जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Pop Star Justin Bieber Rare Disease: मशहूर पॉप स्टार जस्टिन बीबर का नाम तो आपने जरूर सुना होगा, पिछले कई सालों से वो अपनी गायकी के जरिए काफी शोहरत पा चुके हैं, लेकिन अब वो इस खतरनाक बीमारी की गिरफ्त में हैं. बीबर ने 11 जून को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें अगला शो इसलिए कैंसिल करना पड़ा क्योंकि वो रामसे हंट सिंड्रोम (Ramsay Hunt Syndrome) नामक बीमारी के शिकार हो गए हैं जिसमें उनके चेहरे का करीब आधा हिस्सा लकवे का शिकार हो गया है.
जस्टिन बीबर ने किया चौंकाने वाला खुलासा
कैनेडियन सिंगर जस्टिन बीबर (Justin Bieber) ने कहा, 'जो लोग मेरे अगले शो के कैंसिल होने से निराश हैं, उन्हें बता दूं कि मैं शारीरिक और जाहिर तौर पर इसे परफॉर्म करने की हालत में नहीं हैं.' बीबर में अपने चेहरे की तरह इशारा करते हुए कहा, ये बेहद गंभीर है, जैसा कि आपको नजर आ रहा हैं. काश ऐसा नहीं होता लेकिन ये साफ है है, मेरी बॉडी मुझे बता रही है कि मुझे थोड़ा रुकना है. मुझे उम्मीद है कि आप लोग समझे. मैं इस वक्त का इस्तेमाल सिर्फ आराम करने और सौ फीसदी एनर्जी के साथ वापस आने के लिए करूंगा जिससे मैं वो कर सकूं जिसके के लिए मैंने जन्म लिया है.'
जस्टिन बीबर को हुई ये अजीबोगरीब बीमारी
जस्टिन बीबर को रामसे हंट सिंड्रोम (Ramsay Hunt Syndrome) नाम की बीमारी है वो एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो वारिसेला जोस्टर वायरस (Varicella Zoster Virus) की वजह से होता है. इसी वायरस के कारण हरपेस जोस्टर (Herpes Zoster) और चिकन पॉक्स (Chicken Pox) बीमारी होती है.
क्यों होता है रामसे हंट सिंड्रोम?
अमेरिका (USA) के नेशनल ऑर्गेनाइजेश फॉर रेयर डिसॉर्डर (National Organization for Rare Disorder) ने बताया, 'ये वायरस उस इंसान के शरीर में डॉरमेंट रह सकता है जिसे बचपन में चिकन पॉक्स हुआ हो. इस बात को यकीन से नहीं कहा जा सकता कि रामसे हंट सिंड्रोम में वायरस कैसे रिएक्टिवेट हो जाता है.'
शरीर के इस हिस्से पर पड़ता है असर
रामसे हंट सिंड्रोम (Ramsay Hunt Syndrome) की वजह से कान, जुबान और मुंह का उपरी हिस्से में रैशेज हो जाता है, साथ ही कान और सिर में तेज दर्द हो सकता है. इस बीमारी का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है, एमआर आई और स्किन टेस्ट किया जाता है. कुछ साथ स्थिति में स्पाइनल टैप की विधि अपनाई जा सकती है, इसमें स्पाइनल कैनाल में सुई के जरिए सेरीब्रोस्पाइनल फ्लूड (Cerebrospinal Fluid) निकालकर टेस्ट किया जाता है.