Alert: धूप से बचाव के लिए करते हैं सन-केयर प्रोडेक्ट्स की इस्तेमाल तो सावधान
कहीं ये बन न जाए कैंसर की वजह?
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | तंत्रिका तंत्र का हमारे शरीर की कार्यप्रणाली में विशेष स्थान है। हम जो कुछ भी सोचते हैं, महसूस करते हैं या फिर जो भी कार्य करते हैं वह तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित होता है। यानी कि अगर इनमें किसी तरह की दिक्कत आ जाए तो पूरे शरीर की कार्यप्रणाली पर असर हो सकता है।
नर्वस सिस्टम हमारी इंद्रियों के माध्यम से जानकारी लेता है और पूरे शरीर में उन सूचनाओं को पहुंचाता है जैसे कि आपकी मांसपेशियों को कब हिलाना या आपको दर्द महसूस करना आदि। उदाहरण के लिए यदि आप किसी गर्म चीज को छूते हैं, तो तुरंत हाथ को वापस खींच लेते हैं, यह इसलिए होता है क्योंकि आपकी नसें, आपके मस्तिष्क को दर्द के संकेत भेज रही होती हैं। अगर तंत्रिकाओं में कोई दिक्कत हो जाए तो ये एहसास होने ही बंद हो सकते हैं जिसके कारण कई तरह की दिक्कतों का जोखिम हो सकता है।रोलॉजिकल रोग ऐसी स्थितियां हैं जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती हैं। आपके तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के साथ-साथ वे सभी नसें शामिल हैं जो शरीर के बाकी हिस्सों में फैली होती हैं। ऐसी कई बीमारियां हैं जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इसमें से ज्यादातर लाइफस्टाइल की गड़बड़ी के कारण होने वाली दिक्कतें हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, 600 से अधिक बीमारियां हैं जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इस प्रकार के रोगों को न्यूरोलॉजिक रोग कहा जाता है।तंत्रिका तंत्र का हमारे शरीर की कार्यप्रणाली में विशेष स्थान है। हम जो कुछ भी सोचते हैं, महसूस करते हैं या फिर जो भी कार्य करते हैं वह तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित होता है। यानी कि अगर इनमें किसी तरह की दिक्कत आ जाए तो पूरे शरीर की कार्यप्रणाली पर असर हो सकता है।
नर्वस सिस्टम हमारी इंद्रियों के माध्यम से जानकारी लेता है और पूरे शरीर में उन सूचनाओं को पहुंचाता है जैसे कि आपकी मांसपेशियों को कब हिलाना या आपको दर्द महसूस करना आदि। उदाहरण के लिए यदि आप किसी गर्म चीज को छूते हैं, तो तुरंत हाथ को वापस खींच लेते हैं, यह इसलिए होता है क्योंकि आपकी नसें, आपके मस्तिष्क को दर्द के संकेत भेज रही होती हैं। अगर तंत्रिकाओं में कोई दिक्कत हो जाए तो ये एहसास होने ही बंद हो सकते हैं जिसके कारण कई तरह की दिक्कतों का जोखिम हो सकता है।रोलॉजिकल रोग ऐसी स्थितियां हैं जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती हैं। आपके तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के साथ-साथ वे सभी नसें शामिल हैं जो शरीर के बाकी हिस्सों में फैली होती हैं। ऐसी कई बीमारियां हैं जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इसमें से ज्यादातर लाइफस्टाइल की गड़बड़ी के कारण होने वाली दिक्कतें हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, 600 से अधिक बीमारियां हैं जो आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इस प्रकार के रोगों को न्यूरोलॉजिक रोग कहा जाता है।शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि करीब 78 सनस्क्रीन और सन-केयर उत्पादों में बेंजीन नामक एक अत्यधिक जहरीला रसायन पाया गया है जो कैंसर कारक हो सकता है। इस रसायन के संपर्क में आने के कारण कैंसर विकसित होने का जोखिम काफी बढ़ सकता है। यदि आप इसे निगलते हैं, छूते हैं या इसमें सांस लेते हैं तो यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
यह रसायन रूम टंप्रेचर पर आसानी से वाष्पित हो जाता है और पानी में घुल सकता है। डिटर्जेंट, दवाओं या कीटनाशकों के बाद अब सन-केयर उत्पादों में भी इसकी पुष्टि की गई है जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अलर्ट किया है।