क्या नॉनवेज खाने से हो सकते हैं मोटापे का शिकार?
वर्तमान समय में मोटापा एक बड़ी समस्या के तौर पर उभर रहा है. हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं.
वर्तमान समय में मोटापा एक बड़ी समस्या के तौर पर उभर रहा है. हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. मोटापे की वजह से लोगों को कई बीमारियों का सामना भी करना पड़ रहा है. वैसे तो मोटापे की कई वजह हो सकती हैं, लेकिन कई बार यह सवाल भी उठता है कि क्या नॉनवेज खाने से मोटापा बढ़ता है? कुछ लोग इस बात को सही मानते हैं, तो कुछ लोग इसे गलत बताते हैं. अगर आप भी इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं, तो आज आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा. आज आपको बताएंगे कि इस बारे में रिसर्च और स्टडी क्या कहती हैं.
क्या कहती है स्टडी?
PETA की एक रिपोर्टके मुताबिक, एनिमल बेस्ड प्रोडक्ट में प्लांट बेस्ड फूड की अपेक्षा ज्यादा फैट होता है. लंबे समय तक वजन को कंट्रोल करने के लिए शाकाहारी फूड खाना चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक कई स्टडीज से पता चलता है कि नॉनवेज खाने वाले लोगों में मोटापे की दर शाकाहारी लोगों की अपेक्षा 3 गुना ज्यादा होती है. चौंकाने वाली बात यह है कि वेजिटेरियन डाइट अपनानेेे वाले लोगों का वजन नॉनवेज खाने वालों की तुलना में करीब 4 से 8 किलो तक कम होता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहार अपनाने से न केवल आपको पतला होने में मदद मिलेगी, बल्कि यह आपको हृदय रोग, डायबिटीज, गठिया और कैंसर सहित कई तरह की बीमारियों से लड़ने में भी मदद करेगा.
क्या हो सकती है मोटापे की प्रमुख वजह?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की रिपोर्ट के मुताबिक, मोटापा एक जटिल बीमारी है, जो तब होती है जब किसी व्यक्ति का वजन उसकी हाइट के लिए स्वस्थ माने जाने वाले वजन से अधिक होता है. मोटापा बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी प्रभावित करता है. खाने का पैटर्न, फिजिकल एक्टिविटी का लेवल और बिगड़ी हुई स्लीपिंग साइकल सहित कई फैक्टर मोटापा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. कई बार जेनेटिक और कुछ दवाओं के लेने से भी मोटापा बढ़ सकता है. वजन को कंट्रोल करने के लिए हर दिन फिजिकल एक्टिविटी, बैलेंस डाइट और अच्छी लाइफ स्टाइल जरूरी होती है.