फैटी लिवर के लिए करें इनका सेवन

ओट्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड और डाइटरी फाइबर मौजूद होता है।

Update: 2023-02-11 16:29 GMT
आधुनिक खराब जीवनशैली से सबसे ज्यादा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। इससे कई लोग ब्लड प्रेशर, थायराइड, हृदय रोग, मधुमेह (डायबिटीज) और लिवर संबंधित बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। लिवर से जुड़ी समस्याओं में सबसे घातक बीमारी फैटी लिवर की मानी जाती है जो समय के साथ-साथ लिवर में फैट बढ़ाती है। इससे ग्रस्त मरीजों में पेट फूलना, सांसो में बदबू, वजन का कम होना, अपच जैसी कई अन्य समस्या होने लगती है। आइए आपको फैटी लिवर की जानकारी देने के साथ रोगियों को अपनी डाइट में क्या शामिल करना चाहिए और क्या नहीं इन सबके बारे में विस्तार से बताते हैं...
दो प्रकार के होते हैं फैटी लिवर
कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि फैटी लिवर की समस्या सिर्फ शराब या मादक चीजों का सेवन करने से होती है। इसका इलाज घरेलू तौर पर करना संभव नहीं है। तो आपको बता दें कि फैटी लिवर दो प्रकार के होते हैं, पहला एल्कोहॉलिक फैटी लिवर है जो शराब के अधिक सेवन करने से होता है। दूसरा नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर है जो मोटापे और खाने की अनुचित आदतों वाले लोगों में देखा जाता है।
चिकित्सकों के अनुसार फैटी लिवरी की समस्या में लिवर में सूजन या सिकुड़न आ जाती है। ऐसे में खाने को पचाने में काफी मुश्किल होती है। उल्दी या घबराहट जैसी समस्या भी होने लगती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अपने जीवनशैली में बदलाव और आहार में कुछ चीजों को शामिल कर फैटी लिवर की समस्या को दूर किया जा सकता है, साथ ही इससे लिवर भी मजबूत होता है।
ओट्स
ओट्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड और डाइटरी फाइबर मौजूद होता है। इसे अपने आहार में शामिल कर आप लिवर में जमे फैट को कम कर सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ऐसे लोग जो रोजाना ओटमील का सेवन करते हैं उनके शरीर से एक्स्ट्रा चर्बी कम होती है। ऐसे में नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी होने से भी बचा जा सकता है।
अखरोट
अखरोट को अपने आहार में शामिल करके आप लिवरी संबंधित समस्या से बच सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर को सेहतमंद बनाएं रखने में मदद करता है। इसके अलावा लिवर की हिपेटिक ट्राइग्लिसराइड और सूजन को भी अखरोट के सेवन से कम किया जा सकता है। अगर आप रोजाना अपने नाश्ते में ओट्स के साथ अखरोट का सेवन करेंगे तो आपके लिवर के लिए ये काफी फायदेमंद रहेगा।
ब्रोकली
फैटी लिवर की समस्या में ब्रोकली का सेवन करना अच्छा माना जाता है। इससे लिवर मजबूत और सेहतमंद बना रहता है। ब्रोकली में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है। ऐसे में इसका सेवन करने से शरीर के टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकलते है। इसके अलावा शरीर में जमा फैट भी कम होता है। ब्रोकली का सेवन करने से ट्राइग्लिसराइड और हिपेटिक मैक्रोफेज को भी कम किया जा सकता है।
ग्रीन टी
ग्रीन टी का सेवन करने से भी फैटी लिवर की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इससे लिवर मजबूत और हिपेटिक इंफ्लेमेशन कम होता है। ग्रीन टी में भी एंटीऑक्सीडेंट मौजूद है जो लिवर के फैट को कम करता है। रोजान कम से 3 बार ग्रीन टी का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
सब्जियां और फल
फैटी लिवर के रोग से ग्रसित रोगियों के लिए फल और सब्जियों का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है। इन्हें अपने डाइट में भरपूर्ण मात्रा में फल और सब्जियां शामिल करनी चाहिए। आपके लिए ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियों का सेवन करना अच्छा माना जाता है। इससे लिवर का फैट कम होने के साथ लिवर हेल्दी होता है।
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फैटी लिवर में ना खाएं ये चीजें
शराब- फैटी लिवर के मरीजों को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से लिवर का फैट कम होने की बजाए बढ़ जाता है। इसके अलावा आपको कई अन्य तरह की बीमारियां अपना शिकार बना सकती हैं।
नमक- फैटी लिवर के मरीजों के लिए नमक का सेवन करना भी हानिकारक साबित हो सकता है। दरअसल, नमक का ज्यादा सेवन करने वाले लोगों के शरीर में अतिरिक्त पानी जमा हो जाता है जो फैटी लिवर के मरीजों के लिए सही नहीं है। इसलिए आपको कम से कम नमक का सेवन करना चाहिए।
शुगर- फैटी लिवर के मरीजों को मीठी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। टॉफी, चॉकलेट, फ्रूट जूस, सोडा और कूकीज में चीनी की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए इन चीजों का सेवन करने से भी बचें।
व्हाइट ब्रेड- फैटी लिवर के मरीजों को व्हाइट ब्रेड का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने की संभावना रहती है। ऐसे में रोगियों के लिए समस्या बढ़ सकती है।
रेड मीट- अगर आप फैटी लिवर की समस्या से परेशान हैं तो आपको रेड मीट और बीफ का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में सैचुरेटेड फैट मौजूद होता है और ये फैटी लिवर के रोगियों के लिए समस्या बढ़ा सकता है।
फ्राइड और जंक फूड- फैटी लिवर के मरीजों को ऑयली, फ्राइड और जंक फूड का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनमें अधिक फैट और कैलोरी मौजूद होता है, इससे लिवर में फैट बढ़ता है।
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