर मनोरंजन, ये ही सेल्फ केयर है. मनोवैज्ञानिक और सेल्फ थेरेपिस्ट ल्यूसिले शैकलटन(Lucille Shackleton) का कुछ और मानना है.
अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सेल्फ केयर का मतलब उन चीजों से है जो आपके अंदर सकारात्मक एनर्जी भरे और आप पहले से बेहतर महसूस करें. इसके लिए केवल बबल बाथ या मेडिटेशन आदि मायने नहीं रखते, बल्कि आप कुछ ऐसा करें जो आपके अंदर ताजगी लाए. आप खुद का ख्याल रखें और अंदर से सकारात्मक बदलाव महसूस करें. ये ऐसे बदलाव होंगे जिनकी मदद से आप खुद के प्रति अधिक लगाव महसूस करेंगे और पहले से अधिक खुश रहने लगेंगे.
इस तरह करें सेल्फ केयर
खुद के साथ इस तरह ट्रीट करें जैसे आप किसी अपने बहुत ही खास इंसान या जिसको आप बेहद पसंद करते हैं, उन्हें ट्रीट कर रहे हों.
खुद और दूसरों के बीच एक बाउंड्री बनाकर हमेशा रखें, जिससे लोग आपके जीवन में दखलअंदाजी ना कर सकें.
आप जैसा महसूस करते हैं उन फीलिंग्स को वैसे ही महसूस करें. न कि जैसा दूसरे कहते हैं वैसे फील करने का प्रयास करें.
आराम करने के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करें जिसमें आप केवल खुद का ख्याल रखें.
पहले की गई गलतियों को भूल जाएं और अपने पास्ट को जानें दें. उनके बोझ तले दबें नहीं.
अपने प्रति कठोर भावनाओं की बजाय हमेशा सहानुभूति रखें.
जब भी कुछ नकारात्मक भावनाएं आपको अपने अंदर महसूस हों तो उसे तुरंत पहचानें और उसे खुद से दूर करें. खुद से बेहतर तरीके से बात करें.
अपनी भावनाओं या इमोशन को जज ना करें, बल्कि खुद की भावनाओं को महसूस करें और उन्हें महत्व दें. हमेशा इस बात को स्वीकारें कि आप कौन हैं.
हेल्दी डाइट लें और समय निकालकर एक्सरसाइज रेगुलर करें.
सोने से 1 घंटे पहले से फोन का इस्तेमाल बंद कर दें.
टीवी देखते समय या रेडियो पर म्यूजिक सुनते वक्त अपना दिमाग कहीं और ना रखें और सचेत होकर टीवी या म्यूजिक सुनें.
ये सारी बातों को अगर आप अपने डेली लाइफ में शामिल करे लें तो आप धीरे धीरे बेहतर महसूस करेंगे और खुद को मानसिक और शारीरिक रूप में सही मायने में पैंपर कर सकेंगे. दरअसल ये ही असल मायने मे सेल्फकेयर होगा.