कैसे दूर करें खर्राटों की समस्या

खर्राटे लेना सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है।

Update: 2023-03-04 13:06 GMT
आजकल ज्यादातर लोग खर्राटे की समस्या से परेशान हैं। यह समस्या खासकर मानसिक कार्य करने वाले लोगों में या मानसिक तनाव में रहने वाले लोगों में देखी जा रही है। तनाव और खर्राटों के बीच कोई संबंध है या नहीं, इसके बारे में फिर कभी बात करेंगे। फिलहाल हम बात करते हैं खर्राटों को ठीक करने के उपाय के बारे में जो पूरी तरह से आयुर्वेद पर आधारित है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है...
खर्राटों की समस्या को कैसे दूर करें?
खर्राटों से बचने के कई अलग-अलग तरीके हैं। ये उपाय इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप अपना इलाज किस तरीके से करवा रहे हैं। फिलहाल हम यहां आपको एक ऐसा आयुर्वेदिक नुस्खा बता रहे हैं, जिससे आपको महज 21 दिनों में गजब का बदलाव देखने को मिलेगा। फिर आप अगले 3 महीने तक इस उपचार का इस्तेमाल कर सकते हैं और अपनी समस्या को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकते हैं...
सोते समय दो बूंद देसी घी लेकर नाक के नथुनों में एक-एक बूंद डालें। इसे लगाने के बाद आपको कुछ देर सीधे लेटना है, इसके बाद आप करवट लेकर सो सकते हैं। यह आसान उपाय आपकी खर्राटों की समस्या को लगभग गायब कर देगा। यह घी देसी गाय के दूध से बना हुआ पूरी तरह से शुद्ध घी होना चाहिए।
हालांकि कुछ लोगों को इस उपाय का असर जल्दी दिखाई दे सकता है, वहीं कुछ लोगों को आराम मिलने में समय लग सकता है। लेकिन 21 दिन से 3 महीने के अंदर आपको फर्क जरूर नजर आने लगेगा।
खर्राटे लेना हर किसी के लिए हानिकारक नहीं होता है
खर्राटे लेना सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। क्‍योंकि यह भी इस बात का लक्षण है कि शरीर में आवश्‍यकता के अनुसार ऑक्‍सीजन नहीं पहुंच रहा है। ये दिल और दिमाग दोनों की सेहत के लिए हानिकारक माने जाते हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी खर्राटे की समस्या जरूर होती है। हालांकि खर्राटे लेना हर किसी के लिए हानिकारक नहीं होता है। यह बहुत गहरा मामला है, जिससे सेहत के अलग-अलग पहलू जुड़े हुए हैं। क्‍योंकि मुंह की बनावट और साइनस या शराब के सेवन से भी खर्राटों की समस्‍या हो सकती है।
खर्राटे आने का मुख्य कारण क्या है?
जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि खर्राटे किसी एक वजह से नहीं आते बल्कि इसके कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं। लेकिन आज के समय में जो मुख्य कारण सामने आते हैं उनमें मुंह की संरचना और साइनस के साथ-साथ शराब का सेवन भी शामिल है।
एलर्जी, सर्दी, अत्यधिक वजन बढ़ना भी खर्राटों का कारण बनता है। सोते समय जब आप हल्की नींद से गहरी नींद में जाते हैं तो मुंह, जीभ और गले के कोमल ऊतक पूरी तरह से आराम की स्थिति में चले जाते हैं, जिससे कई बार सांस लेने का रास्ता बंद हो जाता है। फिर जब सांस लेते हुए इनमें से हवा गुजरती है तो इनमें कंपन होता है, जिसके कारण हम खर्राटे लेते हैं।

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