जनता से रिश्ता वेबडेस्क | चीन के एप पर बैन (Chinese apps ban) लगाये जाने के मामले में वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि इन एप पर बैन इसी लिये लगाया गया है क्योंकि ये किसीन न किसी तरह देश को नुकसान पहुंचा रहे थे, हालांकि सरकार के इस कदम से देश के कारोबारियों (India china trade) को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और वो जरूरत के हिसाब से चीन के साथ अपना कारोबार कर रहे हैं. ये बात वित्त मंत्री ने मुंबई दौरे में संवादाताओं के साथ बातचीत में कही. दरअसल संवादाताओं ने पूछा था कि क्या सरकार के कदम से भारत और चीन के बीच व्यापार में घरेलू कारोबारियों पर असर देखने को मिला है. वित्त मंत्री ने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब भारत ने चीन के एप पर प्रतिबंध लगाये हैं.
पिछले हफ्ते 54 एप पर प्रतिबंध
भारत ने पिछले सोमवार को चीन से संबंध रखने वाले 54 मोबाइल ऐप को सुरक्षा एवं निजता से जुड़े मसलों पर प्रतिबंधित कर दिया जिनमें टेंसेंट एक्सराइवर, नाइस वीडियो बायडु और वीवा वीडियो एडिटर शामिल हैं. प्रतिबंधित किए गए 54 चीनी ऐप ने कथित तौर पर उपयोगकर्ताओं से अहम मंजूरियां हासिल कर उनसे संवेदनशील जानकारियां जुटाईं. ये ऐप उपयोगकर्ताओं से जुटाई गई जानकारियों का दुरुपयोग कर रहे थे और उसे विरोधी देश में स्थित सर्वरों को भेज रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, प्रतिबंधित किए गए ऐप देश की अखंडता एवं संप्रभुता को खतरे में डालने वाली गतिविधियों में कथित तौर पर लिप्त पाए गए थे. इनसे देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा होने की आशंका पाई गई. सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन 54 ऐप को प्रतिबंधित करने के लिए अंतरिम निर्देश जारी कर दिए हैं. मंत्रालय को इस बारे में गृह मंत्रालय से अनुरोध किया गया था. प्रतिबंध के दायरे में आए ऐप में ब्यूटी कैमराः स्वीट सेल्फी एचडी, ब्यूटी कैमराः सेल्फी कैमरा, राइज ऑफ किंग्सडम्सः लॉस्ट क्रुसेड, वीवा वीडियो एडिटर, टेंसेंट एक्सराइवर जैसे लोकप्रिय ऐप भी शामिल हैं. इनके अलावा गेरेना फ्री फायर- इल्युमिनेट, एस्टाक्राफ्ट, फैंसीयू प्रो, मूनचैट, बारकोड स्कैनर-क्यूआर कोड स्कैन और लीका कैम को भी सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है
पहले भी प्रतिबंधित हुए हैं एप
वर्ष 2020 में भी कई प्रमुख चीनी ऐप प्रतिबंधित किए गए थे. जून 2020 में सरकार ने टिकटॉक और यूसी ब्राउजर जैसे 59 चीनी ऐप पर पाबंदी लगा दी थी. जून 2020 में भारत सरकार ने चीनी ऐप पर प्रतिबंध का कदम लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच पैदा हुए तनाव के बाद उठाया था. उसके बाद इन प्रतिबंधित ऐप के नकली संस्करण के रूप में उतारे गए ऐप को भी अगस्त 2020 में प्रतिबंधित कर दिया था. उसी साल सितंबर में भी सरकार ने 118 अन्य चीनी ऐप पर भी पाबंदी लगा दी जिनमें लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी भी शामिल था.