गर्मी में खाए खट्टे-मीठे 'फालसे फल, जानें इसके बड़े फायदे

गर्मियों में सबसे अधिक फालसे का सेवन किया जाता है. यह फल खट्टा मीठा होता है और आकार में बेहद ही छोटा होता है

Update: 2022-06-04 12:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |   गर्मियों में सबसे अधिक फालसे का सेवन किया जाता है. यह फल खट्टा मीठा होता है और आकार में बेहद ही छोटा होता है. लेकिन इसके फायदे इसे बेहद ही प्रभावशाली बनाते हैं. यदि इसके पोषक तत्वों की बात की जाए तो फालसा फल के अंदर फाइबर, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, विटामिन b1, 2, 3, विटामिन सी, विटामिन ए आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनके सेवन से शरीर की समस्या दूर हो सकती हैं.लेकिन सवाल यह है कि गर्मियों में खाए जाने वाले फल की तासीर कितनी होती है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे की फालसा की तासीर क्या होती है और इसके फायदे नुकसान क्या हैं. पढ़ते हैं 

कैसी होती है फालसा फल की तासीर?
बता दें कि फालसा फल का सेवन गर्मियों में किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि फालसा फल की तासीर गर्म ठंडी होती है. इसके सेवन से शरीर को ठंडक पहुंचती है. हालांकि इसका सेवन आप शरबत या चटनी के रूप में भी कर सकते हैं. 
फालसा फल के फायदे
इसके अंदर इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो गठिया की समस्या को दूर करने में उपयोगी है.
अस्थमा रोगी को फालसा फल का सेवन करना चाहिए. इससे सांस संबंधित परेशानियां दूर हो सकती हैं.
हड्डियों को मजबूत करने में फालसा फल आपके बेहद काम आ सकता है. इसके अंदर कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डी के स्वास्थ्य को उत्तम रख सकता है.
फालसा फल के अंदर फाइबर पाया जाता है जो पेट की कई समस्याओं को दूर करने में उपयोगी है.
फालसा फल पाचन क्रिया को तंदुरुस्त बनाता है और भूख को बढ़ाता है.
डायरिया जैसी समस्या को दूर करने में फालसा फल आपके बेहद काम आ सकता है. इसके अंदर पोटेशियम पाया जाता है जो डायरिया से राहत दिला सकता है.
एनीमिया यानी खून की समस्या, इस समस्या को दूर करने में फालसा फल आपके बेहद काम आ सकता है. इसके अंदर आयरन पाया जाता है जो एनीमिया को दूर करने में उपयोगी है.
फालसा फल के नुकसान
फालसा फल के सेवन से व्यक्ति को एलर्जी महसूस हो सकती है.
फालसा फल के अंदर कैल्शियम की ज्यादा मात्रा होती है, जिससे व्यक्ति को किडनी की समस्या हो सकती है.
फालसा के अधिक सेवन से शरीर में ब्लड ग्लूकोस लेवल कम हो सकता है.


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