फ़ायदे, जो नींबू को बनाते हैं दुनिया का सबसे सस्ता सुपरफ़ूड

Update: 2023-06-16 15:28 GMT
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति सर एडमंड हिलेरी नींबू के बहुत बड़े फ़ैन थे. उनका मानना था कि नींबू न होता तो वे शायद एवरेस्ट फ़तह नहीं कर पाते. दरअसल समुद्र सतह से बहुत अधिक ऊंचाई पर जब ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है और सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगती है, तब नींबू बड़ा सहायक साबित होता है. इतना ही नहीं समुद्री यात्रा के दौरान स्कर्वी नामक बीमारी यात्रियों के लिए जानलेवा साबित होती थी. यह विटामिन सी (एस्कार्बिक एसिड) की कमी से होनेवाली गंभीर बीमारी है. कहते हैं भारत की खोज के लिए निकले वास्को डी गामा का जहाज़ी बेड़ा जब तक अफ्रीका महाद्वीप के केप ऑफ़ गुड होप तक पहुंचा, तब तक उसके दो-तिहाई नाविक स्कर्वी के चलते मारे गए थे. एक अकेले नींबू ने हज़ारों समुद्री यात्रियों की जान बचाई. आज हम नींबू के उन गुणों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो इसे दुनिया का सबसे सस्ता सुपरफ़ूड बनाते हैं.
क्या हैं नींबू की विशेषताएं?
कच्चा नींबू हरे रंग का होता है जब यह पक जाता है, तो इसका रंग पीला हो जाता है. नींबू भारतीय रसोई का एक आवश्यक अंग माना जाता है. नींबू मूलत: एक भारतीय फल है, जिसमें अम्लता ज़्यादा होती है और शर्करा की मात्रा काफ़ी कम होती है. आजकल तो इसकी पैदावार पूरी दुनिया में होने लगी है. भारत, श्रीलंका, मलेशिया, मैक्सिको तथा वेस्ट इंडीज़ में नींबू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
नींबू में मौजूद पोषक तत्वों का विश्लेषण करें तो इसमें 85 प्रतिशत पानी, 1 प्रतिशत प्रोटीन, 0.9 प्रतिशत फ़ैट, 11.1 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 1.8 प्रतिशत फ़ाइबर्स, 0.07 प्रतिशत कैल्शियम और 0.03 प्रतिशत फ़ॉस्फ़ोरस होता है. 100 ग्राम नींबू में 2.3 मिलीग्राम आयरन और 39 मिलीग्राम तक विटामिन सी होता है. इसके अलावा नींबू में थोड़ा-बहुत विटामिन-ए भी पाया जाता है. नींबू में प्राकृतिक रूप से पाया जानेवाला विटामिन-सी कृत्रिम विटामिन-सी से कहीं ज़्यादा प्रभावशाली होता है. नींबू के रस में बायोफ्लेवोनाइट्स (विटामिन पी) का भी सम्मिश्रण होता है, इसलिए इसमें पाया जानेवाला विटामिन-सी बहुत ही प्रभावशाली होता है. विटामिन-सी के अतिरिक्त नींबू में मामूली मात्रा में नियेसिन और थायामिन भी पाया जाता है.
क्या हैं नींबू के औषधीय गुण?
आयुर्वेद में नींबू को महत्त्वूर्ण फल माना गया है और इसके गुणों की बड़ी प्रशंसा की गई है. यह खट्टा, उष्ण, पाचक, आमाशय की अग्नि को जागृत करने वाला, हल्का, आंखों की रौशनी के लिए बेहतरीन और स्वाद में खट्टा व कसैला होता है. आयुर्वेद की मानें तो यह पित्त के अत्यधिक रिसाव को रोकता है तथा मुंह को स्वच्छ बनाए रखता है. यह कफ़ को बाहर निकाल देता है और वायु विकार को दूर करता है. नींबू भोजन को पचाता है और कब्ज़ को दूर करता है. यह उल्टी, गले की तक़लीफ़, गैस एवं गठिया रोग को रोकता है. नींबू पेट के कीड़ों को नष्ट कर डालता है. हालांकि स्वाद में यह खट्टा होता है, पर चयापचय के बाद शरीर में क्षारीय अर्थात अल्कलाइन प्रभाव छोड़ जाता है.
नींबू का रस शक्तिशाली कीटाणुनाशक का काम करता है. यह दुनियाभर में किए गए गई प्रयोगों से साबित भी हो चुका है. हाल के दिनों में इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर नींबू के रस का इस्तेमाल काफ़ी प्रचलित हुआ. कुछ शोध तो यहां तक बताते हैं कि नींबू के रस से मलेरिया, हैजा, कंठ रोग, टाइफ़ाइड तथा अन्य भयंकर बीमारियों के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं.
नींबू में पाया जानेवाला, विटामिन-सी रक्तवाहिनियों को मज़बूत बनाता है. इसलिए शरीर के अन्दर होनेवाला रक्तस्राव बंद हो जाता है. नींबू के रस का यह गुण हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए रामबाण है. नींबू के रस में साइट्रिक एसिड नामक एक अन्य महत्त्वपूर्ण तत्त्व भी पाया जाता है. नींब में सेब और अंगूर की अपेक्षा अधिक पोटैशियम पाया जाता है, जो हृदय के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है. दांतों एवं हड्डियों को स्वस्थ और मज़बूत बनाये रखने के लिए नींबू बहुत ही उपयोगी है. नींबू में स्थित विटामिन-सी का कैल्शियम के चयापचय में महत्त्वपूर्ण योगदान होता है. गठिया एवं जोड़ों के दर्द में नींबू के रस का उपयोग प्राचीन काल से होता रहा है. नींबू का रस मूत्रल होता है, इसलिए इसके सेवन से मूत्रपिंड एवं मूत्राशय के रोगों में काफ़ी राहत मिलती है. आमाशय के कीड़ों को ख़त्म करने के लिए नींबू के रस का उपयोग
किया जाता है.
कैसे और कब करें नींबू का इस्तेमाल?
नींबू का रस विशुद्ध रूप में नहीं पीना चाहिए. इसे पीने के पहले इसमें थोड़ा पानी ज़रूर मिला लेना चाहिए. नींबू के विशुद्ध रस में एसिड का अंश होता है, जिससे दांतों के इनेमल को हानि पहुंच सकती है. सुबह ठंडे या गुनगुने पानी में नींबू का रस और थोड़ा-सा शहद मिला कर ख़ाली पेट पीने से शरीर की अच्छी ख़ासी सफ़ाई हो जाती है. इस नुस्ख़े से कब्ज़ की तक़लीफ़ भी ख़त्म हो जाती है.
महामारी के इस दौर में लोगों को नींबू के रस के कीटाणुनाशक तथा रोग प्रतिरोधक गुणों का लाभ उठाना चाहिए. वर्षा के दिनों में तो विशेष रूप से इसका सेवन करना चाहिए. नींबू के रस से बुखार में बहुत राहत मिलती है. पानी में मिलाए नींबू का रस मधुमेह के रोगियों की प्याम बुझाने में विशेष रूप से उपयोगी होता है. पेट की गड़बड़ी में नींबू का रस तुरंत राहत प्रदान करता है.
नींबू के इतने फ़ायदों को देखते हुए इस बात में कोई शक़ की गुंजाइश नहीं रह जाती कि नींबू दुनिया का सबसे सस्ता सुपरफ़ूड है.
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