सर्दी में जरुर खाएं मक्के की रोटी

शरीर में यदि लाल रक्‍त कणिकाओं का निर्माण कम हो जाए तो इस स्थिति को एनिमिया बोला जाता है

Update: 2022-09-14 16:29 GMT
खून बढ़ाए
शरीर में यदि लाल रक्‍त कणिकाओं का निर्माण कम हो जाए तो इस स्थिति को एनिमिया बोला जाता है। ऐसे में एिन‍मिया के मरीजों के ल‍िए मक्के का आटा बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल मक्‍के में जिंक, आयरन व बीटा कैरोटीन होता है, जो बॉडी में लाल रक्‍त कणिकाओं का निर्माण बढ़ाने का कार्य करता है। इससे कई बीमार‍ियों का रिस्क कम हो जाता है।
हड्डियों को बनाए मजबूत
मैग्नीशियम व आयरन से भरपूर मक्के की रोटी के सेवन से हड्डियों का घनत्‍व बढ़ता है। इसके अतिरिक्त इसमें जिंक व फास्‍फोरस भी पाया जाता है। यह आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों से बचाव में भी कार्य आता है
पचने में आसान
गेंहू की रोटी के अपेक्षा मक्‍के की रोटी का पाचन आसन होता है। यह एसिडिटी, कब्‍ज आदि पेट संबंधी समस्याओं से न‍िजात दिलाने में भी लाभकारी होता है।
पेशाब की जलन को करें दूर
मक्के के भुट्टे को पानी में उबाल लिया जाए व छानकर इसमें मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन व गुर्दों की कमजोरी भी दूर होती है। पहले मक्के के उबले दानों को चबाया जाए वअंत में इस पानी को पिया जाए, तो यह किडनी व मूत्र तंत्र को बेहतर बनाता है। किडनी की सफाई के लिए यह उत्तम फार्मूला है।
ऐसा करने से पथरी होने की संभावना समाप्त हो जाती हैं।
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