बच्‍चे को सच बोलने के लिए कैसे करें मोटिवेट

कई बार बच्चे डांट से बचने के लिए झूठ बोल देते हैं. कुछ बच्चे किसी मुश्किल स्थिति या छोटी-मोटी समस्याओं से बचने के लिए भी झूठ बोलकर या कोई बहाना बनाकर बात से बचने की

Update: 2022-07-07 12:14 GMT

कई बार बच्चे डांट से बचने के लिए झूठ बोल देते हैं. कुछ बच्चे किसी मुश्किल स्थिति या छोटी-मोटी समस्याओं से बचने के लिए भी झूठ बोलकर या कोई बहाना बनाकर बात से बचने की कोशिश करते हैं. लेकिन, उनकी ये शुरुआती आदतों को समय रहते नहीं संभाला गया, तो उन्‍हें बात-बात पर छूट बोलने की लत लग जाएगी. दरअसल, कई बार माता-पिता या घर के बड़े ये सोचकर उन्‍हें माफ कर देते हैं कि अभी वह बच्‍चा है, जबकि कई माता-पिता गलती होने पर इतना ज्‍यादा उत्‍तेजित होकर डांट या मार लगा लेते हैं कि दहशत की वजह से बच्चे सच नहीं बोल पाते. आपको बता दें कि आपका ये बर्ताव बच्चे को झूठ बोलने के लिए और भी मोटिवेट कर सकता है. हम आपको बताते हैं कि बच्‍चों को झूठ बोलने से किस तरह से रोका जा सकता है और आप सच बोलने के लिए उन्‍हें मोटिवेट कैसे कर सकते हैं.

इन वजहों से बच्‍चे बोलते हैं छूट
-अक्‍सर बच्‍चे इस बात पर झूठ बोलते हैं, जब उन्‍हें लगता है कि सच बोलने पर उनहें डांट पड़ सकती है.
– अगर गलती से उनसे कोई चीज़ टूट गई है या कोई गलत काम हो गया है, तो वे झूठ बोलकर बचने की कोशिश करते हैं.
-जो काम माता-पिता ने करने से मना किया है या जो काम वे हमेशा सिखाते हैं, अगर बच्‍चे ने वही काम कर लिया है, तो पैरेंट्स के सामने अपना इंप्रेशन खराब ना हो, इसके लिए भी बच्‍चे झूठ बोल देते हैं.
-कई बार बच्चे दोस्‍तों की मदद के लिए झूठ बोलते हैं, मसलन पेंसिल बॉक्स दे देना, किसी दोस्त की गलती पर पर्दा डालना आदि.
-कई बार दूसरों की भावनाओं को ठेस ना पहुंचे, इसलिए भी बच्‍चे झूठ बोलकर बात को संभालने का प्रयास करते हैं.
-एक झूठ को छिपाने के लिए भी वे एक के बाद एक झूठ बोलते चले जाते हैं.
बच्चों की झूठ बोलने की आदत ऐसे छुड़ाएं
-बच्‍चों के सामने पैरेंट्स कभी भी झूठ ना बोलें.
-बच्‍चों को बचाने के प्रयास में भी झूठ ना बोलें.
-सबसे पहले उन्हें समझाएं कि झूठ बोलना गलत आदत होती है.
-उन्‍हें बताएं कि झूठ कभी अधिक दिनों तक छिपता नहीं है.
-सच बोलने से हो सकता है कि अभी डांट पड़े, लेकिन बाद की मुश्किलें आसान हो सकती हैं.
-ये बताएं कि उसकी झूठ बोलने की आदत के कारण लोग उन पर विश्‍वास करना छोड़ देंगे.
-बच्चा जब भी झूठ बोले, तो उसे आप तुरंत बता दें कि आप समझ गए हैं कि वह झूठ बोल रहा है.
-जब भी बच्चा कोई गलती करने के बाद उसे स्वीकार करे या सच बोले, तो उसे शाबाशी दें और उसका हौसला बढ़ाएं.


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