स्वस्थ शरीर के लिए आपके पेट का स्वस्थ रहना जरूरी हैं। कई गंभीर बीमारियों की शुरुआत पेट से ही होती हैं। पेट की बीमारियों का खानपान से गहरा नाता होता हैं। गर्मी के दिनों में पेट में गर्मी और जलन की समस्या होना आम बात हैं और वहीँ सर्दी के दिनों में आप गर्म तासीर वाला खाना ज्यादा खाते हैं जिससे पेट की गर्मी बढ़ती हैं। पेट की गर्मी की वजह से उन्हें कब्ज, दस्त, डायरिया, ब्लोटिंग, उल्टी जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पेट में जलन का प्रमुख कारण भोजन का सही तरीके से नहीं पचना है, जिसके कारण एसिडिटी की समस्या हो जाती है। लेकिन इन सबसे घबराने की जरूरत नहीं है। आज हम आपके लिए कुछ ऐसे आहार की जानकारी लेकर आए हैं जो पेट की गर्मी से राहत दिलाने का काम करेंगे। आइये जानते हैं इनके बारे में...
आंवला
आंवला की तासीर ठंडी होती है। और यह आपके पेट को अंदर से साफ करता है। साथ ही किसी भी प्रकार के अनपच को भी ठीक करता है। आंवला खाने से आपका पेट अंदर से ठंडा रहता है। और यह हेयर फॉल को भी कम करने में मदद करता है।
जीरा
आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक जीरे में पेट की आंत में होने वाली हलचल (इरिटेशन) और अल्सर को आराम पहुंचाने में बहुत असरदार होता है। जीरे में ऐसे असरदार पदार्थ पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को तेज करते हैं। मेटाबालिज्म को विकसित करते है और गैस, कब्ज, गैस्ट्रिक की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। जीरा खट्टी डकार को आने से रोकता है। जब भी एसिउिटी होने लगे तो जीरे के कुछ दाने को चबाकर चूसें या फिर जीरे के कुछ दानों को पानी में अच्छे से उबालकर रख लें। जब भी एसिडिटी होने लगे तो इसको पीएं। ऐसा करने से एसिडिटी तुरंत शांत हो जाएगी।
मेथी के बीज
पेट की गर्मी को शांत करने के लिए मेथी के बीजों से तैयार ठंडे पानी का सेवन करें। इससे पेट की गर्मी से तुरंत राहत मिल सकती है। इस पानी को तैयार करने के लिए 1 गिलास पानी में मेथी को डालकर कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। अब इस पानी को पिएं। इसके अलावा मेथी के बीजों को पानी में उबालकर ठंडा होने के लिए छोड़ दें। फिर इसे कुछ समय के लिए फ्रिज में रख दें। बाद में जरूरत पड़ने पर इसे पिएं। इससे पेट की गर्मी दूर होगी।
दही
दही पेट को ठंडा रखने के लिए सबसे उपयोगी माना जाता है खाने के बाद थोड़ी सी दही खा लेने से किसी भी प्रकार का मसालेदार खाना आपके पेट में आसानी से बच सकता है इसलिए हमेशा आप जब भी कुछ मसालेदार खाएं तो खाने के बाद दही को जरूर खाएं।
तुलसी के पत्ते
आयुर्वेद के मुताबिक, नियमित रूप से तुलसी के पत्तों का सेवन करने से आपके पेट में पानी की मात्रा और तरलता बढ़ जाती है, जिसके कारण पेट में अतिरिक्त एसिड नहीं बन पाता। तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन करने वाले लोग ज्यादा तेज मिर्च-मसाले भी आसानी से पचा लेते हैं। अगर आप खाना खाने के बाद 5-6 तुलसी के पत्ते चबाते हैं तो आपके पेट में एसिडिटी की समस्या नहीं रहती।
सौंफ
यह पाचन तंत्र, कब्ज व गैस की शिकायत को भी दूर करता है। इसमें भरपूर मात्रा में पोटेंट एंटी-अल्सर प्रॉपर्टीज होती है, जो एसिडिटी को शांत करती है। एसिडिटी के दौरान शरीर में होने वाली जलन को तुरंत खत्म करने में मदद करता है। सौंफ के कुछ दानों को चबाकर चूसने से भी एसिडिटी में राहत मिलती है। इसके साथ ही सौंफ का एसिडिटी के लिए खास घरेलू उपचार भी है। सौंफ के कुछ दानो को पानी में अच्छे से उबाल लें और फिर इसे रात भर ऐसे ही छोड़ दें, फिर सौंफ के इस उबले हुए पानी को जब भी आपको पेट में जलन महसूस होने लगे तब पीएं। यह एसिडिटी से तुरंत राहत दिलाएगी।