महिलाओं के लिए भी डायबिटीज़ उतना ही ख़तरनाक है, जितना पुरुषों के लिए

Update: 2023-05-07 13:23 GMT
डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है, जो हमारे ख़ून में शुगर अर्थात शर्करा के संतुलन और रेग्युलेशन को डिस्टर्ब कर देती है. इस समय दुनिया की क़रीब 246 मिलियन आबादी यानी 24 करोड़ 60 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित है. मोटे तौर पर एक लाइफ़स्टाइल डिज़ीज़ कहे जानेवाले डायबिटीज़ के महिलाओं और पुरुषों में होने की संभावना लगभग समान है. इस आधार पर कह सकते हैं कि दुनिया की लगभग 12 करोड़ 30 लाख महिलाएं डायबिटीज़ का शिकार हो चुकी हैं. लाइफ़स्टाइल चेंजेस के साथ डायबिटीज़ के मरीज़ों की संख्या में बढ़ोतरी ही देखने मिलनेवाली है. एक अनुमान के मुताबिक़ वर्ष 2025 तक इससे पीड़ित लोगों की संख्या 38 करोड़ तक पहुंच जाएगी. इसकी सबसे बुरी बात यह है कि इसका कोई स्थाई उपचार उपलब्ध नहीं है. इससे निपटने का केवल एक ही तरीक़ा है, वह है ब्लड शुगर पर नियंत्रण.
ख़ैर हम आज बात करेंगे डायबिटीज़ का महिलाओं पर होनेवाले प्रभावों का. यह देखा गया है कि यह बीमारी महिलाओं की ज़िंदगी को थोड़ी और मुश्क़िल बना देती है. डायबिटिक महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. यह बीमारी महिला और उसके अजन्मे बच्चे तक को प्रभावित कर सकती है. प्रेग्नेंसी में जटिलता तो आती ही है, साथ ही गर्भपात या बच्चे में पैदाइशी विकार होने की संभावना भी अधिक होती है. जिन महिलाओं को डायबिटीज़ होता है, उन्हें उन महिलाओं की तुलना में कम उम्र में हार्ट अटैक की संभावना अधिक होती, जिन्हें डायबिटीज़ नहीं होता.
डॉ निखिल नासिकर, कंसल्टेंट डायबिटोलॉजिस्ट, केजे सोमैया हॉस्पिटल, सुपर स्पेशैलिटी सेंटर, महिलाओं में डायबिटीज़ के चलते होनेवाले कॉ‌म्प्लिकेशन्स के बारे में बता रहे हैं, ख़ासकर प्र‍ेग्नेंसी और मेनोपॉज़ के दौरान होनेवाले ख़तरों के बारे में.
‍‍प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को हो सकता है टेम्प्र‍ेरी डायबिटीज़
जिन महिलाओं को डायबिटीज़ नहीं भी है, उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज़ होने की संभावना होती है. हालांकि कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज़ होना टेम्प्रेरी है, लेकिन आगे चलकर ऐसी महिलाओं के टाइप 2 डायबिटीज़ होने की संभावना बढ़ जाती है. प्रेग्नेंसी के दौरान होनेवाने डायबिटीज़ में आमतौर पर किसी तरह के बाहरी लक्षण दिखाई नहीं देते. इसलिए महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज़ की जांच ज़रूर करानी चाहिए. प्रेग्नेंसी के दौरान होनेवाले डायबिटीज़ के चांसेस इन महिलाओं में अधिक होते हैं.
-जो प्रेग्नेंट होने से पहले ओवरवेट होती हैं.
-यदि महिला प्रीडायबिटिक है, यानी उसका शुगर लेवल अधिक रहता है, पर डायबिटीज़ जितना नहीं.
-परिवार में डायबिटीज़ का इतिहास हो.
ऐसी महिलाओं को पूरी तरह नाउम्मीद नहीं होना चाहिए, क्योंकि ऐसे कंडिशन में भी हेल्दी प्रेग्नेंसी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. बेशक इसके लिए ख़ास ध्यान देना होगा.
मेनोपॉज़ और डायबिटीज़ के घातक कॉम्बिनेशन से रहें सतर्क
मेनोपॉज़ अर्थात रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं के शरीर में काफ़ी बदलाव आते हैं. आमतौर पर महिलाओं को मेनोपॉज़ के दौरान डायबिटीज़ होने की संभावना युवा महिलाओं की तुलना में बढ़ जाती है. वहीं यदि महिला पहले से ही डायबिटिक है तो मेनोपॉज़ के बाद समस्या बढ़ सकती है. शरीर में आनेवाले हार्मोनल बदलाव इंसुलिन के प्रोडक्शन को प्रभावित करते हैं. मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है, ओवरी अंडे बनाना बंद कर देती है. यदि महिला को पहले से ही डायबिटीज़ है तो काफ़ी हद तक संभव है कि उसे वेजाइनल इन्फ़ेक्शन्स परेशान करें.
इसके अलावा मेनोपॉज़ के कारण वज़न बढ़ने की समस्या और अधिक परेशान करती है. यदि महिला को पहले से ही डायबिटीज़ हो तो उसे इंसुलिन के डोज़ में बदलाव लाना पड़ता है या शरीर में आ रहे बदलावों से सामन्जस्य बिठाते हुए डायबिटीज़ कंट्रोल में रखने के लिए ओरल मेडिकेशन भी शुरू करना पड़ सकता है.
डायबिटीज़ से बढ़ जाती है इन दूसरी समस्याओं की संभावना
‌डायबिटीज़ से पीड़ित महिलाओं को हृदय रोग होने की संभावना डायबिटीज़ पी‌ड़ित पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक होती है. यदि महिला डायबिटीज़ के साथ-साथ मोटापे की समस्या से भी जूझ रही हो तो मामला और गंभीर हो जाता है.
आपने यह कई जगह पढ़ा होगा कि डायबिटीज़ का पुरुषों की सेक्शुऐलिटी पर प्रतिकूल असर पड़ता है. ज़्यादातर रिसर्च में महिलाओं की सेक्स लाइफ़ पर इस बीमारी के बारे में नहीं बताया जाता. पर जिस तरह पुरुषों की सेक्शुऐलिटी पर डायबिटीज़ का नकारात्मक असर पड़ता है, उसी तरह महिलाओं को भी डायबिटीज़ प्रभावित करता है. वेजाइना में लूब्रिकेशन की कमी के चलते इंटरकोर्स के समय डायबिटिक महिलाओं को तक़लीफ़ होती है. हालांकि अभी तक डायबिटीज़ के चलते महिलाओं को किन सेक्शुअल समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उसका व्यापक अध्ययन नहीं किया गया है. लेकिन नर्व डैमेज, वेजाइना के आसपास स्लो ब्लड फ़्लो, हार्मोनल चेंजेस, मूड स्विंग आदि का महिलाओं की सेक्स ड्राइव पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
इन लक्षणों से पहचानें, डायबिटीज़ की आहट
हममें से ज़्यादातर लोगों को डायबिटीज़ होने की बात काफ़ी समय बाद पता चलती है. इन लक्षणों पर ग़ौर करके आप यह पता कर सकते हैं कि कहीं आपको डायबिटीज़ तो नहीं... ये लक्षण महिलाओं और पुरुषों दोनों में देखे जा सकते हैं.
-सामान्य से अधिक भूख और प्यास लगना
-बार-बार पेशाब लगना
-बिना किसी वाज़िब कारण के वज़न बढ़ना या घटना
-हमेशा थकावट-सी तारी रहना
-आंखों से धुंधला दिखना
-घाव का देरी से भरना
-जी मिचलाना या उबकाई आना
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