सफेद मूसली खाने के फायदे, वजन बढ़ाने से लेकर डिप्रेशन कम करने तक

Update: 2023-05-05 14:47 GMT
सफेद मूसली क्या है (What is safed musli)
मूसली का वानस्पतिक नाम क्लोरोफाइटम बोरीविलियेनम (Chlorophytum Borivilianum) है। यह शतावरी परिवार से संबंधित है। यह एक उष्ण कटिबंधीय जड़ी-बूटी है, जो प्रायद्वीपीय भारत (Peninsular India) के गीले जंगलों में फैली है।
आयुर्वेद में दो तरह की मूसली का वर्णन है। सफेद मूसली और काली मूसली। इन दोनों का इस्तेमाल रोगों के उपचार में ही होता है।
लेकिन काली मूसली की तुलना में सफेद मूसली ज्यादा फायदेमंद है। मूसली फाइबर और प्रोटीन युक्त नाश्ता (Fiber and protein rich breakfast) का ऑप्शन है। सफेद मूसली को निम्नलिखित नामों से भी जाना जाता है। जैसे,
इंडियन स्पाइडर प्लांट (Indian Spider plant)
लैंड-कालट्रोप्स (Land-Caltrops)
धोली मूसली (Dholi Musli)
श्वेत मूसली (Swetha Musli)
तान्यारवी खंग (Taniravi Thang)
खिरुवा Khiruv)
जड़ी-बूटी में लांसेलेट के आकार के पत्ते (Lanceolate-shaped leaves) और घने रेसमोसस सफेद रंग के फूल (Dense racemosus white-coloured flowers) इसकी पहचान होते हैं। इसके पौधे की ऊंचाई करीब 1.8 फीट होती है।
आयुर्वेद में मूसली का प्रयोग ब्रिहाना थेरेपी (Brihana Therapy) में किया जाता है। मधुमेह (diabetes), ऑस्टियो आर्थराइटिस (osteoarthritis), मांसपेशियों की कमजोरी (muscular weakness), थकान (fatigue), बॉडी बिल्डिंग (bodybuilding), पुरुष की कमजोरी (male weakness) आदि बीमारियों के इलाज में ब्रिहाना थेरेपी बेहद फायदेमंद है। आइए सफेद मूसली खाने के फायदे भी जान लेते हैं।
सफेद मूसली किस काम आती है? (What is the use of Safed Musli?)
सफ़ेद मूसली भारत की एक दुर्लभ जड़ी बूटी है। इसका उपयोग आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी सहित चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों में किया जाता है। लोग एथलेटिक परफॉरमेंस, मोटापा, इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) और अन्य स्थितियों के लिए सफेद मूसली का उपयोग करते हैं।
लेकिन इन उपयोगों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। वैसे आपको बता दें कि अत्यधिक कटाई के कारण इस पौधे की प्रजाति अब दुनिया भर में एक संकटग्रस्त प्रजाति है।
सफेद मूसली में ऐसे रसायन होते हैं, जिनका शरीर पर प्रभाव पड़ सकता है। जानवरों में शोध से पता चलता है कि यह सूजन को कम कर सकती है।
पशुओं पर किए गए रिसर्च से यह भी पता चलता है कि यह यौन क्रिया को बढ़ा सकता है और संभवतः इसका टेस्टोस्टेरोन के समान प्रभाव हो सकता है। लेकिन यह शोध प्रारंभिक है। इंसानों पर इसका कोई विश्वसनीय शोध नहीं है।
सफेद मूसली के सेक्सुअल बेनिफिट्स (Sexual Benefits of Safed Musli)
सफेद मूसली कामेच्छा बढ़ाकर यौन प्रदर्शन में सुधार कर सकती है। इसके अतिरिक्त, यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाती है। एक अध्ययन के अनुसार सफेद मूसली का उपयोग शीघ्रपतन को रोकने और शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार, यह शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाता है। इस प्रकार, सफ़ेद मुसली को अक्सर एक प्रभावी कामोद्दीपक और पुनरोद्धार के रूप में उपयोग किया जाता है।
वाजीकरण (कामोद्दीपक) और रसायन (कायाकल्प करने वाली) जड़ी-बूटी के रूप में सफेद मूसली यौन प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए प्रभावी है। 1/2 चम्मच पिसी हुई सफेद मूसली को 1 गिलास दूध या 1 चम्मच शहद के साथ लें। रोजाना दो बार इसे दोहराएं। बेहतर परिणामों के लिए कम से कम एक से दो महीने तक जारी रखें।
सफेद मूसली के फायदे पुरुषों के लिए (Safed Musli Ke Fayde)
1. वजन बढ़ाने में मददगार (Safed Musli For Body Weight)
सफेद मूसली में कई हेल्दी न्यूट्रीएंट (healthful nutrient) होते हैं। इसके सेवन से कई तरह के विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं। इससे कम वजन वाले लोगों को पोषण मिलता है। साथ ही जिन्हें लीन मसल्स मास गेन करने की जरूरत होती है।
अगर आप भी वजन बढ़ाने और मांसपेशियों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं तो रोजाना सोने से पहले एक चम्मच सफेद मूसली पाउडर का सेवन दूध के साथ कर सकते हैं।
2. एंग्जाइटी और डिप्रेशन कम करे (Safed Musli For Anxiety and Depression)
सफेद मूसली में एडाप्टोजेन या तनाव-रोधी गुण (Adaptogenic or anti-stress properties) पाए जाते हैं। विभिन्न मानसिक बीमारियों या स्थितियों जैसे, डिप्रेशन (Depression), डिमेंशिया (Dementia) आदि को दूर करने में इसका सेवन बेहद उपयोगी है।
यह शरीर में वात और पित्त दोषों (vata and pitta dosh) को भी नॉर्मल करती है, जो बदले में सेरोटोनिन हार्मोन (Serotonin hormone) को बैलेंस करने में मदद करती है। साथ ही यह एंग्जाइटी, बेचैनी (Uneasiness), ठंडे हाथ (Cold hands) और पैर (Feet) आदि समस्याओं में भी मदद करती है।
3. लिबिडो के लिए सुरक्षित मूसली (Safed Musli For Libido)
सफेद मूसली कामोत्तेजक प्रभाव (strong aphrodisiac effects) मानसिक तनाव और चिंता (mental stress and anxiety) को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा यह लिबिडो (libido) बढ़ाने के लिए हार्मोन को उत्तेजित करती है। यह पुरुषों में पौरुष और सहनशक्ति ( virility and stamina) बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाती है।
4. डायबिटीज को नियंत्रित रखे (Control Diabetes)
सफेद मूसली में हाइपोग्लाइसेमिक प्रॉपर्टी (hypoglycemic property) होती है, जो कि शरीर की ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने का काम करती है। The β-pancreatic cells, जो इंसुलिन के उत्पादन में मदद करती है, मूसली का सेवन करने से वे काफी एक्टिव हो जाती हैं। यह ग्लूकोज (glucose) में स्टार्च के टूटने को कम करने में भी मदद करती है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है।
5. इम्यूनिटी बढ़ाए (Increase immunity)
मूसली का शक्तिशाली फॉर्मूलेशन स्टेमिना और इम्यूनिटी का लेवल (stamina and energy level) बढ़ा देता है। अश्वगंधा और अन्य जड़ी-बूटियों की एक्टिव प्रॉपर्टीज कमजोरी और थकान को कम कर सकती हैं। साथ ही यह इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मदद करता है।
सफेद मूसली खाने के तरीके और खुराक (Ways to eat Safed musli and dosage)
सफेद मूसली को आमतौर पर पाउडर के रूप में लिया जाता है। इसका या तो काढ़ा (खांसी और सामान्य सर्दी के लिए लिया जाने वाला आयुर्वेदिक पेय) बनाया जा सकता है या जरूरत और चिकित्सकीय नुस्खे के अनुसार दूध, शहद या अन्य जड़ी-बूटियों के साथ लिया जा सकता है। सफेद मूसली कैप्सूल और टैबलेट भी बाजार में उपलब्ध हैं।
यह माताओं का प्रसव के पश्चात डाइट का एक अनिवार्य हिस्सा है, जिसमें मूसली नई माताओं को लड्डू (एक भारतीय मिठाई) के रूप में दी जाती है।
केरल में पारंपरिक चिकित्सक हेयरलाइन फ्रैक्चर के तेजी से उपचार के लिए सफ़ेद मूसली की जड़ के पेस्ट का उपयोग करते हैं।
सफेद मूसली के पाउडर को दूध और शहद के साथ मिलाकर पेस्ट के रूप में स्किन पर लगाया जाता है, जो स्किन की बनावट और रंगत (त्वचा का गोरापन) में सुधार करने के लिए जाना जाता है।
यह एक आम आयुर्वेदिक उपचार "मूसली पाक" का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उपयोग यौन रोगों के उपचार में किया जाता है।
इस पौधे की पत्तियों का उपयोग देश के कई भागों में भोजन के रूप में किया जाता है।
सफेद मूसली पाउडर की अनुशंसित खुराक प्रति दिन खाली पेट 1-2 चम्मच है। हालांकि, आयुर्वेदिक डॉक्टरों के अनुसार सफेद मूसली की खुराक और उपयोग व्यक्ति की उम्र, लिंग और शारीरिक स्थिति पर निर्भर करती है। इसलिए, सफेद मूसली को किसी भी रूप में लेने से पहले अपने डॉक्टर से जांच कराना सबसे अच्छा है। सर्दियों के महीनों में सफेद मूसली लेना बेहतर होता है, क्योंकि यह शरीर को गर्म करने के लिए जाना जाता है, जिससे शरीर में अधिक गर्मी पैदा होती है।
सफेद मूसली को काली मूसली, शतावरी, अश्वगंधा और सालेप के साथ समान मात्रा में मिलाया जाता है, आदर्श रूप से ल्यूकोरिया (योनि से सफेद-पीले स्राव की विशेषता) से राहत पाने के लिए रात में 1 चम्मच लिया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, सफेद मूसली को दूध के साथ 1:1 के अनुपात में मिश्री के साथ मिलाकर सामान्य थकान से निपटने में उपयोगी माना जाता है।
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