गठिया के मरीजों को इन चीजों से करनी चाहिए दूरी

कोरोना के कहर से हर कोई रूबरू है, इस वायरस के चपेटे में आने के बाद से कई लोगों की इम्यूनिटी (immunity) पर भी इसका असर पड़ा है.

Update: 2022-02-08 11:14 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  कोरोना के कहर से हर कोई रूबरू है, इस वायरस के चपेटे में आने के बाद से कई लोगों की इम्यूनिटी (immunity) पर भी इसका असर पड़ा है. इसके कारण से लोगों को अलग अलग तरह की शारीरिक परेशानियां हो गई हैं. इसी में से एक अहम रोग है कि कई लोगों को जोड़ों के दर्द की दिक्कत भी हो रही है. कई बार लोगों को ऐसा भी लग रहा है कि ये जोड़ों को दर्द उम्र के कारण से है, लेकिन असल में वे अर्थराइटिस की बीमारी से जूझ रहे होते हैं. अर्थराइटिस (Arthritis) या गठिया एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में लोग कम ही जागरुक हैं. आपको बता दें कि अर्थराइटिस में जॉइंट पेन या जोड़ों में बहुत अधिक दर्द होने के साथ ही सूजन सी भी महसूस होती है. इसका दर्द काफी असहनीय भी होता है. बता दें कि अर्थराइटिस की बीमारी जॉइंट्स (Arthritis Pain) को बुरी तरह से प्रभावित करती है और इसमें, शरीर की हड्डियों के जोड़ में एक दर्द सा बस जाता है. इतना ही नहीं इसमें. कोहनी और घुटनों के अलावा उंगलियों और कलाइयों में भी दर्द महसूस होता है.

जानिए अर्थराइटिस के मरीजों को क्या नहीं खाना चाहिए?
फास्ट फूड
जो भी लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं उनको खानपान का ध्यान रखना चाहिए. फास्ट फूड, अनाज और बेक्ड फूड जैसे प्रोसेस्ड आइटम में रिफाइंड अनाज, एडेड शुगर, प्रिजर्वेटिव्स और ऐसी चीजें पाई जाती हैं, जिनसे मरीज को दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये शरीर में सूजन बढ़ाने का काम करता है.
अल्कोहल
अगर आप शराब का सेवन कर रहे हैं, तो आज ही बंद कर दें. इन मरीजों की सेहत के लिए शराब हानिकारक मानी जाती है. अर्थराइटिस की बीमारी में शराब और भी खतरनाक है, इससे घुटनों में दर्द की प्रॉब्लम बढ़ सकती है.
मीट/चिकन/फिश
नॉनवेज खाने वाले लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत होती है. दरअसल ज्यादा ओमेगा 6 फैट और कम ओमेगा-3 फैट वाली डाइट ओस्टियोआर्थराइटिस और रयूमेटाइड आर्थराइटिस को और बढ़ाने का काम करते हैं.
नमक
गठिया वाले लोगों के लिए नमक का सेवन सोचसमझकर होना चाहिए, यानी कि इनको कम नमक खाना चाहिए. बता दें कि झींगा, डिब्बाबंद सूप, पिज्जा,चीज़, प्रोसेस्ड मीट और कई अन्य प्रोसेस्ड फूड में नमक बहुत ज्यादा पाया जाता है, ऐसे में इनसे दूरी बनानी चाहिए.
एजीई
एजीई का मतलब है एडवांस ग्लाइसेशन एंड प्रॉडक्ट (AGE)। ये आमतौर पर अधपके मीट में पाए जाते हैं. ऐसे में बता दें कि हाई प्रोटीन, मेयोनेज़, हाई फैट एनिमल फूड, जिन्हें फ्राई, रोस्ट, ग्रिल या उबाल कर खाया जाता है,जिससे एजीई का होने लगभग तय होता है.


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