जामुन का सीजन चल रहा है। यह स्वाद और सेहत का खजाना है। कई प्रकार के पौष्टिक जामुन इन दिनों बाजार में हर जगह उपलब्ध हैं। जामुन गर्मियों के मौसम में सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनॉयड्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। जामुन कई बीमारियों में दवा की तरह काम करता है. यह पेट दर्द, मधुमेह, संक्रमण, चर्म रोग, दमा जैसी कई बीमारियों के लिए रामबाण है। यह ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में कारगर हो सकता है। आइए जानते हैं आयुर्वेद विशेषज्ञ से मधुमेह में जामुन के फायदे...
जामुन के जबरदस्त फायदे
आयुर्वेद में भी इस काले फल को गुणकारी माना गया है। जामुन का इस्तेमाल लंबे समय से इलाज में कई तरह से किया जाता रहा है। जामुन में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. यह औषधीय गुणों से भी भरपूर है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद माना जाता है। जामुन दिल को स्वस्थ रखता है और शरीर को बीमारियों से बचाता है। जामुन में डायटरी फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सुधारने में मददगार हो सकता है।
जामुन और ब्लड शुगर लेवल
आयुर्वेद में जामुन को मधुमेह रोगियों के लिए कारगर बताया गया है। जामुन में पाए जाने वाले पोषक तत्व इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हैं। बार-बार पेशाब आना और प्यास लगना जैसे मधुमेह के लक्षणों को भी जामुन खाने से कम किया जा सकता है। कई शोधों में यह बात भी सामने आ चुकी है कि जामुन ब्लड शुगर लेवल को कम करने में बहुत ही कमाल का है। चूंकि जामुन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, इसलिए शुगर के मरीज इस फल को बिना किसी चिंता के खा सकते हैं। जामुन शुगर के मरीजों के लिए काफी बेहतर माना जाता है. हालांकि, हाई ब्लड शुगर के मरीजों को जामुन का सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए