कमर दर्द होने पर करे ये आसान
दरअसल कमर दर्द होने पर हम लोग पेन किलर खा लेते हैं
योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। कमर दर्द एक ऐसी समस्या है जो बहुत तेजी से अपने पैर पसार रही है, जिससे बहुत से लोग परेशान रहते हैं। वैसे तो कमर दर्द सभी को होता है लेकिन महिलाएं इस रोग से ज्यादा ही परेशान रहती हैं। ऐसे में योग के माध्यम से कमर दर्द से निजात पाई जा सकती है। जो लोग नियमित रूप से योग करते हैं वो कई प्रकार की बीमारियों से कोसो दूर रहते हैं। कुछ ऐसे योग आसन हैं जो खास तौर से कम दर्द के लिए लाभकारी हैं।
दरअसल कमर दर्द होने पर हम लोग पेन किलर खा लेते हैं जब तक इसका असर होता है तब तक दर्द दूर रहता है। लेकिन जैसे ही पेन किलर का असर दूर होता है दर्द भी से परेशान करने के लिए वापस आ जाता है। जिसकी वजह से उठना-बैठा और लेटना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। ऐसे में महिलाओं के लिए कुछ योग (Yoga) बहुत काम के हैं। आज के आर्टिकल में हम ऐसे कुछ खास योग आसन के बारे में बताने जा रहे हैं जो कमर दर्द से जल्द राहत देते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
भुजंगासन
भुजंगासन कमर दर्द के (Yoga For Back Pain) लिए बहुत अच्छा होता है।
इस आसन को करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं।
अब पैरों को आपस में मिलाएं और हथेलियों को सीने के पास कंधों की सीध में रखें।
अपने माथे को जमीन पर रखकर शरीर को सहज रखें।
फिर गहरी सांस लेते हुए शरीर के आगे के हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं।
अपने दोनों हाथों को सीधा खड़ा रखें। करीब 15-20 सेकेंड के लिए इसी मुद्रा में रहें।
फिर सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य मुद्रा में लौट आएं।
उष्ट्रासन
इस आसन से भी कमर दर्द में बहुत आराम मिलता है।
इसके लिए सबसे पहले आप घुटनों के बल बैठ जाएं।
अब दोनों घुटनों की चौड़ाई कंधों के बराबर रखें और तलवे पूरे फैले हुए आसमान की तरफ रखें।
रीढ़ की हड्डी को पीछे की तरफ झुकाते हुए दोनों हाथों से एड़ियों को छूने का प्रयास करें।
लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस पोज में जाते समय गर्दन पर अधिक दबाव न पड़े।
अपनी कमर से लेकर घुटनों तक का हिस्सा सीधा रहे।
इस अवस्था में रहकर गहरी सांस लें।
कुछ देर बाद अपनी सामान्य अवस्था में लौट आए।
शलभासन (Yoga For Back Pain)
शलभासन को करने के लिए आप पेट के बल लेट जाएं।
फिर अपनी दोनों हथेलियों को जांघों के नीचे रख दें।
फिर दोनों पैर की एड़ियों को आपस में जोड़कर अपने पैर के पंजे को सीधे रखें।
अब धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
दोनों पैरों को ऊपर की ओर ले जाते समय गहरी सांस लें।
इसी अवस्था में कुछ सेकेंड रहें और बाद में पैरों को सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर लाएं।
और अपनी नार्मल अवस्था में आ जाएं।