लाइफस्टाइल: भारत के पश्चिमी हिस्से में स्थित गुजरात राज्य में घूमने का अपना अलग ही आनंद है। यह एक ऐसा राज्य है जो अपने कल्चर के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है। हालांकि, धर्म और आध्यात्म से जुड़े व्यक्ति के लिए इस राज्य में घूमना एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। दरअसल, गुजरात राज्य में बहुत सारे मंदिर हैं और इनमें से कई देवी मां को समर्पित हैं।
यहां तक कि गुजरात में कई माता मंदिर काफी प्राचीन हैं और इसलिए ये मंदिर बीते युग के आर्किटेक्चर को भी दर्शाते हैं। भक्तों के लिए इन मंदिरों का अपना एक अलग धार्मिक महत्व है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही देवी मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जो गुजरात में स्थित हैं और उनका अपना एक अलग महत्व है-
नर्मदा माता मंदिर
यह मंदिर गुजरात के भरूच शहर में डांडिया बाजार में स्थित है। यह हिंदू देवी नर्मदा को समर्पित है, जिन्हें हिंदू देवी शक्ति का रूप माना जाता है। यह मंदिर लगभग 150 वर्ष पुराना है। ऐसा माना जाता है कि देवी नर्मदा अपने भक्तों के सपनों को साकार करती हैं। यह मंदिर अपनी नक्काशी और मूर्तियों के लिए भी जाना जाता है। दूर-दूर से भक्त इस मंदिर में दर्शन करने और देवी नर्मदा का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।
कालिका माता मंदिर
कालिका माता मंदिर गुजरात में पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर हिंदू देवी काली को समर्पित है। इस मंदिर को पश्चिमी भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर 10वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था। इस मंदिर की वास्तुकला, नक्काशी और मूर्तियां बस देखते ही बनती हैं। (भगवान के दर्शनों के दौरान नहीं करनी चाहिए ये भूल)
अम्बाजी मंदिर
अम्बाजी मंदिर गुजरात के बनासकांठा जिले के अम्बाजी शहर में स्थित है। यह मंदिर देवी अम्बे के शक्तिपीठ के रूप में प्रतिष्ठित है और इस मंदिर का अपना एक विशिष्ट महत्व है। अम्बाजी मंदिर में दूर-दूर से देवी के भक्त दर्शन हेतु आते हैं। यह मंदिर 14वीं शताब्दी में वल्लभी राजवंश के राजा अरुण सेन की पहल पर अस्तित्व में आया था। मंदिर में एक विश्व यंत्र स्थापित है जिस पर श्री शब्द अंकित है। वह वास्तव में देवी का प्रतीक है।
रुक्मिणी देवी मंदिर
रुक्मिणी देवी मंदिर गुजरात राज्य के द्वारका शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें हिंदू देवी लक्ष्मी का ही एक रूप माना जाता है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। इसे क्षेत्र के सात सबसे पवित्र पूजा स्थलों में से एक माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण रुक्मिणी को विवाह समारोह से दूर ले गए थे और उनसे विवाह किया था, और कहा जाता है कि जिस स्थान पर यह घटना घटी थी, वहां मंदिर बनाया गया है।
गीता मंदिर
गीता मंदिर गुजरात में त्रिवेणी संगम घाट पर सोमनाथ मंदिर के निकट स्थित है। इस मंदिर की स्थापना 70 के दशक के करीब बिड़ला परिवार ने की थी। यह मंदिर भगवान कृष्ण का है। सफेद संगमरमर से निर्मित, मंदिर की दीवारों पर गीता के भजन और श्लोक अंकित हैं। इस मंदिर की विशेषता यह है कि मंदिर के अंदर आप अपनी ही आवाज की गूंज सुन सकते हैं।