वजन कम करने के लिए 5 आयुर्वेदिक डाइट टिप्स

Update: 2023-05-07 11:48 GMT
आयुर्वेद के अनुसार ऐसे लोगों का बढ़ता है वजन (According to Ayurveda, these people gain weight)
आयुर्वेद के अनुसार कफ दोष (kapha dosha) वाले लोगों का वजन अधिक होने की संभावना रहती है। कफ दोष वालों का मेटाबॉलिज्म कमजोर (Weak metabolism) होता है। कफ दोष की अधिकता ही वजन बढ़ने का कारण होती है। वजन घटाने के लिए कफ दोष को कम करना जरूरी होता है।
आयुर्वेद में 8 प्रकार के शरीर बताए गए हैं। इन्हें आमतौर पर अस्वस्थ (Unhealthy) माना जाता है। इन 8 प्रकारों में बमुश्किल या अत्यधिक फैट वाले लोग होते हैं, जिन्हें एनोरेक्सिया या मोटे शरीर (Anorexia or obese bodies) के रूप में भी जाना जाता है। उन लोगों की बीमारी सबसे अधिक अतिसंवेदनशील (Most susceptible to disease) होती है।
एनोरेक्सिया या मोटापे का सामान्य कारण खाने के नियमों (Eating rules) का पालन न करना है। कफ दोष को कम करने के लिए आपको कुछ टिप्स फॉलो करने चाहिए, जो कि आयुर्वेद में बताए गए हैं।
1. कफ पेसिफाइंग डाइट खाएं (Eat kapha-pacifying diet)
आप समझ चुके हैं कि कफ दोष के कारण इंसान का वजन बढ़ जाता है और आप आलसी भी हो जाते हैं। साथ ही यह मेटाबॉलिज्म कम कर देता है और तरह-तरह की बीमारियां भी पैदा कर देता है।
यह दोष वाटर रिटेंशन (Water retention) का भी कारण बनता है, जिससे इंसान फूला हुआ लगता है। इस दोष को कम करने के लिए कफ पेसिफाइंग डाइट लेने की जरूरत होती है। इससे शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं और मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।
इसके लिए क्लीन और हेल्दी डाइट लें। यह जानना जरूरी है कि वजन कम करने के आयुर्वेदिक तरीके का मतलब यह नहीं कि आपको अपने पसंदीदा खाद्य पदार्थों का सेवन छोड़ना होगा। बल्कि आपको हेल्दी और बैलेंस डाइट लेना होगी। इस प्रक्रिया में समय लगता है लेकिन यह कफ दोष को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है।
2. खूब पानी पिएं (Drink plenty of water)
1-2 गिलास गर्म पानी के साथ सुबह में नींबू का रस पीना बेहतरीन तरीका है। यह पूरे पाचन तंत्र को सही रखने (Boost digestive system) के साथ ही बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करेगा (help your body to detox)। साथ ही दिमाग एवं शरीर को किक देगा (revive your mind and body)।
इसके अलावा ओवर हेल्थ सही रखने के लिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को प्रभावी रूप से बाहर निकालने में मदद करेगा। रोजाना कितने गिलास पानी पीना चाहिए..! (How much water you need to drink in hindi) यह जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। आयुर्वेद भोजन के तुरंत बाद या पहले पानी पीने की सलाह नहीं देता है।
3. मौसमी फूड खाएं (Eat seasonal food)
ayurvedic diet tips to lose weight in hindi
© Shutterstock
मौसमी फल और सब्जियां (seasonal fruits and vegetables) खाएं, जो वजन घटाने की प्रोसेस को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। साथ ही इससे शरीर को एनर्जी भी मिलती है।
फल और सब्जी कैलोरी में काफी कम होते हैं। लेकिन वो फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट (Fibre and antioxidants) में हाई होते हैं। ये किसी भी बीमारी के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।
शरीर को मौसम के मुताबिक फूड की जरूरत होती है। इसलिए विभिन्न मौसम के अनुसार मौसमी फलों और सब्जियों को अपने आहार का हिस्सा बनाना जरूरी है।
आयुर्वेद का मानना ​​है यदि आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपको कुछ समय के लिए नॉनवेज, हैवी फूड से दूर रहना होगा।
4. पर्याप्त आराम और एक्सरसाइज (Get adequate rest and exercise)
दी गई है कि आपको सप्ताह में कम से कम तीन दिन एक्सरसाइज करनी चाहिए। हर किसी का शेड्यूल अलग होता है और दिन में वर्कआउट करना संभव नहीं होता है। लेकिन 15-20 मिनट की एक्सरसाइज भी हार्ट रेट को बढ़ा सकती है। यह रूटीन आने वाले समय के लिए फायदेमंद रहेगा।
आयुर्वेद कहता है 6-10 am या pm के बीच का समय एक्सरसाइज के लिए अच्छा होता है। इसलिए इन समय के अंदर एक्सरसाइज करें और कम से कम 7-8 घंटे का आराम करें।
5. 3 मील्स प्रतिदिन लें (Three meals per day)
आयुर्वेद प्रतिदिन 3 मील लेने की सलाह देता है। आयुर्वेद के मुताबिक स्वस्थ नाश्ता सुबह 7:30 से 9:00 बजे के बीच, दोपहर का भोजन (यह आपका सबसे बड़ा भोजन होना चाहिए) 11:00 बजे से 2:00 बजे के बीच और 5:30 बजे से 8:00 बजे के बीच हल्का डिनर लेना बताया गया है। इसका मतलब है आयुर्वेद में कई तरह के भोजन की सलाह नहीं दी जाती है, जो कि आजकल ट्रेंड में बना हुआ है।
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