देश की सभी दवा कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के कड़े गुणवत्ता मानकों का पालन करना होगा। नए गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने दवा कंपनियों को छह से 12 महीने तक समय दिया है। देश में कुल 10,500 दवा कंपनियां हैं, जिनमें से लगभग 2000 कंपनियों ने ही गुणवत्ता मानक के लिए तय गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस का सर्टिफिकेट लिया है। अब सभी के लिए इसे लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका पालन नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ जुर्माना या लाइसेंस रद्द किये जाने जैसी कार्रवाई भी हो सकती है।
भारत है दुनिया का फार्मेसी कैपिटल
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आज भारत दुनिया की 'फार्मेसी कैपिटल' के रूप में जाना जाता है। भारत की इस साख को बरकरार रखने के लिए उच्च गुणवत्ता को सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके लिए गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (जीएमपी) के नियम शेड्यूल एम में दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि 2018 में शेड्यूल एम का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया गया था, लेकिन इसे फाइनल नहीं किया जा सका था।
सरकार ने पिछले दिनों में शेड्यूल एम के तहत जीएमपी को विश्व स्वास्थ्य संगठन के जीएमपी के अनुरूप बनाते हुए इसे सभी कंपनियों के लिए अनिवार्य कर दिया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 250 करोड़ रुपये से अधिक सालाना टर्न ओवर वाली बड़ी कंपनियों को छह महीने के भीतर जीएमपी के लिए आवेदन करने और सर्टिफिकेट लेने का समय दिया गया है।
वहीं 250 करोड़ रुपये से कम की टर्न ओवर वाली कंपनियों को इसके लिए 12 महीने का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि सर्टिफिकेट देने के पहले कंपनी के फैक्ट्री का फिजिकल वेरीफिकेशन भी किया जाता है। देश में लगभग 8500 एमएसएमई दवा उत्पादन कंपनियां हैं, जिनका टर्न ओवर 250 करोड़ रुपये से कम है। इन कंपनियों को 12 महीने का समय मिल जाएगा। उन्होंने इसे देश में आम जनता को गुणवत्तापूर्ण दवा उपलब्ध कराने की दिशा में अहम कदम बताया।
विदेश से शव लाना होगा आसान
विदेश में मृत्यु होने पर शव स्वदेश लाने में परिजनों को दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा। इसके लिए सरकार ने ई-केयर नाम से पोर्टल लांच किया है। मृत व्यक्ति का परिजन, कोई भी एनजीओ या फिर शव लाने वाली एयरलाइन इस पोर्टल पर दस्तावेजों को अपलोड कर आवेदन कर सकती है। दिल्ली एयरपोर्ट पर इस पोर्टल पर 24 घंटे नजर रखने के लिए दफ्तर बनाया जा रहा है, जो लगातार आवेदन को प्रोसेस करता रहेगा।