कई बार सिरदर्द को एक नॉर्मल हेडेक समझकर बस एक हम एक दवा खा लेते हैं. लेकिन ऐसा करना हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसी लापरवाही आपकी जान तक ले सकती हैं. क्योंकि यह सिंपल सा देखने वाला सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर का कारण बन सकता है. ब्रेन के सेल्स की गांठ बन जाने को ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. बिना कैंसर वाले ट्यूमर को ‘लाइट ब्रेन ट्यूमर’कहा जाता है. वक्त रहते इसका इलाज करवाना है जरूरी है नहीं तो यह आपकी जान पर बन सकती है.
कितने तरह का ब्रेन ट्यूमर होता है?
ब्रेन ट्यूमर कई तरह के होते हैं. कुछ ट्यूमर नॉन कैंसरस होते हैं तो कुछ खतरनाक कैंसर होते हैं. ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत ही ब्रेन से होती है. इसलिए इसे ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. यदि कैंसर शरीर के एक हिस्से से फैलते हुए ब्रेन तक फैलता है को इस तरह के कैंसर ब्रेन ट्यूमर या मेटा स्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहते हैं.
यंग लोगों में सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर सबसे अधिक होता है
यंग लोगों में सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर सबसे अधिक होता है. सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर में कैंसर शरीर के अंगों में फैलते हुए ब्रेन तक पहंच जाता है. सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर अक्सर उन लोगों को ज्यादा होता है जिन्हें पहले से कैंसर की बीमारी है. सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर को मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है. जो शरीर के अंगों में फैलने लगता है.
ब्रेन ट्यूमर यंग और बच्चों को अलग होता है:-
यंग लोगों में ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
लगातार सिर में दर्द होना
तेज़ सिरदर्द होना
आंखों से धुंधला दिखाई देना
दौरा पड़ना
मेमोरी कमजोर होना
उल्टी और मतली जैसा होना
सूंघने और स्वाद की कमी
बोलने में कई तरह की परेशानी होना
हाथों और पैरों में झनझनाहट जैसा महसूस होना
बच्चों में ब्रेन ट्यूमर के लक्षण:-
बार-बार प्यास लगना
बार-बार टॉयलेट आना
सिर की स्थिति सामान्य से बड़ा होना
बैलेंस बनाने में परेशानी होना
ब्रेन ट्यूमर में सिर में दर्द होना एक शुरुआती लक्षण है. इसलिए इसका वक्त रहते ही इलाज करवाना है जरूरी.