पौधे लगाने के बाद धूप, पानी और मिट्टी का सही इंतज़ाम कर देने भर से आपके इनडोर गार्डन का काम पूरा नहीं हो जाता. आपका अपने इन पौधों की देखभाल करते रहना होता है. सही पोषक तत्व उपलब्ध कराने के बाद बारी आती है उन दुश्मनों से निपटने की, जो इन्हें संभावित ख़तरा पहुंचा सकते हैं. पौधों को सबसे अधिक ख़तरा होता है कीड़ों से, जो इन्हें बीमार कर देते हैं और आपकी हरी-भरी बगिया को कुछ ही दिनों में सुखा सकते हैं. तो आइए जानते हैं अपनी बगिया को हरी-भरी बनाए रखने के लिए आप क्या-क्याकर सकते हैं.
पहला उपाय: पानी पौधों की वृद्धि के लिए ही नहीं सुरक्षा के लिए भी ज़रूरी है
हम घर के बाहर जाएं या नहीं, पर रोज़ाना अपने नहाते क्यों हैं? क्योंकि पानी से हमारी साफ़-सफ़ाई हो जाती है. आप अपने पौधों की सुरक्षा के लिए हफ़्ते में एक बार उन्हें पानी से नहलाएं यानी उनके पत्तों को पानी से धोएं. अगर पत्तों पर या डंठल पर कीड़े चिपके दिखें तो उन्हें पानी से धोने का काम रोज़ाना करें, कम से कम जब तक ये कीड़े पूरी तरह से ख़त्म न हो जाएं. कुछ दिनों में जब कीड़े ख़त्म हो जाएं तब आप साप्ताहिक रूटीन का पालन करना शुरू कर दें. आपने देखा होगा कुछ कीड़े इतने ज़िद्दी होते हैं कि आपके पौधों की नाज़ुक डंठलों को छोड़ने के बारे में सोचते तक नहीं. उन्हें आप पुराने टूथब्रश या स्क्रब से हल्के-हल्के रगड़कर छुड़ाएं. उसके बाद पानी से अच्छी तरह धो दें.दूसरा उपाय: मेलाथियान का करें इस्तेमालअगर पत्तों पर हरे या काले कीड़े दिखाई दें तो इसके लिए पानी में मेलाथियान भी घोल दें. मेलाथियान का अनुपात उसके डिब्बे पर लगे निर्देशों के हिसाब से ही हो. पत्तों के ऊपर और सतह के नीचे अच्छी तरह धुलाई करनी चाहिए. नई कोंपलों पर अच्छी तरह छिड़काव करना चाहिए, क्योंकि अक्सर कीड़े वहीं पर छुपे होते हैं. दवा कभी बताई मात्रा से अधिक न डालें. मेलाथियान वाले पानी का छिड़काव करने के बाद पौधों को कभी घर में न रखें. ख़ासकर यदि घर में छोटे बच्चे और पेट्स हों. अच्छा तो यही होगा कि गमलों को बाथरूम में ले जाकर दवा का छिड़काव करें और उसके बाद उन्हें बरामदे या बालकनी में रख दें. बच्चों और पेट्स को उनके पास न जाने दें. आमतौर पर दवा छिड़कने के लिहाज़ से सुबह या शाम का समय ज़्यादा अच्छा होता है.
तीसरा उपाय: बेकिंग पाउडर का इस्तेमाल करके घर पर ही बनाएं कीड़े मारने की दवाईजब पौधों को फ़ंगल बीमारियां हो जाती हैं तो उनसे बचाने में आपके घर में मौजूद बेकिंग पाउडर बड़े काम आ सकता है. फ़ंगल बीमारियों से बचाने के लिए एक टेबलस्पून बेकिंग सोडा और एक टेबलस्पून हॉर्टिकल्चर ऑयल (नर्सरी में उपलब्ध) को चार लीटर पानी में मिलाएं. अच्छी तरह से घोलने के बाद इस लिक्विड को पौधों के इनफ़ेक्टेड हिस्सों पर स्प्रे करें. फ़ंगल बीमारियों में यह सोल्यूशन काफ़ी प्रभावकारी होता है. हॉर्टिकल्चर ऑयल घर पर ही बनाने के लिए आप एक टेबलस्पून बर्तन धोने का लिक्विड लें. उसे एक लीटर पानी में डालें. उसके बाद पानी में कैनोला ऑयल/सोयाबीन ऑयल एक टेबलस्पून की मात्रा में डालें. अच्छे से घोल दें. आपका हॉर्टिकल्चर ऑयल तैयार है. आप बेकिंग पाउडर के इस्तेमाल के बिना इसका छिड़काव पौधों पर कर सकते हैं.
चौधा उपाय: लाल मिर्च पाउडर से खाने का स्वाद बढ़ता है और पौधों के कीड़े ख़त्म होते हैंहर किचन में मौजूद लाल मिर्च पाउडर गार्डनिंग में एक उपयोगी चीज़ है. कुछ साल पहले ऑबर्न यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए शोध में यह बात सामने आई थी कि मिर्च पाउडर किसी भी केमिकल कीटनाशक की तुलना में अधिक प्रभावी होता है. इसके लिए आपको बस यह करना है कि दो टेबलस्पून मिर्च पाउडर और छह-सात बूंद लिक्विड डिटर्जेंट को चार लीटर पानी में मिलाएं. इस घोल को रातभर अच्छी तरह मिलने के लिए छोड़ दें और सुबह पौधों के पत्तों पर अच्छी तरह स्प्रे करें. ज़्यादातर कीड़े इस स्पे से ख़त्म हो जाएंगे.
पांचवां उपाय: नीम के पत्तों का सिम्पल-सा इस्तेमाल भी करेगा कमालनीम को अपने कीटाणुनाशक गुणों के लिए लंबे समय से जाना जाता है. आप इनके इस्तेमाल से घरेलू कीटनाशक बना सकते हैं. नीम के पत्तों को रातभर पानी में भिगोकर रख दें. सुबह नीम के पानी को अच्छी तरह उबाल लें. उबालने के बाद पानी को ठंडा करें और इस ठंडे पानी का छिड़काव पौधे पर करें. अगर कीड़े न लगे हों तो भी सप्ताह में एक बार नीम के पानी से बने कीटनाशक का छिड़काव काफ़ी कारगर साबित हो सकता है.