क्या आप भी करना चाहते है तीर्थ यात्रा ,जाने किस दिन खुल रहे है कौन से कपाट

वार्षिक चार धाम यात्रा की शुरुआत जल्द होने जा रही है।

Update: 2023-02-20 16:12 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छह महीने के लंबे शीतकालीन अवकाश के बाद, जल्द ही वार्षिक चार धाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। अप्रैल से उत्तराखंड के चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन आम लोगो के लिए शुरू हो जाएंगे।
वार्षिक चार धाम यात्रा आधिकारिक तौर पर अक्षय तृतीया (22 अप्रैल) से शुरू होगी। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। वहीं केदारनाथ धाम 25 अप्रैल सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर जनता के लिए खुल जाएगा। हालांकि, बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल से खुलेंगे।
चार धाम की मान्यता
बता दें, भारत में चार धाम यात्रा हिंदुओं के सबसे प्रमुख तीर्थों में से एक है, जो उत्तराखंड के पहाड़ों में चार पवित्र स्थलों पर होती है। पवित्र यात्रा उत्तरकाशी में यमुनोत्री से शुरू होती है और उसी जिले में गंगोत्री तक जाती है। यात्रा का तीसरा गंतव्य रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मंदिर है। अंतिम गंतव्य चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम पर जाकर संपूर्ण होता है। चार धाम की कुल यात्रा 1,607 किलोमीटर की दूरी तय करता है।
चारधाम के कपाट खुलने की तिथि
यमुनोत्री, 22 अप्रैल
गंगोत्री, 22 अप्रैल
केदारनाथ, 25 अप्रैल
बदरीनाथ, 27 अप्रैल
15 मार्च को बदरी-केदार रवाना होंगे मंदिर समिति के अग्रिम दल
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के साथ ही श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने यात्रा तैयारियां तेज कर दी हैं। यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेने समिति के अग्रिम दल 15 मार्च को केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होंगे।
कहा कि यात्रा व्यवस्था में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में मंदिर समिति के कर्मठ व कुशल कार्मिकों की सुसंगठित टीम भेजी जाएंगी। यह टीम धाम में व्यवस्थाओं का जायजा लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देंगी। समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने कहा कि यात्रा व्यवस्था को लेकर शीघ्र एसओपी जारी की जाएगी।
इस वर्ष होंगी कई चुनौतियां
इस साल का चार धाम अपने साथ कई चुनौतियां लेकर आया है। बद्रीनाथ धाम के प्रवेश द्वार जोशीमठ में भू-स्खलन का मुद्दा सबसे ज्वलंत मुद्दा है। हाल ही में, जोशीमठ और उसके आसपास के कई इलाकों में खतरनाक दरारें देखने को मिलीं, जिसके बाद वहां के स्थानीय लोगों को अपना घर थोड़कर जाना पड़ा। ऐस परिस्थिती में यह क्षेत्र अभी काफी नाजुक स्थिति में है और श्रद्धालुओं का हुजूम दर्शन पूजन कर सुरक्षित वापस अपने घर पहुंच जाए सरकार का ध्यान इसपर केंद्रित होगा।
ताजा रिपोर्टों के अनुसार, बद्रीनाथ राजमार्ग पर जोशीमठ के पास ताजा दरारें दिखाई दी हैं। हालांकि, उत्तराखंड राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों को आश्वस्त किया है कि वर्तमान भूवैज्ञानिक समस्या चार धाम यात्रा में बाधा नहीं बनेगी।
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