लाइफस्टाइल: जब पतली कमर और टोंड एब्स पाने की बात आती है, तब सभी को लगता है कि बिना जिम जाए कुछ भी मुमकिन नहीं है। लेकिन एक और तरीका है, जिसकी मदद से आप अपने इस सपने को पूरा कर सकते हैं। जी हां, हम योगासन के बारे में बात कर रहे हैं।
यह सच बहुत कम लोग जानते हैं कि योग शरीर को रिलैक्स करने के साथ ही टोन करने में भी मदद कर सकता है। आज अपनी मंडे मोटिवेशन सीरिज में हम आपको कुछ ऐसे ही योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें रोजाना करने से आप बहुत ही कम समय में पेट का फैट कम कर सकते हैं और टोंड एब्स और मनचाही बॉडी शेप पा सकते हैं।
इन योगासन की जानकारी सर्वा योगा, माइंडफुलनेस एंड बियोंड के को फाउंडर श्री सर्वेश शशि दे रहे हैं। उनका कहना है, ''यदि आप सुडौल एब्स चाहते हैं और नहीं जानते हैं कि कहां से शुरुआत की जाए? तो इन 5 आसनों से योग की शुरुआत करें।''
त्रिकोणासन
यह आसन स्थिरता बढ़ाता है, रीढ़ की हड्डी पर स्ट्रेच लाता है और पेट को टोन करता है। साथ ही, यह शरीर के अंगों पर काम करता है और तनाव को कम करता है।
विधि
दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूर बनाकर खड़े हो जाएं।
पीठ को एकदम सीधा रखें।
फिर दाएं पैर को दाईं ओर मोड़कर रखें।
दोनों हाथों को बगल में फैलाएं।
अब सांस लेते हुए दाईं ओर झुकें।
झुकते समय नजर सामने रखें।
दाएं हाथ से दाएं पैर को छूने की कोशिश करें।
बायां हाथ ऊपर की और रखें और नजर बाएं हाथ की उंगलियों की और रखें।
अब वापस पुरानी पोजिशन में आ जाएं।
हाथ को बदलकर योग को करें।
ऐसा कम से कम 20 बार करें।
शरीर उठाते समय सांस अंदर लें औए झुकते समय सांसों को छोड़ें।
वारियर-3
यह आसन संतुलन और शक्ति बढ़ाता है। एब्स और पीठ की मसल्स को मजबूत करता है और ब्रेन को दुरुस्त रखता है।
विधि
जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं।
दोनों हाथों को सामने फैलाएं।
दोनों हथेलियां एक-दूसरे के सामने होनी चाहिए।
फिर बाएं पैर को उठाएं।
घुटना सीधा रखते हुए पैर को पीछे ओर हवा में ले जाएं।
पैर को पीछे ले जाते समय शरीर को ऊपरी हिस्से को आगे की ओर झुकाएं।
आगे की ओर झुकते समय हाथों को ऊपर ले जाएं।
बैलेंस बनाते हुए पैर, कमर और हाथ एक सीध में ले आएं।
ऐसा करते हुए शरीर का सारा वजन दाएं पैर पर ही रहेगा।
भुजंगासन
यह आसन रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार करता है और साइटिका और पीरियड्स में होने वाले दर्द से राहत देता है। इस पोज में ऊपर उठने के लिए हम कोर का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए यह पेट की मसल्स पर काम करता है।
विधि
पेट के बल लेट जाएं।
हाथों को शरीर के साइड में रखें।
हाथों को कोहनियों पर झुकाएं।
सांस अंदर लेते हुए सिर और गर्दन को ऊपर उठाकर छत की ओर देखें।
केवल नाभि तक के हिस्से को उठाएं।
पैरों को एक साथ रखें।
कुछ सेकेंड के लिए इस पोजिशन में रहें।
धीरे से आसन से बाहर आ जाएं।
चतुरंग दंडासन
यह आसन बाजुओं, कलाइयों और पेट की मसल्स को ताकत देता है। साथ ही, यह कोर स्ट्रेंथ को बढ़ाता है।
विधि
इसे करने के लिए प्लैंक पोजिशन में आ जाएं।
सांस छोड़ते हुए शरीर को आधे पुश-अप में नीचे ले आएं।
खुद को नीचे करते समय कोहनियां पसलियों के किनारों को छूनी चाहिए।
कलाइयां और कोहनियां फर्श पर सीधी होनी चाहिए।
आसन में 10-15 सेकंड के लिए रहें।
नौकासन
यह आसन बैलेंस और डाइजेशन में सुधार करता है। यह पेट की मसल्स और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और हिप्स के लचीलेपन को बढ़ाता है। इसके अलावा, यह तनाव को दूर करता है।
विधि
पीठ के बल लेट जाएं।
हिप्स पर बैलेंस बनाने के लिए शरीर के ऊपरी और निचले हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं।
पैर की उंगलियां आंखों के साथ सामने होनी चाहिए।
इसे करते हुए घुटनों और पीठ को सीधा रखें।
बाजुओं को जमीन के समानांतर और आगे की ओर इशारा करते हुए रखें।
पेट की मसल्स को टाइट और पीठ को सीधा करें।
सामान्य रूप से सांस लें और छोड़ें।
फिर पहली मुद्रा में वापस आ जाएं।