नए बॉस से यूं बैठाएं पटरी

Update: 2023-05-14 14:10 GMT
ऑफ़िस में आपका सब ठीक चल रहा था. आपने ख़ुद को अपने ऑफ़िस के वर्क एन्वायरन्मेंट के अनुसार ढाल लिया था. आप अच्छे सहकर्मियों का साथ पाकर ख़ुश थे. बॉस कमाल का होना आपको इस ऑफ़िस की सबसे अच्छी बात लगती थी. अचानक आपको जानने मिलता है कि बॉस ऑफ़िस छोड़कर जानेवाले हैं? ऐसे में आपका रिऐक्शन क्या होगा? ज़्यादातर लोगों को अच्छे बॉस के जाने के बाद ऑफ़िस काटने दौड़ने लगता है. उन्हें लगता है कि उनसे सबकुछ छिन गया हो. पर क्या वास्तव में ऐसा होता है? या होना चाहिए? बिल्कुल भी नहीं. आइए जानें, मौजूदा बॉस के जाने और नए के आने को आपको किस तरह लेना चाहिए.
रहें बदलाव के लिए तैयार
हो सकता है कि आपके पहले के बॉस आपके अब तक के प्रोफ़ेशनल जीवन के सबसे अच्छे बॉस रहे हों, पर आपको इस बात को स्वीकार करना होगा कि वे अब जा चुके हैं. उनकी जगह जो नए बॉस आनेवाले हैं, उन्हें सिरे से ख़ारिज़ करना सही नहीं रहेगा. उनके प्रति शुरुआत में ही उदासीनता आपके रिश्ते पर लंबे समय के लिए तारी रह सकती है. इसलिए आपकी पहली कोशिश यह होनी चाहिए ‌ख़ुद को इस बदलाव के लिए तैयार करना. जब आप खुले दिल से नए बॉस का स्वागत करेंगे तो जल्द ही उनके साथ भी आपका मज़बूत कामकाजी रिश्ता बन जाएगा.
यह नया आपके लिए बेहतर भी हो सकता है
आपने न तो नौकरी बदली है और न ही आपको प्रमोशन मिला है, पर नए बॉस का आना आपके लिए बहुत कुछ बदल सकता है. ख़ासकर उस केस में अगर पुराने बॉस के साथ आपकी पटरी न बैठती हो. ऐसे में तो नया बॉस आपके लिए उम्मीद की किरण साबित हो सकता है. हो सकता है कि आपके अंदर की जिन क्षमताओं को पुराने बॉस ने न पहचाना हो, नए बॉस को वो तुरंत नज़र आ जाएं. वे आपको आपकी क्षमता के अनुरूप ज़िम्मेदारी दे सकते हैं. आपको वह सबकुछ करने मिल सकता है, जो अब तक नहीं मिला था. आपके लिए तब थोड़ा मुश्क़िल हो सकता है यदि आपने अभी तक एक प्रोत्साहित करने वाले बॉस के साथ काम किया हो. हालांकि आपको किसी भी तरह के अंतिम नतीजे पर पहुंचने से पहले थोड़ा सब्र रखते हुए नए बॉस का मिज़ाज भांपना चाह‌िए. ज़रूरी नहीं है कि नया बॉस बैड बॉस ही हो.
एक पहलू यह भी है
जिस तरह आप नए बॉस को लेकर आशंकित हैं, उसी तरह कुछ आशंकाएं नए बॉस के मन में भी होंगी. वे जानते हैं कि जिन लोगों का बॉस बनकर आए हैं, वे इस ऑफ़िस में लंबे समय से हैं. ऑफ़िस और यहां की कार्यप्रणाली को बेहतर ढंग से समझते हैं. ऐसे में आपको और आपके दूसरे सहकर्मियों की ज़िम्मेदारी है कि उन्हें सहज महसूस कराएं. लंच और टी ब्रेक्स के दौरान उनका साथ देकर ऑफ़िस के माहौल से जेल होने में उनकी मदद करें. हां, ऐसा करते समय एक ख़तरा यह भी है कि वे इसे आपकी चापलूसी समझ सकते हैं. इसलिए ध्यान रखें कि उन्हें सहज कराने के चक्कर में बहुत ज़्यादा न कर जाएं. वरना अच्छा करने की आपकी यह कोशिश बैकफ़ायर कर जाएगी.
नए बॉस की नई योजनाएं
हर नया व्यक्ति किसी नए संस्थान में अपने नए आइडियाज़ के साथ आता है. उसके विचार अलग होते हैं, काम करने का तरीक़ा अलग होता है. काफ़ी हद तक मुमक़िन है कि वो बदलाव लाएंगे. वे चाहेंगे कि उनकी टीम उनके तौर-तरीक़ों से काम करे. आपको इस बात को समझना होगा और बदलावों के लिए तैयार रहना होगा. अगर आपके पास कुछ अच्छी सलाह हैं तो बॉस को दें और बदलाव के इस चक्र का हिस्सा बनें. हां, जिन बदलावों को आप लोग पहले आज़मा चुके हों और अच्छा नतीजा न मिला हो, उनके बारे में बॉस को पहले ही बता दें. बदलावों की इस प्रक्रिया के दौरान न तो नए बॉस को मिस लीड करने की कोशिश करें और न ही जानते-बूझते बॉस को ग़लती करते देखें. अपनी सही राय से उन्हें रूबरू कराएं. इससे न केवल आप अपना प्रोफ़ेशनल दायित्व पूरा कर रहे होते हैं, बल्कि भविष्य में एक अच्छे रिश्ते की नींव भी डाल रहे होते हैं.
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