आचार्य चाणक्य: इस बात को मानने वालों को कभी नहीं होगी पैसों की कमी
आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य (Chanakya) महान विद्वान थे जिन्होंने अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र और नीति शास्त्र का भी गहन अध्ययन किया था. उन्होंने अपने ज्ञान से मानव जाति की बहुत भलाई की. चाणक्य ने चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में मनुष्य की हर समस्या का समाधान बताया है. चाणक्य ने मनुष्य को हर परिस्थिति से निपटने की कला के बारे में विस्तार से बताया है.
अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में रुपये पैसों की कमी ना हो और सुख-समृद्धि बनी रहे तो आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई इन बातों का पालन अवश्य करना चाहिए. चाणक्य नीति के तीसरे अध्याय के 21वें श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं:
मूर्खा यत्र न पूज्यते धान्यं यत्र सुसंचितम् ।
दंपत्यो कलहो नास्ति तत्र श्रीः स्वयमागतः ॥
अर्थात- जहां मूर्खों को सम्मान नहीं मिलता हो, जहां अनाज अच्छे तरीके से संभालकर रखा जाता हो और जहां पति-पत्नी के बीच में लड़ाई न होती हो, वहां पर लक्ष्मी जी खुद ही चली आती हैं और धन धान्य की कमी नहीं होती.
ज्ञानियों का सम्मान करें- आचार्य चाणक्य कहते हैं हमेशा ज्ञानियों का सम्मान किया जाना चाहिए मूर्खों का नहीं. जो लोग इस बात का ध्यान रखते हैं उन्हें जीवन में न तो कोई परेशानी आती है और ना ही उनके पास धन की कमी होती है.
अनाज का सम्मान करें- अनाज को अन्नपूर्णा कहा जाता है क्योंकि अनाज स्वंय देवी लक्ष्मी का रूप है इसलिए अनाज बर्बाद करने वालों से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं. इसलिए जिस घर में अनाज का सम्मान होता है, उसे बर्बाद नहीं किया जाता, अच्छी तरह से संभालकर रखा जाता है, वहां पर हमेशा लक्ष्मी जी का वास रहता है.
पति-पत्नी में न हो झगड़ा- जिस घर में क्लेश नहीं होता, पति-पत्नी के बीच झगड़े नहीं होते, आपसी प्रेम बना रहता है, उसी घर में लक्ष्मी का वास होता है क्योंकि पत्नी को गृह लक्ष्मी कहा जाता है. इसलिए पति को हमेशा पत्नियों का सम्मान करना चाहिए.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. जनता से रिश्ता इनकी पुष्टि नहीं करता है.)