गले की खराश दूर करेगा नानी मां का ये नुस्खा
मौसम में बदलाव होने का असर सबसे पहले सेहत और त्वचा पर पड़ता है। इस मौसम में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मौसम में बदलाव होने का असर सबसे पहले सेहत और त्वचा पर पड़ता है। इस मौसम में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिनमें से पेट में इंफेक्शन, खांसी, गले में खराश, बुखार जैसी समस्याएं सबसे जल्दी शरीर को घेरती हैं। आप इन समस्याओं से राहत पाने के लिए नानी मां के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। मुलेठी का सेवन आप गले की खराश से राहत पाने के लिए कर सकते हैं। तो चलिए कैसे आप मुलेठी का सेवन इस समस्या से राहत पाने के लिए कर सकते हैं।
मुलेठी खाने के फायदे
आयुर्वेद में मुलेठी को औषधि के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यह कई बीमारियों से राहत दिलवाने में मदद करती हैं। मुलेठी में एंटीबॉयोटिक, एंटीऑक्सीडेंट और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा मुलेठी में कैल्शियम भी पाया जाता है। सर्दी, खांसी, गले की खराश जैसी समस्याओं से भी राहत पाने में यह बहुत ही फायदेमंद होती है।
ऐसे इस्तेमाल करें मुलेठी
.गले के लिए मुलेठी को रामबाण उपाय माना जाता है। यदि इंफेक्शन के कारण आपका गला बैठ गया है तो आप मुलेठी को चूस लें। इससे आपके गले को काफी आराम मिलेगा।
. यदि आपके गले में खराश है तो आप मुलेठी को पीसकर उसका चूर्ण तैयार कर लें। चूर्ण को आप शहद में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। इसका चूर्ण का सेवन करने से आपको माइग्रेन के दर्द से भी काफी आराम मिलेगा।
. आप मुलेठी की जड़ लें और उसका एक पाउडर बना लें। पाउडर को आप तुलसी के पत्तों के रस को पानी में उबालें। इससे मिश्रण से एक काढ़ा तैयार कर लें। काढ़े को छान लें और फिर इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं। आपको गले के दर्द से राहत मिलेगी। .
. आप मुलेठी और अदरक से बनी चाय का सेवन करके भी गले के दर्द और खराश जैसी समस्याओं से भी राहत पा सकते हैं। आप मुलेठी को पाउडर और अदरक को थोड़ी देर के लिए पानी में उबाल लें। फिर आप तैयार किए गए मिश्रण को छाने और एक कप में निकाल लें। इस चाय का सेवन आप दिन में दो बार सकते हैं।
. यदि आपको आंखों से संबंधित कोई समस्या है तो भी आप इसका सेवन कर सकते हैं। मुलेठी का सेवन करने से आपको आंखों की जलन और लाल आंख जैसी समस्या से भी राहत मिलेगी।
. आर्थराइटिस की बीमारी में भी आप मुलेठी का सेवन कर सकते हैं। इसमें एंटीबॉयोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो इस समस्या में होने दर्द और सूजन को कम करने में भी सहायता करते हैं।