इस शराब का नाम ब्लैक डॉग पर कैसे पड़ा, आइए जाने
कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, भारत में इनकी 50 से ज्यादा मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स हैं।
दुनिया भर के मार्केट में एक से बढ़कर प्रोडक्ट मौजूद है, कंपनियों अपने पोडक्ट की नाम बड़े सोच समझ कर रखी है। जिससे मार्केटिंग में अच्छा रिपांस्स मिले लोगों को प्रोडक्ट याद रहे हैं। मार्केट में ऐसी कई उत्पाद हैं जो खास वजह रखते हैं, जिसमें आप ने कभी ना काभी इस मशहूर व्हिस्की का ब्लैक डॉग का नाम तो जरुर सुना होगा। बता दें कि ब्लैक डॉग एक ऐसा ब्रांड है, जो भारतीय शराब प्रेमियों के बीच दशकों से बेहद मशहूर है। तो इसका नाम ब्लैक डॉग पर कैसे पड़ा, आइए जानते हैं।
देखें कंपनी का इतिहास
ब्लैक डॉग स्कॉच व्हिस्की का एक ब्रांड है जिसे डियाजिओ पीएलसी की सहायक कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड द्वारा बनाया जाता है। स्कॉच व्हिस्की के ब्लैक ब्रांड को पहली बार 1883 में स्कॉटलैंड में जेम्स मेकिनले द्वारा बनाया गया था।
इस वजह से पड़ा ब्लैक डॉग का नाम
बता दें कि इस नाम का कनेक्शन इस शराब को बनाने वाले शख्स सर वॉल्टर मिलर्ड की एक आदत से जुड़ा है। कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, मिलर्ड मछली पकड़ने के बहुत शौकीन थे। मछली पकड़ने के लिए वह एक स्पेशल किस्म का कांटा 'फिशिंग फ्लाई' का इस्तेमाल करते थे। इस फिशिंग फ्लाई को ही ब्लैक डॉग कहते हैं। इसी फिशिंग फ्लाई से प्रेरित होकर व्हिस्की मेकर मिलर्ड ने 1883 में इस शराब ब्रांड की शुरुआत की। तो आप समझ गए होंगे इस मशहूर स्कॉच व्हिस्की ब्रांड को यह नाम कैसे मिला।
ग्लोबल शराब कंपनी की इंडियन सब्सिडियरी डियाजियो इंडिया का ब्लैक डॉग ब्रांड पर मालिकाना हक है। यह कंपनी भारत में मैकडॉवेल नंबर 1, वैट-69, रॉयल चैलेंज, एंटीक्यूटी, स्मिरनॉफ, जॉनी वॉकर, ब्लैक एंड वाइट, सिग्नेचर, कैप्टन मोर्गन समेत कई ब्रांड के शराब बेचती है। कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, भारत में इनकी 50 से ज्यादा मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स हैं।