टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया लगातार प्रगति कर रही हैं और आजकल बच्चों के लिए एक से बढ़कर एक गेम सामने आ रहे हैं। ऐसे में देखने को मिलता हैं कि बच्चे अपना अधिकतर समय मोबाइल फोन में वीडियो गेम खेलने में गुजारते हैं। अब यह सवाल उठता हैं कि इसका बच्चों पर कैसा प्रभाव पड़ रहा हैं। ऑनलाइन गेम्स फायदेमंद भी हैं जो बच्चों का एकाग्रता बढ़ाने का काम करती हैं, लेकिन तभी जब यह सिमित समय में की जाए। अन्यथा इसका बच्चों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं। वीडियो गेम्स की लत से बच्चों के शारीरिक, मानसिक और व्यक्तित्व विकास में बाधा आती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह वीडियो गेम्स की लत बच्चों की सेहत पर भारी पड़ सकती हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...
# दिमागी रूप से कमजोर होना
कई बार बच्चे घंटों बिना पलकें झपकाएं देर तक वीडियो गेम्स खेलते रहते है। ऐसे में उनकी मस्तिष्क की कार्य क्षमता औरएकाग्रता प्रभावित होती है। साथ ही वह सिर में हमेशा दर्द, बेचैनी और भारीपन का एहसास हो सकता है। ऐसे बच्चे स्कूलकी पढ़ाई पर भी अधिक ध्यान नहीं दे पाते है क्योंकि पढ़ाई के दौरान भी उनके दिमाग में काफी कुछ चल रहा होता है और वह उस वीडियो गेम से निकाल नहीं पाते है।
# सोशल आइसोलेशन
कई बार बच्चे ऑनलाइन गेमिंग से इतना लीन हो जाते हैं कि वो अपने परिवार और पेरेंट्स से दूर होते चले जाते हैं। इस कारण वो खुद को सोशली बेहद आइसोलेट कर लेते हैं और पेरेंट्स के कितना ही कोशिश करने के बाद भी उनके लिए सोशलाइज करना मुश्किल होता है। इसके अलावा, बच्चे घरेलू कामों, आउटडोर गेम्स और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने में दिलचस्पी भी खत्म हो जाती है। बाहर दोस्तों के साथ खेलने से बच्चे का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास होता है। इससे टीमवर्क और खेलने की भावना का विकास होता है लेकिन अगर आपका बच्चा वीडियो गेम्स में व्यस्त रहता है, तो इससे बच्चे का मन उदास रहता है और वह शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है।
# मोटापा
एक जगह बैठे रहने के कारण और जंक फूड के सेवन से बच्चों में मोटापा की समस्या हो सकती है। गेम खेलने के दौरान बच्चे खाना अधिक खा लेते है और खाना ढंग से चबाते नहीं है, जिसके कारण पाचन की क्रिया उचित ढंग से नहीं हो पाती है और बच्चों में मोटापा की समस्या हो सकती है इसलिए खाते वक्त बच्चों को टीवी या गेम न खेलने दें।
# बच्चों में चिड़चिड़ापन
लगातार गैजेट्स और वीडियो गेम देखने के कारण बच्चों के मस्तिष्क पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। ऐसे में सिरदर्द और भारीपन की समस्या हो सकती है। इस दौरान उन्हें अपने पेरेंट्स और दोस्तों की बात से भी चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है। गेम के अलावा उनका मन अन्य किसी काम में नहीं लगता है और किसी काम को करने के दौरान चिड़चिड़ापन महसूस होता है।
# तनाव और अनिद्रा
तमाम बच्चे रात को देर तक ऑनलाइन गेम्स खेलते है। ऐसे में उनकी आंखों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। आंखों में ड्राईनेस और दर्द होने लगता है और सिरदर्द शुरु हो जाता है। फिर रात को उन्हें अच्छे से नींद नहीं आती है और सुबह उठने में भी परेशानी होती है। पूरी दिनचर्या प्रभावित होने के कारण उनका मन किसी काम में नहीं लगता है।
# आंखों में दर्द या जलन
लगातार स्क्रीन देखना बच्चों की आंखों में दर्द और जलन का कारण बनते जा रहे हैं। गेम्स खेलने से बच्चों की आंखों में ड्राईनेस बढ़ जाती है जिस वजह से दर्द और जलन होने लगती है।
# उदासी और अकेलापन
वीडियो गेम की लत के कारण बच्चे अकेलापन का अनुभव करने लगते है क्योंकि अपने दोस्तों और परिवार के साथ बात करने की जगह वह वीडियो गेम खेलना पसंद करते है। इससे उनके दिमाग में उदासी और अकेलेपन का अनुभव होता है। वह खुद को सबसे अलग-थलग करने से वह भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते है। किसी से कुछ कह नहीं पाते है।