आपकी फ़िटनेस की असली परीक्षा पहाड़ों पर ट्रेकिंग के दौरान ही होती है. और यदि आसपास प्राकृतिक सुंदरता बिखरी हो तो आप अपनी अपनी शारीरिक क्षमता को पूरी तरह आज़मा सकते हैं. हम आपको भारत की ऐसी ही जगहों का पता बता रहे हैं.
रूपकुंड, उत्तराखंड
अछूते जंगलों, कलकल करती छोटी-छोटी नदियों से गुलज़ार रूपकुंड कैंपिंग करने के लिए बिल्कुल उयुक्त जगह है. लेकिन यह जगह सामूहिक क़ब्रगाह जैसी भी नज़र आती है. यहां की रहस्यमयी झील, जिसमें हमेशा बर्फ़ जमी रहती है, में बहुत सारे स्केलेटन (कंकाल) समाए हुए हैं, तक़रीबन 600. ये कंकाल 850 ईस्वी के हैं और इनकी खोज वर्ष 1942 में ब्रिटिशर्स द्वारा की गई थी. इन स्केलेटन्स के पास से अंगूठियां, भाले, चमड़े के जूते और बांस के डंडे पाए गए थे, जिससे विशेषज्ञों ने यह माना कि ये तीर्थयात्रियों का एक काफ़िला था, जो स्थानीय लोगों की सहायता से घाटी की ओर बढ़ रहा था. ट्रैक का रास्ता और यहां आयोजित होनेवाली वार्षिक राजजात यात्रा का रास्ता एक जगह आकर मिलता है, ये गढ़वाली लोगों की जीवनशैली व रिवाज़ों को देखने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है.कुदरेमुख, कर्नाटक
कुदरेमुख दक्षिण भारत का सबसे लोकप्रिय ट्रेकिंग रूट है. ये तुंग, भद्रा और नेत्रवती नदियों के अलावा कदम्बी जलप्रपात से भी घिरा हुआ है. यहां का नैशनल पार्क अपनी बायोडाइवर्सिटी (अलग-अलग तरह के जीव-जंतुओं और पौधों) के लिए जाना जाता है. ये पर्यावरण संरक्षण के लिहाज़ से यूनेस्को द्वारा चुने गए 34 स्थलों में से एक है. कुदरेमुख में 13 ट्रेकिंग रूट्स हैं, जिसमें से 40 किलोमीटर वाला सबसे कठिन ट्रैक है. चूंकि ये सुरक्षित जंगल क्षेत्र है अत: यहां रात में ठहरने पर पाबंदी है.
वैली ऑफ़ फ़्लावर्स, उत्तराखंड
यह वैली 10 किलोमीटर लंबी है. बारिश के मौसम में पूरी वैली में ख़ूबसूरत प्राकृतिक फूल खिलते हैं और ये अलग-अलग प्रकार के विभिन्न फूलों से भर जाती है. यहां कुछ स्नो लेक्स और ग्लेशियर्स भी हैं.
गोएचा ला, सिक्किम
गोएचा ला ट्रैक की शुरुआत युक्सोम से होती है, जो सिक्किम की पूर्व राजधानी थी. यह ट्रैक हरियाली, जंगल, घास और बुरुंश के फूलों से भरे मैदान व चट्टानी भूमि से भरपूर है-यहां से आप कंचनजंगा के अद्भुत दृश्य देख सकती हैं. गोएचा ला ट्रैक से आप कई ख़ूबसूरत दृश्य, जैसे-वैली ऑफ़ थैनसिंग और अनूठा बैकहिम गांव भी देख सकते हैं.