दरअसल जब वो खाना बनाते हैं तो खुद खाने से बचते हैं और ऐसा करने से खुद को रोकते हैं तो उनको बेहद तनाव का सामना करना पड़ता है। हालांकि कुकिंग से होने वाले मेंटल फायदों के लिए अभी भी रिसर्च हो रही है।
दरअसल साइकोलॉजिस्ट हमेशा कहते हैं कि जो बीत गया उसे भूल जाओ। उस पर जरा भी फोकस ना करो। कुकिंग यही करने का मौका देती है। इसमें आप किसी भी एक चीज पर फोकस नहीं कर पाते हैं। कभी मसाले तो कभी सब्जी तो कभी आटा, आपका ध्यान भटकाता ही रहता है। और यही सब करते हुए आपका मूड लिफ्ट होता जाता है और एंग्जाइटी दूर होती जाती है। एक्टिविटी और रिजल्ट। कुकिंग इसी बेहद खास फॉर्मूले पर काम करती हैं। मतलब आप थोड़ा भी ध्यान से कुकिंग कर रहे हैं तो आपको मेहनत का रिजल्ट तुरंत मिल जाता है। मेहनत के बाद तुरंत रिजल्ट का मिलना आपको एक जीत का एहसास देता है। ये इस बात का भी एहसास कराता है कि आपने जीत के लिए सिर्फ रूपरेखा नहीं बनाई, बल्कि कुछ करके दिखाया।
क्रिएटिविटी का कमाल
क्रिएटिविटी, एक ऐसी चीज है, जो आपको कुछ कमाल कर दिखाने का जज्बा देती है। इसको बनाने की प्रक्रिया आपकी खुशी बढ़ाती जाती है। डिश बनाने के साथ भी ऐसा ही होता है। नई से नई डिश बनाने की कोशिश आपको मेहनत से काम करने का साहस देती है। इस पर भी रेसिपी अगर आसान है तो आपको खुशी ज्यादा महसूस होती है। वजह होती है कि ज्यादा कठिनाई न होने की वजह से आपको एंग्जाइटी नहीं झेलनी पड़ती है। आप खुद को ज्यादा कुशल भी महसूस करते हैं।
अन्तर्मन खुश करती है कुकिंग
आप जब भी कुकिंग करते हैं तो तरह-तरह की सामग्री लेते हैं और उनको एक खास रेसिपी में बदल देते हैं। फिर जब उसे खाते हैं और वो बेहतरीन स्वाद आपके मुंह तक पहुंचता है तो आप खुद बहुत अच्छा महसूस करते हैं। आप खुद का ख्याल रख रहे होते हैं। जरा सोचिए तो जानेंगे कि खाना ही एक तरीका है, जिससे आप अपने आंतरिक शरीर को खुश कर लेते हैं और फिर जब ये आपके हाथों से बना हो तो फिर कहने ही क्या।
खुद के साथ होना
कुकिंग, शांति का साधन भी है। बात प्रवचन सरीखी लग रही है लेकिन ये सच है। शोधों में पाया गया है कि कई लोगों के लिए कुकिंग मेडिटेशन की तरह ही होती है। दरअसल कुकिंग वो काम है, जिसमें आप टाइम की चिंता छोड़, जो कर रहे होते हैं, बस उसी पर ध्यान देते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जो लोग निगेटिविटी विचारों और चिंताओं से घिरे रहते हैं, उन्हें कुकिंग काफी मदद कर सकती है।
दूसरों से बढ़े लगाव
कुकिंग करने का एक मकसद और होता है, वो ये कि आप दूसरों को भी खुश कर पाते हैं। जब दूसरे खुश होते हैं तो आप दोनों के बीच रिश्ता बेहतर होता है। ये बात तो मानी हुई है ही कि अच्छे रिश्ते मानसिक सुकून देते हैं। आपको लगता है कि आपको पसंद करने वाले लोग ढेरों हैं।
कुकिंग करके आप दूसरों को बताते हैं कि वो आपके लिए कितने जरूरी हैं। कभी आप खास मौके पर तो कभी भूख लगने पर और कई बार यूं ही किसी का दिल खुश करने के लिए आप कुकिंग करते हैं तो इसका मतलब सिर्फ पेट भरना बिलकुल नहीं होता है। बल्कि इसमें तो दिल की बातें छुपी होती हैं, जो खाने से होते हुए दूसरे के दिल में पहुंच जाती है।